ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार वकीलों पर खर्च कर चुकी है 3.12 करोड़ रुपए
जिला न्यायालय में वकीलों के बीच फीस बनी चर्चा का विषय, एक वकील सागर के जिला बार रूम के हैं प्रैक्टिसनर

सागर। ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पहले हाईकोर्ट जबलपुर और अब सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में सुनवाई जारी है। इस मामले में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए महाधिवक्ता के अलावा, विशेष अधिवक्ता और सॉलिसिटर जनरल को नियुक्त किया है। विधानसभा के हालिया मानसून सत्र में इस संबंध में जुन्नारदेव विस क्षेत्र (छिंदवाड़ा) से कांग्र्रेस विधायक सुनील उईके ने एक प्रश्न लगाया गया। जिसमें सरकार से मुख्य रूप से पूछा गया कि आपके द्वारा नियुक्त किए गए वकीलों पर वर्ष 2019 से अब तक कितनी फीस का व्यय किया गया। सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जवाब दिया गया कि इस मामले में अब तक सॉलिसिटर जनरल, महाधिवक्ता व उनकी लीगल टीम के अधिवक्ताओं को कुल 3.12 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
सरकार से ये भी पूछा कितनी पेशी में वकील नहीं पहुंचे
विधायक उईके ने सरकार से यह भी पूछा था कि ओबीसी आरक्षण को लेकर मप्र हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अब तक कितनी सुनवाई हो चुकी हैं तथा इन सुनवाइयों में से कितनी बार राज्य सरकार के महाधिवक्ता व लीगल टीम के सदस्य उनमें उपस्थित नहीं रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन दोनों ही सवाल के जवाब के लिए जानकारी एकत्र कराने की बात कही है। इधर राज्य सरकार द्वारा महाधिवक्ता व उनकी लीगल टीम को किया गया यह भुगतान जिला न्यायालय परिसर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इसके पीछे कारण बहुत ही साधारण सा है कि लीगल टीम में एक सागर के प्रेक्टिसनर एड. रामेश्वर पी. सिंह का भी नाम है। जिन्हें सरकार अब तक 55.50 लाख रु. का भुगतान कर चुकी है।
सॉलिसिटर जनरल को मिले 1.21 करोड़ रु., चार्टड प्लेन का भुगतान किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के जवाब अनुसार वर्ष 2019 से किए गए भुगतान में सबसे अधिक राशि सॉलिसिटर जनरल केएम नटराजन को दी गई। उन्हें अलग-अलग किस्त में 1.21 करोड़ रुपए दिए गए। एक अन्य सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को 75 लाख रु. दिए गए। वहीं राज्य के तत्कालीन महाधिवक्ता शशांक शेखर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेशी के लिए चार्टड प्लेन का उपयोग करने पर उन्हें 8.31 लाख रु. का भुगतान किया गया। लीगल टीम में शामिल एड. विनायक प्रसाद शाह को 52.50 लाख रु. और एड. रामेश्वरप्रताप सिंह को 55.50 लाख रु. का भुगतान किया गया। 
31/07/2025



