केसली की थोकबंद जमीन खरीदी ! ग्रामीण बोले हमारे साथ हो सकती है ठगी
कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर अधीनस्थ अमले ने लिए किसानों के बयान, तहसीलदार का दावा, रजिस्ट्री कार्यालय से समन्वय कर अवैध खरीदी को रोकेंगे

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सागर। जिले की केसली तहसील के 5 गांव में अज्ञात व्यक्ति या समूह द्वारा थोकबंद जमीन की खरीदी के मामले में जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। एक दिन पहले सागरवाणी ने कलेक्टर संदीप जीआर के संज्ञान में यह मामला लाया था। जिसके बाद अधीनस्थ अमले ने मामले की पड़ताल की। वहीं जिन किसानों से जमीन खरीदने के सौदे का दावा किया जा रहा है, वे भी तहसीलदार कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमारे साथ ठगी की कोशिश हो रही है। बता दें कि गुुरुवार को एक आम सूचना का प्रकाशन किया गया है। जिसके अनुसार इन गांवों के सैकड़ों किसानों से करीब 470 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी जाना है। खरीदार ने भोपाल के एक एडव्होकेट के माध्यम से इस सौदे के संबंध में बेचवार समेत आम नागरिकों से दावा-आपत्ति मांगे हैं। जिसके लिए 30 दिन की समय सीमा दी है। जिन गांवों की जमीन खरीदी जा रही है। उनमें चक्कबिलेखी, सेमरा, ईदलपुर, खेरी और झिरिया के नाम शामिल हैं।
भोपाल के दलाल ने किसी कंपनी के लिए सौदे किए थे
तहसील कार्यालय में शिकायत करने आए किसान धनीराम, शिवराज, विक्रम आदि ने बताया कि हम लोगों को मालूम ही नहीं है कि हमारी जमीन कौन खरीद रहा हैै और इसके लिए सहमति किसने दी। साथ ही बताया कि करीब 10-12 साल पहले भोपाल का एक जमीन दलाल ललिताप्रसाद शर्मा यहां सक्रिय था। उसने किसी कंपनी के नाम पर जमीन बेचने के लिए कुछ किसानों को राजी किया था। इसके बाद से वह गायब है।
किसान राधेश्याम यादव ने बताया कि क्षेत्र में अज्ञात लोगों का गिरोह सक्रिय है जो हम लोगों के आधार नंबर, जमीनों के खसरा की नकल आदि निकालकर फर्जीवाड़ा करने वालों को उपलब्ध करा रहा है। मुमकिन है कि यह काम इसी गिरोह की मदद से किया गया हो।
पटवारी से रपट मांगी है, बगैर सहमति के जमीन नहीं बिकने देेंगे
केसली के प्रभारी तहसीलदार प्रेमनारायणसिंह का कहना है कि यह गंभीर मामला है। कलेक्टर, एसडीएम के दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। स्थानीय पटवारी से रपट मांगी गई है। प्रारंभिक रूप से जानकारी मिली है कि किसी कंपनी ने 10-12 साल पहले कुछ किसानों से जमीन खरीदी का करार किया था। लेकिन इसके दस्तावेज सामने नहीं आए हैं। किसानों ने भी एक शिकायती ज्ञापन दिया है। जिसके आधार पर संबंधित से जानकारी ली जाएगी कि वह किस आधार पर जमीन खरीदने का दावा कर रहे हैं।
रजिस्ट्री कार्यालय से भी समन्वय किया जाएगा ताकि किसी तरह की कूट-रचना या हेर-फेर से इन किसानों की रजिस्ट्री नहीं हो पाए। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
25/07/2025



