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देश का सबसे बड़ा सैक्स स्कैंडल : 15 साल पुराना ड्राइवर और 16 एकड़ जमीन का विवाद

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गतांक से जारी ..…..इन पेनड्राइव को बंटवाने के मामले में जिस शख्स का नाम सबसे ऊपर आ रहा है। उसका नाम कार्तिक बताया जा रहा है। रेवन्ना परिवार में वह 15 साल से ड्राइवर था। वह हमेशा प्रज्जवल के साथ रहता था। वह इस परिवार का काफी विश्वस्त हो चुका था। इसलिए वर्ष 2022 में हासन के होल्नारसीपुरा इलाके में ड्राइवर कार्तिक के नाम से 16एकड़ जमीन खरीदी गई। इधर कार्तिक, एक अलग प्लान लेकर चल रहा था। चूंकि उसके पास प्रज्जवल के लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम आदि के पासवर्ड रहते थे। इसलिए उसने धीरे-धीरे उसके मोबाइल सेट से यह सारे वीडियो कॉपी कर लिए। इधर जब प्रज्जवल ने कार्तिक से खरीदी गई जमीन को बेचकर राशि देने की बात कही। जिसके लिए कार्तिक इनकार कर दिया था। उसका कहना था कि ये जमीन मेरी है और मैं, इसे नहीं बेचना चाहता। दबाव बढ़ने पर यह ड्राइवर अपने पुराने मालिक प्रज्जवल को उसी के वीडियो क्लिप्स के नाम पर धमकाने की कोशिश भी की थी। इसी बीच मार्च 2022 में उसने प्रज्जवल की नौकरी छोड़ दी और दिसंबर 2022 में कोर्ट केस दायर कर दिया था।

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राजनयिक पासपोर्ट के बहाने देश के सबसे बड़े सैक्स स्कैंडल की कहानी

पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस के नेताओं से संपर्क, कोर्ट से मिला था स्टे
राज्य में कांग्रेस व जद एस का गठबंधन है। इसलिए ड्राइवर कार्तिक ने इस पेन ड्राइव का उपयोग करने के लिए भाजपा से संपर्क करना बेहतर समझा। उसने स्थानीय नेता भाजपा नेता देवराजे गौड़ा से संपर्क किया। साथ ही उसने ए. मंजू नाम के नेता से संपर्क किया। इधर प्रज्जवल रेवन्ना को कहीं से पता चला कि कार्तिक उसके वीडियो क्लिप्स वाली पेन ड्राइव भाजपा नेता देवराजे गौडा को देने की तैयारी में है। जिसकी काट निकालने वह 01जून 2023 को कोर्ट पहुंंच गया। वहां उसने बताया कि मेरे कुछ एडिटेड वीडियो ड्राइवर कार्तिक के पास हैं। जिसका उपयोग वह मेरी राजनीतिक छवि को बिगाड़ने के लिए कर सकता है। कोर्ट ने जवाब में अगले दिन 02 जून को रेवन्ना से जुड़ी करीब 87 सोशल मीडिया आलेख, व ऑडियो-वीडियो को वायरल करने पर स्टे जारी कर दिया। इसी दौरान ड्राइवर कार्तिक यह पेन ड्राइव भाजपा नेता देवराजे गौडा को सौंप दी थी। लेकिन तभी सितंबर 2023 में भाजपा, जेडी एस का गठबंधन हो गया। अब देवराजे के हाथ में कुछ नहीं रह गया। ए. मंजू पहले ही जेडी एस को ज्वाइन कर चुके थे।
भाजपा आलाकमान को आगाह कर कांग्रेस का डर भी जताया था
पार्टी द्वारा गठबंधन किए जाने से आहत होकर देवराजे ने प्रज्जवल की उम्मीदवारी कैन्सिल कराने नए सिरे से कोशिश की थी। उन्होंने बीजेपी के प्रदेश आलाकमान विजयेंद्र येदुयिरप्पा को एक पत्र लिख बताया था कि  जेडी एस सांसद प्रज्जवल के कई आपत्तिजनक वीडियो हैं। उसके चुनाव लड़ने से हमारी पार्टी की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने विजयेंद्र को आगाह किया था कि कांग्रेस के पास भी यही पेन ड्राइव है। जिसका उपयोग वह चुनाव के दौरान हमारे खिलाफ भी कर सकती है। इसी तारतम्य में जनवरी 2024 देवराजे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।  जिसमें उन्होंने सीधे  तौर पर कहा था कि मेरे पास रेवन्ना परिवार की रास-लीला को उजागर करने वाले कुछ ठोस सुबूत हैं। इसके बाद यह मामला आरोप-प्रत्यारोपों के बीच चलता रहा। तभी 20 अप्रैल में इस पेन ड्राइव के वीडियो लीक हो गए। जिसका शक सबसे पहले ड्राइवर कार्तिक पर गया। लेकिन उसका कहना है कि मैंने तो यह पेन ड्राइव बीजेपी नेता देवराजे को सौंप दी थी। वहीं देवराजे का जवाब है  मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। यह पेनड्राइव तो कांग्रेस के पास भी थी। मुमकिन है कि उनकी ओर  लीक की गई हो। इधर बीजेपी बड़े ही मासूम से जवाब देकर इस जघन्य कांड से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि जब यह वीडियो बने तब कांग्रेस की सरकार थी। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी ने जेडी एस से केवल सीट शेयरिंग की है। प्रज्जवल को टिकट देने का निर्णय उसकी पार्टी का है। इसमेें हम कुछ नही्रं कर सकते। प्रज्जवल भागा है तब भी राज्य में कांग्रेस की सरकार है। देवराजे भी अपनी पार्टी के बचाव में आ गए हैं। उनका कहना है कि मैंने जो शिकायती पत्र व ई मेल और वाट्स एप मैसेज, पार्टी प्रमुख विजयेंद्र को किए थे। संभवत: वह उन्हें नहीं मिले हों।
कांग्रेस के उप-मुख्यमंत्री पर आरोप, प्रज्जवल को निलंबित किया
अपनी पार्टी के सांसद की इन गंदी-गंदी वीडियो के लीक होने के मामले में जेडी एस, कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही है। जनता दल का कहना है कि ये वीडियो राज्य की कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने लीक कराए हैं। क्योंकि कांग्रेस दो-तीन सीट पर बेहद नजदीकी मुकाबले में है। इस वीडियो क्लिप्स के जरिए वह चुनावी माइलेज लेना चाहती है।
राजनीति का शिकार होकर रह गईं युवती-महिलाएं
इस पेन ड्राइव लीक कांड का सूत्रधार जो भी हो। लेकिन इसका सबसे बड़ा खामियाजा उन युवतियों व महिलाओं को भुगतना पड़ा है। जो इस पेन ड्राइव में बेहद असहज अवस्था में हैं। उनकी जिंदगी नरक होने की कगार पर है। कई को तो शहर तक छोड़कर यहां-वहां होना पड़ा है। तीन राजनैतिक दलों की दांव-पैच का शिकार इन पीड़िताओं में पंचायतकर्मी, राजस्व एवं पुलिस विभाग की कर्मचारी-अधिकारी, पार्टी की वर्कर समेत अन्य महिलाएं शामिल हैं।
आखिर में राजनयिक यानी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का फायदा
जिन देशों से भारत की राजनयिक संधियां हैं। वहां डिप्लोमेटिक यानी राजनयिक पासपोर्टधारकों को एक विशेष दर्जा मिलता है। जैसे कि यात्रा के दौरान विशेष सुविधा और हवाई अड्डा से आवाजाही में विशेष चैनल दिया जाता है। विमान में चढ़ते समय अन्य यात्रियों की तरह जांच नहीं होती, जिससे समय बचता है। उन्हें वीजा शुल्क नहीं देना होगा। विदेश नीति से जुड़े ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं चुने हुए जनप्रतिनिधियों को यह विशेष पासपोर्ट जारी किया जाता है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त आलेख विभिन्न न्यूज वेबसाइट्स एवं अखबारों छपी खबरों के आधार पर तैयार किया गया है। सागरवाणी डॉट कॉम यहां स्पष्ट करता है कि जब तक किसी व्यक्ति, परिवार, संस्था या राजनीतिक दल के खिलाफ देश की माननीय अदालतें दंडात्मक निर्णय पारित नहीं करे। वह निर्दोष माना जाता है।

 

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