मृतका का डिस्चार्ज पर्चा देखे बगैर डॉ. मोनिका जैन खुद को बताया निर्दोष
मीरा अस्पताल से रिफर महिला की 8 दिन पहले भोपाल में हो गई थी मौत, सीएमएचओ कार्यालय नेे मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई

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सागर। शहर के चमेली चौक इलाके के चर्चित मीरा अस्पताल से रिफर एक महिला की भोपाल के किसी लक्ष्मी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस महिला का नाम आजादरानी पति बिंदे चढ़ार निवासी गांव बिहारीपुरा था। बीते दिनों मीडिया से चर्चा में महिला के पति ने मीरा अस्पताल की संचालक एवं गॉयनोकोलॉजिस्ट डॉ. मोनिका जैन पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। बिंदे चढ़ार का कहना था कि डॉ. जैन ने पत्नी के पेट में गठान की सर्जरी में चूक की। जिसके चलते मेरी पत्नी आजादरानी के पेट में इन्फेक्शन हुआ और उसकी मौत हो गई। रविवार को इस मामले में डॉ. मोनिका जैन ने पत्रकार-मीडियाकर्मियों के सामने सफाई दी। उन्होंने दावा कि महिला आजादरानी की स्थिति संभल नहीं रही थी। उसकी ब्लीडिंग नहीं रुक रही थी। मैंने उसके पति को मशविरा दिया कि आगे के उपचार के लिए वह पत्नी को बीएमसी शिफ्ट कर ले। लेकिन उसने कहा कि भोपाल के किसी अस्पताल में उसकी पहचान है। इसलिए वह भोपाल ले जाएगा। डॉॅ. जैन का दावा है कि जब यह महिला अस्पताल से गई थी तब उसकी हालत ज्यादा खराब नहीं थी। लेकिन जब डॉ. जैन से पूछा गया कि क्या यह जवाब वह भोपाल से डिस्चार्ज होने वाले पर्चे के आधार पर दे सकती हैं। तब डॉ. मोनिका जैन ने जवाब दिया कि मैंने अभी डिस्चार्ज टिकट देखा ही नहीं है। इससे पहले डॉ. जैन अपनी सफाई में बोलीं कि, किसी भी मरीज को ऑपरेशन के दौरान या बाद में ब्लीडिंग हो सकती है। इस बारे में मेडिकल टर्मिनोलॉजी में कुछ भी तय नहीं है। इसके बावजूद हम लोग मरीज के परिजन की सहमति से उसका ऑपरेशन करते हैं। किसी एक मरीज में इस तरह की समस्या आ जाती है लेकिन इसके लिए डॉक्टर को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। डॉ. जैन ने बीते दिनों अस्पताल बंद करने को लेकर सफाई दी कि, मैं बीते 21 मई को निजी यात्रा पर गई थी। इसलिए अस्पताल बंद था। मरीज की मृत्यु 24 मई को हुई है। यहां बता दें कि मीरा अस्पताल अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लंबे समय से चर्चा में है। पूर्व में यहां एक नाबालिग का अबॉर्शन कराने का मामला काफी गरमाया था।वर्तमान में यह प्रकरण जांच में है। इधर सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी ने का कहना है कि पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। एक दिन पहले ही इस प्रकरण की जांच करने के लिए पांच डॉक्टर, जिनमें गायनोकोलॉजिस्ट, सर्जन, एनीस्थिसीया विशेषज्ञ आदि शामिल हैं, की कमेटी गठित कर दी है। टीम ने मीरा अस्पताल से महिला आजादरानी के उपचार संबंधी दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। इसके अलावा भोपाल सीएमएचओ के माध्यम से वहां के प्राइवेट अस्पताल में हुए उपचार के पर्चे आदि भी मंगवाए जा रहे हैं। महिला के पति व अन्य के भी बहुत जल्द बयान दर्ज किए जाएंगे।



