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फ्रूट किंग कुकरेजा का कोल्ड स्टोर नीलाम करने की तैयारी में पीएनबी

बैंक को कुकरेजा से वसूलना है करीब 6.25 करोड़ रुपए,  वर्णी कॉलोनी स्थित दो आवासीय भवन भी नीलामी पर चढ़ाए

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सागर। करीब ढाई साल पहले शहर से मय परिवार के गायब हुए फ्रूट किंग ज्ञानचंद कुकरेजा की बेशकीमती प्रॉपर्टी का पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) नीलाम करने जा रहा है। इस संबंध में बैंक के नीलामी प्राधिकृत अधिकारी की ओर से एक सूचना जारी हुई है। जिसके अनुसार पीएनबी को कुकरेजा के परिजन से करीब 6.25 करोड़ रुपए का कर्ज वसूलना है। इसके लिए बैंक, कुकरेजा परिवार का एक कोल्ड स्टोर जो सिदगुवां स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में है, उसे भी नीलाम कर रहा है। इस कोल्ड स्टोर की रिजर्व प्राइज करीब 3.25 करोड़ रुपए तय की गई है। यह कोल्ड स्टोर, कुकरेजा की पुत्रवधु हर्षा कुकरेजा के नाम से है। बैंक ने इस प्रॉपर्टी के अलावा कुकरेजा के वर्णी कॉलोनी स्थित दो व्यवसायिक भवन की भी नीलामी का ऑफर जारी किया है। जिनकी आरक्षित कीमत क्रमश: 1.20 करोड़ रुपए और 1.67 करोड़ रुपए है। बैंक के प्राधिकृत अधिकारी के अनुसार यह नीलामी, ऑनलाइन होगी। जिसके लिए 18 जून 2025 की तारीख नियत की गई है।

महिलाओं के नाम से लिया गया था कर्ज

पीएनबी के अनुसार कुकरेजा परिवार ने तीन अलग-अलग कर्ज लिए थे। इनमें से एक कर्ज मेसर्स पीजी इंडस्ट्रीज, सिदगुवां, प्रोप्राइटर हर्षा कुकरेजा और बाकी दो कर्ज मेसर्स हरिओम ट्रेडर्स, प्रो. पुष्पादेवी कुकरेजा, पुरानी सब्जी मंडी के नाम से लिए गए थे। इन सभी प्रॉपर्टी पर बैंक प्रबंधन द्वारा बीते दो साल में अलग-अलग समय पर सांकेतिक कब्जा लिया जा चुका है। चर्चा है कि कुकरेजा ने स्वयं व परिवार के अन्य लोगों के नाम से भी कर्ज लिया था। जिसे उसने शहर के कतिपय सूदखोर, साहूकार टाइप के लोगों से लिया था।

रातों-रात गायब हो गया था, प्रॉपर्टी पर कतिपय लोगों का कब्जा

शहर के सबसे बड़े फल व्यापारी ज्ञानचंद कुकरेजा, फ्रूट किंग भी कहा जाता था, वह साल 2023 के शुरुआती महीनों में रातों-रात मय परिवार के गायब हो गया था। व्यापार में बुरी तर से फेल होने और सूदखोरों के कर्ज में दबने के कारण उसे शहर से भागना पड़ा। हालांकि इसमें बहुत कुछ गलती कुकरेजा की भी बताई जाती है। अति महत्वाकांक्षा के चलते उसने शहर के अलग-अलग लाइसेंसी, गैर-लाइसेंसी साहूकारों से मनमानी ब्याज दर पर कर्ज लिया। जिसे वह समय रहते नहीं चुका पाया। आखिरकार में वह कर्ज के दलदल में ऐसा फंसा कि उसे शहर ही छोड़ना पड़ा। इधर एक जानकारी ये भी है कि पीएनबी, वर्णी कॉलोनी स्थित जिन कॉमर्सियल भवनों को नीलाम करना चाह रहा है, उन्हें कुकरेजा कभी का अलग-अलग लोगों को बेच चुका है। उन्हीं में से कुछ लोग इन भवनों में कब्जा भी जमाए हैं।

चंद माह पहले दिल्ली से पुलिस पकड़ के लाई थी

 कुकरेजा करीब २ साल गायब रहा। कर्ज देने वाले उसकी यहां-वहां तलाश करते रहे। लेकिन वह किसी के हाथ नहीं आया। चर्चा रही कि वह कटनी, मुंबई, दिल्ली में कहीं सेटल हो गया है। इस बीच चेक बाउंस के एक मामले में जिला न्यायालय ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकाला। जिसके बाद स्थानीय पुलिस सक्रिय हुई और उसे दिल्ली से पकड़ लाई। किसी जमाने में ट्रकों से फल बेेचने वाला, ज्ञानचंद कुकरेजा, जो स्थानीय विधायक का प्रतिनिधि भी हुआ करता था। वह अपने दामाद की साधारण सी जूस की दुकान पर काम करते मिला। गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। जहां से चंद दिन बाद ही उसकी जमानत हो गई। वह वापस दिल्ली लौट गया।

31/05/2025 

 

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