बरोदिया-नोनागिर के लालू हत्याकाण्ड के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
अभियोजन घटनाक्रम से जुड़े मजबूत साक्ष्य जुटाने में असफल रहा

गैंग्स ऑफ नोनागिर-2: चोरी की असफल वारदात और मॉब लिंचिंग में लालू की मौत
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सागर। खुरई के बरोदिया-नोनागिर गांव के करीब डेढ़ साल पुराने चर्चित नितिन उर्फ लालू हत्याकांड के सभी 13 अभियुक्त बरी हो गए हैं। गुरुवार को जिला विशेष सत्र न्यायाधीश अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कोर्ट श्री प्रदीप सोनी ने यह फैसला सुनाया। मामले में अभियुक्तों की ओर से पैरवी करने वाले सीनियर एडव्होकेट अजय घई के अनुसार यह घटनाक्रम 24 अगस्त 2023 की रात करीब 8.30 बजे का है। रिपोर्टकर्ता महिला बड़ी बहु ने खुरई थाने शिकायत की थी कि मेरे बेटे को बरोदिया-नोनागिर गांव के बाजार में विक्रमसिंह, आजाद सिंह, कोमलसिंह, विजयसिंह, मुबारक बहना, अनीस खान, नफीस खान, वहीद खान, सुशील सोनी, अरबाज खान, करीम खान, अभिषेक रैकवार, इस्लाम बहना ने पीट-पीटकर मार डाला।
जबकि बचाव पक्ष की ओर से जब इस मामले के साक्षियों के बयान लिए गए तो उन्होंने घटनाक्रम को लेकर अलग – अलग बयान दिए। यहां तक कि मृतक लालू की मां बड़ी बहु जो रिपोर्टकर्ता भी थी। उसके बयान भी पुलिस रिपोर्ट में दर्ज कराए गए ब्योरे से भिन्न थे। बचाव पक्ष ने न्यायालय के सामने यह साबित करने में सफल रहा कि जिन लोगों को आरोपी बनाया गया वह घटनाक्रम के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे। बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि मृतक लालू उर्फ नितिन का आजाद सिंह व अन्य से पुराना विवाद चल रहा था। जिसके चलते पीड़ित परिवार इन लोगों से रंजिश रखता था।
जब अज्ञात लोगों ने लालू की हत्या की तो बदला लेने की मंशा से उसके परिजन ने कोमलसिंह, विक्रमसिंह, आजाद सिंह आदि का नाम एफआईआर में दर्ज करा दिया। इस मामले में एक अहम गवाह लालू की बहन अंजना थी। लेकिन रोड एक्सीडेन्ट में पिछले साल उसकी मौत हो गई थी। जबकि भाई विष्णु घटनाक्रम के समय पुलिस थाने में बंद था। गवाहों का यह भी कहना था कि जिस समय कि घटना बताई जा रही है तब गांव की लाइट गुल थी।
चुनावी समय में हुई थी घटना कांग्रेस के बड़े नेता पहुंचे थे
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मृतक लालू उर्फ नितिन पर चोरी, छीना-झपटी, मारपीट आदि के कई केस थे। माना जाता है कि किसी ऐसे ही मामले की बुराई के चलते वह कथित ” मॉब लिंचिंग” का शिकार हो गया। इस हत्याकांड के बाद मृतक के परिजन को ढांढस बंधाने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता गांव पहुंचे थे।
तत्कालीन नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री व स्थानीय विधायक भूपेंद्रसिंह ने परिजन को हर संभव कानूनी व आर्थिक मदद दिलाने की पहल की थी। इधर इस घटनाक्रम के कुछ माह बाद मई 2024 में मृतक लालू के एक दूर के रिश्तेदार राजेंद्र अहिरवार की भी हत्या हो गई। चर्चा थी कि राजेंद्र, स्वयं के खिलाफ दर्ज एक मामले के रिपोर्टकर्ता को बयान बदलने के लिए धमकाने गया था। जहां उसकी हत्या हो गई। दूसरी ओर जब मृतक राजेंद्र का शव लेकर लालू की बहन अंजना खुरई लौट रही थी तो वह अचानक शव वाहन से कूद गई। जिसके चलते उसकी भी मौत हो गई थी। इसके बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एक बार फिर बरोदिया नोनागिर गए थे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री सिंह, केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत, विधायक प्रदीप लारिया आदि के साथ गांव का दौरा किया था।
30/01/2024



