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विवि को मिली हाईकोर्ट के आदेश की प्रति, शिक्षकों में हलचल बढ़ी

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि के प्रशासनिक कार्यालय को मप्र हाईकोर्ट द्वारा बीते सप्ताह पारित किए गए आदेश की प्रति मिल गई है। अधिकृत जानकारी के अनुसार विवि प्रशासन आदेश का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद विधिक सलाह लेेकर आगामी उठाया जाएगा। इधर लगातार छुट्टियों के बीच पहला वर्किंग डे सोमवार रहा। जिसमें पूरे परिक्षेत्र में उक्त आदेश को लेकर प्रभावित व गैर-प्रभावित शिक्षकों के बीच चर्चाएं गरमाई रहीं। सभी की जुबान पर आदेश और उसके परिपालन को लेकर अपने-अपने तर्क थे। कुछ लोग यह मान रहे हैं कि इतनी आसानी से यह मामला निपटने वाला नहीं है। प्रभावितों को हाईकोर्ट की डबल बैंच और सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल सकती ैहै।

चर्चा है कि….निवर्तमान कुलपति इस मामले में कुछ नहीं करेंगी!

फैसले से प्रभावित शिक्षकों का कहना था कि अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। हाईकोर्ट की डबल बैंच और फिर सुप्रीम कोर्ट का रास्ता भी है। जहां हम अपना पक्ष रखेंगे। कोर्ट को बताएंगे कि हम लोग नियमानुसार सिलेक्ट हुए हैं, इसमें हमारी क्या गलती है। प्रक्रिया में अगर कहीं चूक या अनियमितताएं हुई हैं तो इसके विवि के तत्कालीन मुखिया से लेकर प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदार हैं। जो शिक्षक इस आदेश से अप्रभावित हैं, उनका अपना अलग ही गणित है। उनके अनुसार निवर्तमान कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। वे जाते-जाते इस तरह के किसी भी मामले में खुद को नहीं उलझाएंगी। यानी 5 सितंबर तक पुर्न:साक्षात्कार संबंधी कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद जो भी कार्यकारी कुलपति आएगा। वह भी इस विवादित मामले में कार्रवाई करने से बचेगा। हाईकोर्ट की डबल बैंच या सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो इन सभी 90-92 शिक्षकों की छुट्टी तय है।

हाईकोर्ट ने 2013 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण माना है

मप्र हाईकोर्ट ने 12 अगस्त 2025 को आदेश पारित किया है। जिसके अनुसार साल 2013 में 157 असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति प्रक्रिया को दोषपूर्ण है। आदेश के अनुसार तत्कालीन विज्ञापन के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर्स के पद के लिए स्क्रूटिनी के बाद इंटरव्यू के लिए चुने गए सभी अभ्यर्थियों को पुन: इंटरव्यू के लिए बुलाया जाए। यह प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूर्ण कर ली जाए। आदेश से साफ है कि विज्ञापन में दिए गए 76 करीब पद के विरुद्ध इंटरव्यू देने पहुंचे लोगों को ही दोबारा इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। शेष की नौकरी 15 नवंबर के बाद नहीं बढ़ेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में विवि प्रशासन पर 5 लाख रुपए की कास्ट भी लगाई है। विवि की भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताते हुए यह याचिका पूर्व संविदा शिक्षक डॉ. दीपक गुप्ता ने दाखिल की थी। 

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