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सुसाइड करने वाला पुलिसकर्मी स्पाइडरमैन मूवी के कैरेक्टर पीटर पार्कर से खासा प्रभावित था !

बीते सप्ताह हवलदार शाहरुख ने घर पर लगा ली थी फांसी, सुसाइड नोट में पीटर पार्कर का किया था जिक्र

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सागर। बीते गुरुवार को मोमिनपुरा थाना मोतीनगर में एक पुलिसकर्मी शाहरुख खान ( 42) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वर्तमान में वह विदिशा पुलिस लाइन में हवलदार के पद पर तैनात था। उसके पास मिले संक्षिप्त सुसाइड नोट में लिखा था कि, पीटर पार्कर मैं तुम्हारे पास आ रहा हूं। इस मामले की जांच कर रही मोतीनगर पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल से यही सामने आ रहा है कि शाहरुख, हॉलीवुड की मशहूर फिल्म सीरीज स्पाइडरमैन के कैरेक्टर पीटर पार्कर से खासा प्रभावित था।जानकारी मिली है कि उसे हॉलीवुड की फिल्में देखने का बहुत शौक था। करीबी रिश्तेदार-दोस्तों से जब वह बात करता तो कभी फास्ट एंड फ्यूरियस तो कभी फाइनल डेस्टिनेशन सीरीज की मूवी का जिक्र छेड़ बैठता था। घरवाले इसके इस व्यवहार को सामान्य रूप लेते रहे। शाहरुख के बारे में एक जानकारी और मिली है कि वह पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौकीन था। हालांकि यह अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि वह किस विषय की पुस्तकें पढ़ता था। मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंतसिंह का कहना है कि सुसाइड नोट में आए नाम को लेकर खोजबीन अभी भी जारी है। लेकिन प्रारंभिक अनुमान यही है कि सुसाइड नोट वाला नाम स्पाइडरमैन फिल्म का कैरेक्टर हो सकता है।

करीबी दोस्त नहीं हों तो लोग काल्पनिक दुनिया में जीने लगते हैं

सुपरमैन, स्पाइडरमैन सरीखे कैरेक्टर से अधिकांशत: बच्चे या किशोर प्रभावित होते हैं। लेकिन यहां मामला एक अधेड़ावस्था की तरफ बढ़ रहे  पुलिसककर्मी शाहरुख खान का है। सागरवाणी ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के प्रो. डॉ.राहुल एम. देव से इस मामले पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के करीबी दोस्त नहीं होते। वह अक्सर काल्पनिक दुनिया, फिल्म कैरेक्टर, ईश्वर के अवतार आदि को अपना मित्र या मार्गदर्शक मान लेते हैं। हवलदार शाहरुख के मामले में संभवत: यही हुआ हो। करीबी दोस्त नहीं होने के कारण उसने पीटर पार्कर सरीखे फिल्मी पात्र को अपना मान लिया। जिससे वह अपने सुख-दुख की बातें शेयर करने लगा हो। एक संभावना यह भी है कि वह अपने किसी करीबी या परिचत में पीटर पार्कर की छवि देखने लगा हो। जो बदकिस्मती से अब दुनिया में नहीं हो। और उसी से मिलने की बात लिखकर उसने सुसाइड कर लिया। मनोचिकित्सक डॉ. देव के अनुसार ऐसे लोगों को पहचान पाना थोड़ा कठिन होता है लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं। जैसे खुद को सबसे दूर रखना, नींद नहीं आना, भोजन पर ध्यान नहीं देना। व्यवहारिक दुनिया को छोड़कर हमेशा काल्पनिक चरित्र, अवतार, मृत लोगों  की बात करना। अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो परिजन को उसे मनोचिकित्सकीय सलाह दिलाना चाहिए।

पूरा परिवार पुलिस विभाग की सेवा में , सब सकते में हैं

मृत पुलिसकर्मी शाहरुख खान के परिवार के अधिकांश लोग पुलिस सेवा में रहे हैं। उसके पिता अनवर खान पुलिस महकमे से हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं। जबकि बड़े भाई फीरोज खान की कोरोना कॉल में मृत्यु हो चुकी है। फीरोज भी विदिशा पुलिस लाइन में पदस्थ थे। शाहरुख के चाचा अकबर खान भी सागर पुलिस लाइन में पदस्थ हैं। परिजनों के अनुसार शाहरुख की दो छोटी बच्चियां हैं जो फिलहाल नर्सरी व प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ रहीं हैं। शाहरुख के अचानक इस प्राणघाती कदम उठाने से पूरा परिवार सकते हैं। हालांकि वे लोग करीब 6 महीने से उसका उपचार शहर के एक मनोचिकित्सक से करा रहे थे। लेकिन अचानक ही उसने फांसी लगाकर अपना जीवन समाप्त कर लिया।

23/07/2025

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