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सागर। शहर में हुआ एक विवाह चर्चा में है। जिसमें दूल्हा-दुल्हन के फेरे लेने के चंद घंटे बाद दोनों अलग हो गए। घटनाक्रम यूं है कि शहर के बड़ा बाजार क्षेत्र के एक युवक का विवाह ललितपुर निवासी एक युवती से पारिवारिक सहमति से तय हुआ था। वर पक्ष की मांग पर वधु पक्ष सागर में ही विवाह संपन्न कराने परिवार-रिश्तेदारों समेत आ गए थे। यह आयोजन भोपाल रोड पर स्थित एक नामचीन मैरिज गार्डन में किया गया था। बताया जाता है जैसे ही यह दूल्हा, दुल्हन को लेकर कार से चंद किमी दूर अपने घर के लिए रवाना हुआ तो वधु उससे बोली कि, मुझे यह शादी नहीं करनी थी। परिवारवालों की जिद पर यहां तक आ गई। वरमाला पहन ली… फेरे ले लिए। इसके बाद भी आप मुझे अपने घर ले जाते हैं तो हमारा ये रिश्ता पति-पत्नी नहीं होगा। आप और मैं भाई-बहन जैसे रहेंगे। यह बात सुनते ही दूल्हा हक्का-बक्का रह गया। उसने तुरंत कार वापस कर मैरिज गार्डन पहुंच गया।
दूल्हे के ससुराल पक्ष के लोग अभी वहां से ललितपुर के लिए लौटे नहीं थे। दूल्हे ने उन सभी को दुल्हन द्वारा कही बात बताई। जिसके बाद दोनों परिवार साथ बैठे और आम सहमति से यह संबंध विच्छेद हो गया। चर्चा है कि इस लड़की का पूर्व से किसी दूसरे से प्रेम संबंध चल रहा था। लेकिन परिजन उससे ब्याह कराने तैयार नहीं थे।
दुल्हन ने मेंहदी नहीं लगवाई थी, बमुश्किल फेरे के लिए तैयार हुई इस विवाह समारोह में मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि यह लड़की शायद ललितपुर से ही विवाह नहीं करने का मन बनाकर आई थी। जब वह बरात वाले दिन मैरिज गार्डन पहुंची तो उसके हाथों में मेहंदी तक नहीं रची थी। वर पक्ष की कुछ महिलाओं ने इस पर आपत्ति ली तो वधु पक्ष ने जवाब टाल दिया। इसके बाद वधु ने मैरिज गार्डन के एक कमरे में खुद को बंद कर लिया था। इसके बावजूद परिजनों ने जैसे-तैसे उसे वरमाला, फेरे समेत अन्य वैवाहिक रस्मों के लिए तैयार किया। इधर इस सब की जानकारी वर और उसके करीबी दोस्तों को मिल गई थी। उन्होंने दूल्हे को समझाया कि, यह रिश्ता यहीं खत्म कर दो। वरना आगे जाकर बहुत परेशानी हो सकती है। लेकिन यह दूल्हा, रिश्तेदार परिजन-परिचितों के सामने बगैर विवाह किए लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। उसे अपनी व परिवार की बेइज्जती का डर था। लेकिन जैसे ही विदा के बाद दुल्हन ने उससे सीधे बात की तो उसे समझ में आया कि आगे के हालात भयावह हो सकते हैं। नतीजतन वह दुल्हन समेत मैरिज गार्डन लौट गया।
वधु पक्ष ने माफी मांगी, हर्जा-खर्चा देने को भी राजी थे वधु का व्यवहार जानने के बाद वर पक्ष के लोगों ने इस रिश्ते के लिए सीधे मनाही कर दी। वधु पक्ष को भी अपनी गलती समझ आई कि वह इस तरह से अपनी लड़की का जबरिया विवाह नहीं करा सकते। इसके बाद दोनों पक्ष साथ बैठे। वधु पक्ष ने दूसरे पक्ष से माफी मांगी और चढ़ाव समेत उपहार में मिली अन्य सामग्री मौके पर ही लौटा दी। साथ ही उन्होंने पेशकश की कि, हमारी बेटी की वजह से इस आयोजन में आपका पैसा बरबाद हो गया। इसलिए आप इसका हर्जा-खर्चा हम से ले लें। लेकिन वर पक्ष ने मना कर दिया। वधु पक्ष से केवल इतना कहा कि, हम लोग केवल इतना चाहते है कि इस विवाह-विच्छेद को लेकर भविष्य में कोई कानूनी विवाद नहीं किया जाए। बताया जा रहा है कि इस बारे में दोनों पक्षों ने लिखित व ऑन वीडियो रिकॉर्ड प्रमाण तैयार किए हैं। 
15/05/2025



