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जांच: लैंडमार्क को दी गई पांच सड़क के अलग-अलग ठेके पर सवाल!

जिपं सीईओ ने अपना जांच प्रतिवेदन कमिश्नर सागर को सौंप दिया है

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सागर। सागर स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड की री-टेंडर कर बनवाई जा रही सड़कों की ठेका प्रक्रिया की जांच पूरी हो चुकी है। लेकिन कतिपय बड़े अफसर इस पर अज्ञात कारणों से निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। जानकारी मिली है कि जिला पंचायत सीईओ विवेक केव्ही ने टेंडर प्रक्रिया की जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर संदीप जीआर को सौंप दिया है। जो संभागीय कमिश्नर कार्यालय पहुंच गया है। चर्चाओं के अनुसार जिला पंचायत सीईओ विवेक ने मुख्य रूप से इस बिंदु पर जांच की है कि स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने टर्मिनेट की गई ठेकेदार फर्म मेसर्स विक्टरी लैंडमार्क की पांच सड़कों का ठेका अलग-अलग क्यों किया। जबकि लैंडमार्क को स्मार्ट सिटी कंपनी ने इन पांच सड़कों का पूल बनाकर उन्नयन-सौंदर्यीकरण का काम दिया था। चूंकि इस फर्म का ठेका टर्मिनेट हो गया था तो फिर इसमें शामिल पांच सड़कों के पूल में ठेका क्यों नहीं कराया गया। इन सड़कों की निविदा किस आधार पर अलग-अलग कर निकाली गई। जिसके बाद कतिपय ठेकेदारों को उपकृत करने के आरोप लगे। सूत्रों का कहना है कि यह पूरी उठा-पटक कलेक्टर एवं चेयरमैन स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड सागर संदीप जीआर को अंधेरे में रखकर की गई। जो किसी बड़ी आर्थिक अनियमितता की तरफ इशारा कर रहा है। इधर बीते अप्रैल के आखिर में हुई इस टेंडर प्रक्रिया से संबंधित ई-डॉक्युमेंट्स सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगे हैं। ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम(एमपी ई-टेंडर) के तकनीकी बिड संबंधी एक डॉक्युमेंट्स में विभिन्न सड़कों के निर्माण, सौंदर्यीकरण आदि का ब्योरा है। उसमें बताया गया है कि राजेंद्र लोधी, अजय बिल्डकॉन के प्रपोजल को तकनीकी रूप से मंजूर कर लिया गया है। जबकि सैगन इन्फ्रास्ट्रक्चर एलएलपी, श्री राधे प्रोडक्शन और त्वमेव कंस्ट्रक्शन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को तकनीकी आधार पर रिजेक्ट कर दिया गया है।

फाइल फोटो

जांच संबंधी कागजात, डोंगल सीईओ ने वापस मांगे, नहीं मिले

जिला पंचायत सीईओ विवेक ने केवल इन्ही सड़कों के टेंडर संबंधी प्रक्रिया की जांच नहीं की है। वे स्मार्ट सिटी के टेंडरिंग हिस्ट्री तक पहुंच गए। उन्होंने न केवल टेंडर में दिए गए काम, संबंधित ठेकेदार को काम मिलने की स्थिति में उसकी वजह, जिन्हें नहीं दिया गया उसकी भी वजह आदि के बारे में रपट तैयार की है। चर्चा है कि सीईओ विवेक ने इस सब से संबंधित कई फाइल व दस्तावेज व टेंडरिंग समेत पेमेंट में उपयोग होने वाले डोंगल को भी अपनी जांच में लिया है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ राजकुमार खत्री ने कलेक्टर संदीप जीआर से उक्त दस्तावेज व डोंगल वापस मांगा था। जिसे कलेक्टर ने यह बोलकर देने से इनकार कर दिया कि फिलहाल यह सारी सामग्री जांच प्रक्रिया में शामिल है। इसलिए आप कार्रवाई पूरी होने तक इंतजार करें।

19/05/2025

 

 

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