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महाराणा प्रताप स्वाभिमान और स्वतंत्रता के प्रहरी थे: गोविंद सिंह राजपूत

क्षत्रियों की रैली का शहर वासियों ने पुष्प वर्षा कर किया जगह-जगह स्वागत

धूमधाम से निकाली गयी महाराणा प्रताप एवं महाराज छत्रसाल की भव्य एवं ऐतिहासिक शोभायात्रा

सागर। भारत माता के वीर सपूत क्षत्रिय समाज के गौरव वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और बुंदेल केसरी महाराज छत्रसाल की जयंती पर क्षत्रिय समाज द्वारा भव्य शोभा यात्रा एवं वाहन रैली निकाली गई। स्वीडिश मिशन ग्राउंड से प्रारंभ होकर यह हजारों वाहनों के काफिलों के साथ रैली गोपालगंज, बस स्टैण्ड, परकोटा होते हुए तीन बत्ती, विजय टॉकीज चौराहा होकर मोतीनगर महाकवि पद्माकर सभागार पहुंची। रैली का शहर में जगह जगह धार्मिक संगठनों, समाजों तथा शहरवासियों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। पूरे शहर में महाराणा प्रताप एवं महाराज छत्रसाल के जयघोष से आकाश गुंजायमान रहा। कई किलोमीटर लंबी इस रैली में भगवा पताकाएं लहरायीं। डी.जे. पर महाराणा प्रताप के शौर्य एवं बलिदान के गीत बजाते हुए हजारों लोग नारे लगाते रैली में शामिल हुए। रैली में वाहनों पर भगवान श्री राम महाराणा प्रताप और महाराज छत्रसाल की भव्य तस्वीरें सजायीं गईं। जगह-जगह आमजनों ने पूजा की थालियों से आरती की और शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। महाकवि पद्माकर सभागार में मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्षत्रिय समाज का स्वागत कर कहा कि द्वंद कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए, राणा का तू वंशज है, फेंक जहां तक भाला जाए। मंत्री  ने कहा कि क्षत्रिय समाज ने कभी किसी की आधीनता स्वीकार नहीं की है। त्याग, राष्ट्र भक्ति का जीता जागता उदाहरण क्षत्रिय समाज है। यह सब हमें अपने महापुरूषों से विरासत में मिला है। जिनकी जयंती मनाने के लिए हम सब एकत्रित हुए हैं। महाराणा प्रताप एवं बुंदेलखंड केसरी महाराज छत्रसाल की वीरगाथाओं से इतिहास के पन्ने भरे हुए हैं। जिन्होंने कभी परिस्थितियों से समझौता ना करते हुए अपनी मातृभूमि तथा स्वाभिमान के लिए सत्त संघर्ष किया है। हम सभी को अपने महापुरूषों के पद् चिन्हों पर चलकर अपने समाज का गौरव और मान इसी तरह बनाये रखना है। मंत्री राजपूत ने कहा कि ये वही महाराणा प्रताप हैं जिनका जन्म भले ही 1540 में हुआ हो, लेकिन उनकी प्रेरणा, पराक्रम और आत्मबल आज भी हर उस व्यक्ति में जीवित है, जो अन्याय के विरुद्ध खड़ा होता है, जो स्वाभिमान के लिए जीता है, और जो मातृभूमि के लिए मर-मिटने को तैयार है। महाराणा प्रताप कोई साधारण राजा नहीं थे। वे राजा नहीं, बल्कि एक विचार थे। एक ऐसा विचार जिसने विदेशी सत्ता के सामने झुकने से मना कर दिया। जब अकबर ने भारत के राजाओं को एक-एक कर झुकाया, तो प्रताप अकेले खड़े रहे। जब अकबर ने संधि का प्रस्ताव भेजा, सोने-चाँदी के जाल बिछाए, तो प्रताप ने कहा कि स्वतंत्रता का मूल्य महल नहीं, बलिदान है। उन्होंने बुंदेलखंड केसरी महाराज छत्रसाल को नमन करते हुए कहा कि महाराज छत्रसाल ने केवल 22 वर्ष की उम्र में मुगलों को चुनौती दी। वह एक योद्धा नहीं, बल्कि एक धर्मयोद्धा थे। जिनकी तलवार में वीरता थी और हृदय में मातृभूमि के लिए अग्नि। औरंगजेब के अन्याय अत्याचार और धर्मविरोधी शासन के विरूद्ध एक नन्हा दीपक बुंदेलखंड में जल उठा और वह धीरे धीरे ज्वाला बन गया जिसने धर्म की रक्षा और मातृभूमि के लिए अपना सर्वत्र निछावर कर पराक्रम और सौर्य की वो गाथा लिखी जिससे पढ़कर हमारा सर फक्र से ऊंचा होता है। मंत्री  राजपूत ने समस्त क्षत्रिय समाज को समाज का आवाहन करते हुए कहा कि क्षत्रिय समाज का हर व्यक्ति महाराणा प्रताप तथा महाराज छत्रसाल के समान है क्योंकि हम सभी उन्हीं के वंशज हैं और हमें अपने राष्ट्र समाज के लिए हमेशा तत्पर रहना है। एकता का परिचय देते हुए समाज के गौरव को देश ही नहीं पूरी दुनिया में बढ़ाना है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि क्षत्रिय समाज का गौरव किताबो में ही नहीं प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप तथा महाराजा छत्रसाल की वीरगाथाओं और मातृभूमि के लिए किए गये संघर्ष ने पूरे क्षत्रिय समाज को गौरवांवित किया है साथ ही अपने उदबोधन में क्षत्रिय समाज के लिए विशाल एवं भव्य भवन एवं धर्मशाला की मांग की। जिस पर समस्त जनप्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दी। इस अवसर पर 50 लाख रूपए सागर विधायक शैलेन्द जैन, 25 लाख रूपए सांसद तथा 1 करोड रूपये की घोषणा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्षत्रिय समाज के भवन निर्माण हेतु घोषणा की। क्षत्रिय समाज के जिला संयोजक कृष्णासिंह महुआखेडा ने महाराणा प्रताप एवं छत्रसाल जयंती की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर क्षत्रिय समाज के पूर्व जिला एवं कार्यकारी अध्यक्ष हरिराम सिंह ने कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता के लिए सभी क्षत्रिय समाज के लोगों का आत्मीय अभिवादन किया। इस अवसर पर सांसद श्रीमती लता बानखेड़े ने कहा कि क्षत्रिय समाज का इतिहास रहा है कि उन्होंने राष्ट्र मातृभूमि की रक्षा के अपना सर्वत्र निछावर किया है। आज की यह रैली क्षत्रिय समाज की एकता व अखंडता का प्रतीक है। सागर विधायक शैलेन्द्र जैने ने कहा कि महाराणा प्रताप एवं महाराजा छत्रसाल क्षत्रिय समाज में भले ही जन्में हो लेकिन वो पूरे भारत के गौरव एवं अभिमान है। क्षत्रिय समाज द्वारा निकाली गई यह शोभायात्रा एतिहासिक है। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी ने सभी को शुभकामनाएं दी। युवा भाजपा नेता आकाश सिंह राजपूत ने कहा कि सत्ता को साध्य नहीं, सेवा का साधन बनायेंगे और जब तक अन्याय है तब तक प्रताप की तलवार हमारे भीतर जीवित रहेगी। हम सभी महाराणा प्रताप एवं महाराज छत्रसाल जी के पदचिन्हों पर चलकर हमारे समाज और देश को नई बुलंदियों तक पहुंचायेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साहब सिंह सागौनी, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष जाहर सिंह, फूलसिंह पंडा, गोंविद सिंह मालथौन, नर्मदासिंह खोना वाले, रामबाबू जनपद अध्यक्ष, देवेन्द्र सिंह उपाध्यक्ष, राजकुमार सिंह सुमरेडी, सत्यजीत बीना, गौल्डी रैपुरा, अमरसिंह, राजकुमार बरकोटी, सुधीरभाई केसली, एमडी मासाब देवरी, अवधबिहारी लंबरदार, धीरजसिंह औरिया अध्यक्ष जिला किसान मोर्चा, नीरज सिंह नयाखेडा, भोले राजा, हरनाम सिंह सागौनी, सरमनसिंह उमरारी, जयसिंह ठाकुर शाहगढ, तीन बत्ती पर छोटू सिलाकारी और कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने रैली का जोरदार स्वागत किया।

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