
सागर। मौका शूरवीर महाराणा प्रताप और महाराजा छत्रसाल की जयंती का है। क्षत्रियों समेत देश भर के आदर्श इन महापुरुषों को लेकर सागर में रैली- कार्यक्रम की होड़ मची है। जयंती की पूर्व संध्या पर पूर्व गृह मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक भूपेंद्र सिंह के युवा पुत्र अविराज सिंह ने क्षत्रिय महासभा सागर के तत्वावधान में बामोरा स्थित रुद्राक्ष धाम ( मकरोनिया) से रैली निकाली। आज गुरुवार को दोपहर 2 बजे से जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत के नेतृत्व में क्षत्रिय समाज के बैनर तले स्वीडिश मिशन हासे स्कूल से रैली निकलेगी। जिपं अध्यक्ष के अनुज एवं केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत इस रैली को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गोपाल गंज- बस स्टैंड- स्टैण्ड- तीन बत्ती- विजय टॉकीज होकर रैली मोतीनगर चौराहा स्थित महाकवि पद्माकर सभागार पहुंचेगी। जहां प्रमुख वक्ता इन दोनों शूर वीरों के जीवनवृत्त पर प्रकाश डालेंगे।
जयंती के बहाने दिखाना चाहते हैं ताकत
महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर इन रैलियों के पीछे की कहानी किसी से छिपी नहीं है। चंद दिन पहले ही महाराणा प्रताप की मूर्ति के स्थापना स्थल को लेकर पूर्व मंत्री सिंह और केबिनेट मंत्री राजपूत का खेमा- कुनबा आमने-सामने आ चुका है। सिंह की तरफ से उनके भतीजे लखनसिंह बामोरा और राजपूत की ओर से अग्रज हीरासिंह राजपूत मैदान में थे। मूर्ति के लिए सिटी स्टेडियम की जगह तय होने के बाद दोनों खेमों ने अपनी- अपनी तलवारें वापस दीवार पर सुशोभित कर दी। लेकिन रार को बनाए रखी और रैली की तैयारी शुरु कर दी। साफ है कि रैली के बहाने दोनों सियासती घराने अपनी – अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। पहले दिन के नतीजे में युवा अविराज का प्रभावी प्रदर्शन रहा।
पिता भूपेंद्रसिंह के ठोस सामाजिक- राजनैतिक और व्यक्तिगत नेटवर्क की वजह से उनका शहर में जगह- जगह इस्तेकबाल हुआ। नतीजतन रैली प्रभाव छोड़ने में सफल रही। अब बारी हीरासिंह राजपूत की है। करीब 20 घंटे पहले ही शहर के मुख्य इलाके स्वागत के फ्लेक्स पोस्टर और झंडों से सज चुके हैं। वाक-चातुर्यता के धनी हीरासिंह राजपूत “मंझले भैया” किसी युवा से ज्यादा ऊर्जा के साथ इस रैली को सफल बनाने में जुटे हैं। बुधवार को पत्रकारों से औपचारिक चर्चा में वे बोले, कई बार प्रतिस्पर्धा अच्छी होती है। इससे समाज को अपना वजूद पहचानने में मदद मिलती है। राजपूत ने दावा किया कि आज का आयोजन ऐतिहासिक होगा। उन्होंने अपील की कि, महाराणा और महाराजा केवल राजपूत- ठाकुरों के नहीं है। वे प्रत्येक देशभक्त नागरिक की साझी विरासत है। इसलिए सभी को इस रैली में शिरकत करना चाहिए।
29/05/2025



