अपराध और अपराधी
1.40 करोड़ रु. बैंक में जमा, इनकम टैक्स ने ध्रुव प्रताप सिंह पर किया केस दर्ज
सूत्रों के अनुसार अज्ञात व्यक्ति ने नहीं ली रकम की जिम्मेदारी इसलिए ध्रुव प्रताप सिंह बनाआरोपी
सागर वाणी डेस्क।9425172417
सागर। चार दिन पहले पकड़े गए 1.40 करोड़ की जांच इनकम टैक्स (आईटी) की टीम ने बुधवार दोपहर पूरी कर ली। रकम के साथ पकड़े गए युवक धु्रव प्रताप सिंह बुंदेला निवासी ललितपुर के खिलाफ आईटी के अधिकारियों ने केस दर्ज कर जांच में ले लिया है। उसके पास मिली रकम को आईटी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सिविल लाइंस ब्रांच के सरकारी खाते में जमा करा दिया है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान धु्रव प्रतापसिंह ने आईटी अधिकारियों के सामने किसी शख्स का नाम लिया था। लेकिन आईटी ने जब उससे संपर्क किया तो उसने इस रकम पर अपना किसी भी तरह का दावा करने से मना कर दिया। इस स्थिति में आईटी ने इस रकम का वारिस धु्रव प्रताप को मान उसके विरुद्ध आयकर अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। सागर वाणी ने इस राशि के वास्तविक स्रोत तक नहीं पहुंचने के संबंध में आईअी के एक जांच अधिकारी से बात की। उन्होंने जवाब दिया कि इस राशि पर किसी दूसरे व्यक्ति ने अपना दावा नहीं किया। इसलिए ध्रुव प्रताप को आरोपी बनाया गया है। अन्य दो युवकों की इसमें कोई भूमिका नहीं मिली है। वहीं गाड़ी के मालिक ने यह बोलकर स्वयं को मामले से दूर कर लिया कि मैंने केवल अपनी गाड़ी दी थी। इस राशि से मेरा कोई वास्ता नहीं है। 2000 रु. के नोट की बदली से मामला जुड़ा होने के सवाल पर आईटी अफसर ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

28 लाख रु. और देना होंगे, हो सकती है जेल
आईटी की इस कार्रवाई के संबंध में शहर के एक जाने-माने टैक्स वकील का कहना है कि यह मामला उतना आसान नहीं है, जितना दिख रहा है। असल में इस अघोषित रकम पर, उसके मौजूदा मालिक को सबसे पहले तो 60 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके बाद उस पर 60 प्रतिशत ही पेनॉल्टी अधिरोपित की जाएगी। इस तरह से उसे 1.40 करोड़ रुपए की एवज में 1.68 करोड़ रु. आयकर विभाग को जमा करने होंगे। उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। जिसमें उसे अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।
धनवान नहीं ध्रुव,फिर असल मालिक कौन ?विभिन्न स्रोतों और सोशल मीडिया एकाउंट्स के अनुसार धु्रव प्रताप किसी साधन संपन्न परिवार से नहीं है। उसके पिता नारहट जिला ललितपुर यूपी के एक सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में शिक्षक रहे हैं। स्वयं को यूपी के एक राजकीय विवि की कैंटीन का संचालक बताता है। परिवार की ललितपुर के गुड़ा बुजुर्ग गांव में कुल जमा 7-8 एकड़ जमीन है। उसकी एक बहन सागर में पुलिस कांस्टेबिल है। ऐसे में यह अविश्वसनीय है कि ये 1.40 करोड़ रुपए उसी के हों। अगर यह रकम उसकी है भी तो स्रोत अस्पष्टï है। साफ है कि इस रकम का मालिक कोई और ही है। जो टैक्स, पेनॉल्टी और जेल के डर से पीछे हट गया। मुमकिन है कि यह व्यक्ति राजनैतिक जगत से जुड़ा हो। ध्रुव प्रताप का यह प्रकरण उन, युवाओं को लिए भी सबक है। जो सत्ता और धन संपन्न परिवार के युवकों के ग्लैमर में आकर उनकी वैध-अवैध गतिविधियों में शामिल होना अपनी शान समझते हैं। दुर्भाग्य से जब कभी ये लोग कानून के शिकंजे में फंसते हैं तो उनके वही धन संपन्न दोस्त, शुभचिंतक वगैरह-वगैरह इस केस की तरह अपना पल्ला झाड़कर निकल जाते हैं।
19/09/2023



