औचक निरीक्षण: बंदूक-रिवॉल्वर का बगैर लाइसेंस के विक्रय और भंडारण!
सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती गर्ग ने जमा हथियारों को पुलिस थाने में शिफ्ट कराया

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सागर। लोकसभा चुनाव-2024 के तहत शुक्रवार को शहर की लाइसेंसी बंदूक दुकानों का निरीक्षण किया गया। जिसमें अधिकांश दुकानों पर खामियां मिली। सबसे बड़ी खामी गर्ल्स डिग्री कॉलेज चौराहा पर स्थित देवेंद्र गन हाउस पर मिली। जिसका लाइसेंस वर्ष 2014 के बाद से रिन्यू ही नहीं हुआ। हालांकि दुकान संचालक ने शस्त्र शाखा के जरिए हर वर्ष गृह विभाग मप्र के खाते में लाइसेंस फीस का चालान जमा कराया था। लेकिन उन्हें रिन्युअल नहीं मिला। चेकिंग टीम में सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग, सीएसपी यश बिजौरिया, तहसीलदार प्रवीण पाटीदार, सिटी पटवारी नीलेश मिश्रा और शस्त्र शाखा के लिपिक सतीश विश्वकर्मा शामिल थे।
सरकारी गन फैक्टरी किस आधार पर हथियार सप्लाई करती थी?
शहर में एक दुकान 10 साल से बिना लाइसेंस के बंदूकें बेच रही थी। जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी। इससे भी बड़ी बात ये है कि संबंधित विक्रेता को सरकार द्वारा संचालित गन फैक्टरीज द्वारा किस आधार पर हथियार-कारतूस की सप्लाई दे दी जाती थी। व्यवहारिक रूप से देखें तो इसमें हथियार विक्रेता का सीधे तौर पर कोई दोष नहीं हैं क्योंकि सरकार रूपी एजेंसी ने उसके लाइसेंस का रिन्युअल क्यों नहीं किया। लेकिन तकनीकी रूप से इसमें विक्रेता की जवाबेदही बनती थी कि वह लाइसेंस रिन्यु होने तक हथियारों की थोक बंद खरीद और फुटकर बिक्री, प्राधिकृत अधिकारी की अनुमति के बगैर नहीं करता। देवेंद्र गन हाउस में एक और बड़ी खामी ये मिली है कि उसका सेफ कस्टडी का लाइसेंस भी रिन्यु नहीं हुआ है। हथियारों की बिक्री की अनुमति वाले लाइसेंस से हटकर यह लाइसेंस, लाइसेंसियों द्वारा चुनाव या अन्य मौकों पर अपने हथियार दुकानदार के पास सुरक्षित रखने के लिए दिया जाता है। अगर इस दौरान गन हाउस में कोई चोरी, आगजनी सरीखी की दुर्घटना हो जाए तो संबंधित लाइसेंसी के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
बाकी दुकानदारों के पास भी कस्टडी लाइसेंस नही
टीम ने शहर की आधा दर्जन हथियार दुकानों का सर्वे किया। इनमें से केवल गुजराती बाजार स्थित राहुल गन हाउस के सभी दस्तावेज सही मिले। अन्य सभी दुकानों के सेफ कस्टडी लाइसेंस रिन्यू नहीं थे। हालांकि इन लोगों ने लाइसेंसियों से हथियार भी जमा नहीं कराए थे। नगर निगम के पास स्थित गुप्ता गन हाउस पर जरूर बगैर लाइसेंस 5 बंदूकें जमा मिली। जिन्हें देवेंद्र गन हाउस की 26 बंदूकों के साथ गोपालगंज पुलिस थाने में जमा करा दिया गया। देवेंद्र गन हाउस को हथियार व कारतूस की बिक्री के लिए भी पाबंद किया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट गर्ग ने शहर के सभी लाइसेंसी बंदूक विक्रेताओं आवश्यक दस्तावेज तलब किए हैं।
06/04/2024



