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कटरा की जामा मस्जिद के आसपास पागल कुत्ते का आतंक, 60 लोगों को काटा

बकरीद के दिन और शाम को कई घंटे तक क्यामगाह के आसपास रहा दहशत का माहौल

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सागर। शहर के कटरा बाजार क्षेत्र में पिछले 24 घंटों से एक लाल-गेरुआ रंग की आक्रामक श्वान (मादा) का आतंक छाया हुआ है। इस श्वान ने बकरीद के दिन नमाज अदा करने आए कई लोगों समेत आसपास के करीब 60 लोगों को अपना शिकार बनाया। घायलों में अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। इस अप्रत्याशित हमले ने त्योहार के उत्साह को फीका कर दिया और पूरे क्षेत्र में शनिवार देरशाम तक दहशत का माहौल बना रहा।

अचानक काट कर यहां-वहां छिप रही थी श्वान

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शनिवार दोपहर इस श्वान ने कटरा बाजार की संकरी गलियों और जामा मस्जिद के आसपास आक्रामक व्यवहार दिखाना शुरू कर दिया था। जिसने भी उसके रास्ते में आने की कोशिश की, उसे उसने बेरहमी से काटा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग उसके शिकार बने। लोगों में इतनी दहशत फैल गई कि कई लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कई लोगों को काटने के साथ-साथ गिरने से भी चोटें आईं।

त्योहारी तैयारियों के बीच एंटी-रैबीज का डोज लेना पड़ा

घायल तुरंत स्थानीय अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में ले जाया गया, जहां उन्हें एंटी-रेबीज इंजेक्शन और अन्य आवश्यक उपचार दिए गए। अधिकांश लोग जिलाअस्पताल पहुंचे। गनीमत थी कि यहां पर्याप्त संख्या में एंटी रैबीज के इंजेक्शन मौजूद थे। जानकारी के अनुसार घायलों को पैर व हाथ में सामान्य घाव आए हैं। एक घायल युवक, मोहम्मद आसिफ ने बताया, “मैं मस्जिद की तरफ जा रहा था तभी अचानक उस कुतिया ने मुझ पर हमला कर दिया। मैंने देखा कि वह पहले भी दो-तीन लोगों को काट चुकी थी।

नगर निगम अमला बेखबर, दूसरे दिन भी नहीं ली जानकारी

सबसे चिंताजनक बात यह है कि घटना को 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, यह श्वान अभी तक पकड़ी नहीं जा सकी है। कटरा बाजार और आसपास के इलाकों में लोग अब भी खौफ के साए में जी रहे हैं। बच्चों को अकेले बाहर भेजने से माता-पिता कतरा रहे हैं। कुछ लोगों ने स्थानीय पार्षद को जानकारी दी है लेकिन अभी तक इस श्वान को पकड़ने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बहरहाल इस घटना ने शहर की आवारा कुत्तों की समस्या को एक बार फिर उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि न केवल इस श्वानको पकड़ा जाए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने और उनके टीकाकरण के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।

08/06/2025

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