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पटवारी और भू-माफिया की पार्टनरशिप उजागर! एसडीएम ने किया सस्पेंड

एसडीएम, कलेक्टर समेत कमिश्नर से की गई थी पटवारी व अन्य की शिकायत

सागर। शहर में जगह-जगह चल रही अवैध प्लाटिंग में कतिपय पटवारियों की मिलीभगत है। यह तथ्य अब तक केवल चर्चाओं में रहता था। लेकिन बीते दिनों सागर एसडीएम अदिति यादव द्वारा एक पटवारी सस्पेंड किए जाने से अवैध कॉलोनाइजर-भूमाफिया से इस कर्मचारी वर्ग का गठजोड़ उजागर होता दीख रहा है ! मामला उपनगर मकरोनिया के पामाखेड़ी पटवारी शैलेंद्रसिंह राजपूत का है। जिन्हें हाल ही में एसडीएम यादव ने सस्पेंड किया है। राजपूत के खिलाफ इस कार्रवाई की जो वजह बताई गई है। वह संक्षिप्त में यूं है कि पटवारी शैलेंद्रसिंह पर संदेह है कि उन्होंने अवैध प्लाटिंग करने खरीदी एक बेशकीमती जमीन में इनवेस्टमेंट किया। यह जमीन खरीदने के लिए पटवारी राजपूत व उनके रिश्तेदार, परिचितों ने अरिहंत विहार कॉलोनी निवासी शैलेंद्रकुमार जैन से 20 लाख रु. उधार लिए। जिन्हें राजपूत व अन्य ने लौटाने से इनकार कर दिया। इसी आधार पर पटवारी के खिलाफ शिकायत की गई। जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया।

ऑडियो में राजपूत की चर्चा बनी संदेह का आधार

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता जैन ने जांच अधिकारी को कुछेक ऑडियो क्लिप्स भी सौंपे थे। जिनसे यह प्रतीत हो रहा था कि पटवारी राजपूत ने उक्त जमीन की खरीद-फरोख्त में परोक्ष रूप से शामिल थे। इस मामले में जैन का कहना है कि तीन-चार साल पहले परवेश मिश्रा निवासी दमोह, पुष्पेंद्रसिंह ठाकुर निवासी रायसेन, पटवारी शैलेंद्रसिंह राजपूत पामाखेड़ी हलका, अवनीश सोनी निवासी गोपालगंज और गौरव शर्मा निवासी जवाहरगंज वार्ड, सागर मेरे पास आए थे। इन लोगों को एक जमीन खरीदने के लिए 20 लाख रु. की जरूरत थी। मैंने भरोसा करते हुए किश्तों में यह राशि उन्हें दे दी। बदले में इन लोगों ने आश्वासन दिया कि 20 लाख के अलावा जमीन बिकने से होने वाले मुनाफे से भी कुछ हिस्सा देंगे। मैंने भरोसा कर लिया। लेकिन बाद में ये लोग मेरी राशि लौटाने से मना करने लगे। जिसके बाद मैंने शिकायत कर दी।

अधिकारियों ने माना पटवारी की भूमिका पाक-साफ नहीं

कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर शिकायत के साथ संलग्न ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के तथ्य समेत अन्य बिंदुओं की जांच सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग ने बीते फरवरी में की थी। उन्होंने अपने जांच प्रतिवेदन में माना कि इस मामले में पटवारी राजपूत की भूमिका संदेहास्पद है। उनके खिलाफ की गई शिकायत पूर्णत: झूठी नहीं है। ऑडियो-वीडियो के तथ्यों से साफ है कि पटवारी राजपूत और शिकायतकर्ता जैन पूर्व से एक-दूसरे से भली-भांति परिचित हैं। इसलिए इस मामले में पटवारी की संलिप्तता से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। अतएव पटवारी राजपूत को सस्पेंड किया जाता है। उनके खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की जाती है। निलंबन काल में पटवारी राजपूत का मुख्यालय तहसील कार्यालय सागर ग्रामीण रहेगा। उनके विरुद्ध आए तथ्यों की जांच तहसीलदार सागर ग्रामीण करेंगे।

27/04/2025

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