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राजस्थान से सागर आते-आते दो गुने भाव में बिकने लगा पाकिस्तानी नमक

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सागर। शहर में इन दिनों एक ट्रैक्टर-ट्रॉली घूम रही है। यह ट्रैक्टर राजस्थान के गुरुचरणसिंह चला रहे हैं। उनकी ट्रॉली में पाकिस्तान के लाहौर से आने वाला सैंधा नमक भरा हुआ है। 10-20 किलो से ज्यादा वजनी इस सैंधे नमक के यह ढेले दूर से ही लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला निवासी गुरुचरण का कहना है कि, यह नमक मैंने मई के शुरुआत में खरीदा था। तब मुझे यह थोक भाव में करीब 20 रु. किलो मिला था। लेकिन जैसे ही पहलगाम वाली घटना हुई और भारत ने पाकिस्तान से आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाया तो नमक के दाम दोगुना हो गए। मैं भी जब महीने भर पहले ट्रॉली में भरकर यह नमक बेचने निकला था, तब 40 रु. किलो बेच रहा था। लेकिन जयपुर मंडी में भाव 40 रु. किलो हुए तो मैंने भी रेट बढ़ाकर 60 रु. प्रति किग्रा कर दिए।

सेंधा नमक स्वास्थ के लिए भी लाभकारी होता है

आम तौर पर मप्र समेत देश के अधिकांश हिस्सों में सेंधा नमक को उपवास के व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। सामान्य उपयोग करें तो यह नमक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। नमक बेच रहे गुरुचरण के अनुसार पाकिस्तान में सेंधा नमक के बड़े-बड़े पहाड़ होते हैं। वहां के पंजाब प्रांत में स्थित खेवड़ा नामक खदान से सेंधा नमक निकलता है। यह खदान दुनियाभर में मशहूर है और जब कभी भी पर्यटक लाहौर आते हैं तो वो यहां पर जाना नहीं भूलते हैं। यह खदान, नमक कोह नाम की पहाड़ी पर स्थित है। जो दुनिया में सेंधा नमक की सबसे बड़ी खदान है। गुरुचरण का कहना है कि देश में जैसे ही इस नमक का स्टॉक खत्म होगा और पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ते बहाल नहीं होते हैं तो फिर यह नमक खाड़ी देशों के माध्यम से आने लगेगा। हालांकि इससे कीमत में थोड़ा सा फर्क आ जाएगा। जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद ऐसे हालात बन चुके हैं।

इतना नमक है कि 500 साल तक नहीं होगी कमी

अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्रोतों के अनुसार खेवड़ा की खदान से हर साल करीब 4.65 लाख टन सेंधा नमक का खनन किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार खदान में इतना नमक है कि अगले 500 साल तक इसकी सप्लाई आसानी से की जा सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते सालों में औसतन हर वर्ष 2700 मीट्रिक टन नमक पाकिस्तान से आयात किया है। इस प्राकृतिक नमक को मुख्य रूप से सेंधा नमक के नाम से जाना जाता है। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह पहाड़ पाकिस्तान के सिंध इलाके में है। नमक, गुलाबियत लिए होता है। इसलिए इसे गुलाबी नमक भी कहा जाता है। वहीं बाजार में इसे लाहौरी नमक, रॉक सॉल्ट और हैलाइट के नाम भी जाना जाता है।

06/06/2025

 

 

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