मुझे मेरी बीबी से बचाओ…..महिला थाने में रोज पहुंच रहे पत्नी पीड़ित

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सागर। राज्य सरकार ने करीब डेढ़ दशक पहले चुनिंदा जिलों में महिला पुलिस थानों की शुरुआत की थी। इस पहल का उद्देश्य था कि महिलाओं को घरेलू, सामाजिक उत्पीड़न की शिकायत करने में सहूलियत हो। संबंधित के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो। ये पुलिस थाने इस उद्देश्य में कितने कामयाब हो पाए हैं। यह शोध- पड़ताल का विषय है। लेकिन एक इन विशेष पुलिस थानों को लेकर पुरुषों के मन मस्तिष्क में एक अलग डर व भय की छवि बन गई है, जिसके चलते वे पत्नी से पहले उसकी शिकायत इन थानों में करने आ रहे हैं। जिले के महिला पुलिस थाने के अनुसार हर महीने आने वाले शिकायती आवेदनों में से करीब 40 फीसदी कथित रूप स पत्नी पीड़ित पुरुषों के होते हैं। इन सब की एक ही लाइन होती है। ” मुझे मेरी बीबी से बचाओ…..”
शिकायतें सुन लेते हैं, समझौते की कोशिश करते हैं
जिला महिला थाना प्रभारी आनंदसिंह का कहना है कि, कतिपय पति अपनी पत्नी, सास, साले-साली आदि से परेशान होकर थाने में आवेदन देते हैं। हालांकि उनके इस आवेदन पर हमारे पास कार्रवाई के लिए कोई विशेष कानूनी धाराएं नहीं हैं। जैसे कि महिला के पक्ष में दहेज उत्पीड़न, शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना आदि एक्ट्स हैं। फिर भी हमारा स्टाफ पतियों के इन आवेदनों पर उसकी पत्नी, सास व अन्य को बुलाते हैं। पूरा मामला समझते हैं। अगर पुरुष की गलती नहीं होती है तो फिर महिला पक्ष को समझाइश देते हैं। लेकिन किसी भी स्थिति में महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। क्योंकि हमारे पास उनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इधर कानून के जानकारों का कहना है कि पति इसलिए भी महिला थाने का रुख करते हैं, क्योंकि पत्नियां उनके खिलाफ शिकायत करने सीधे यहीं आती हैं। इस थाने में पूर्व से आवेदन देने पर पति को यह उम्मीद बंध जाती है कि पत्नी के आवेदन पर उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई नहीं होगी। महिला थाने में पत्नी पीड़ित क्या- कैसी शिकायतें कर रहे हैं। उसकी बानगी ये 3 केस हैं।
1.सास बोलती है कि, मेरी बेटी तो पड़े-पड़े खाएगी
रहली के एक युवक गौरव अहिरवार (परिवर्तित नाम)ने महिला पुलिस थाने में आवेदन दिया है। उसका कहना है कि मेरी पत्नी राखी (परिवर्तित नाम)बात-बात पर झगड़ा करती है। मुझे सीधे मुंह पर गालियां देती है। फिलहाल वह हमारी दो साल की बिटिया को लेकर पास ही के गांव स्थित मायके में है। मैंने उसे वापस घर लाने की कोशिश की। जवाब में उसकी सास बोली, मेरी बेटी एक ही शर्त पर जाएगी कि वह घर का कोई काम नहीं करेगी। पड़े-पड़े खाएगी। मुझे न्याय चाहिए।
2.पैसे-जेवर मायके में रखकर आ जाती है
रहली के एक ही एक अन्य वार्ड के नदीम खान (परिवर्तित नाम) ने आवेदन दिया है कि मेरी पत्नी रुबीना खान (परिवर्तित नाम) देवरी की रहने वाली है। मैं स्वयं पेशे से मेहनत-मजदूरी करता हूं। जैसे-तैसे कुछ पैसे बचाता हूं। थोड़ी बहुत रकम होने पर उसे जेवर आदि भी दिला देता हूं। लेकिन मेरी पत्नी जब मौका मिलता है। वह पैसे-जेवर अपने मायके में रख आती है। मेरे द्वारा विरोध करने पर रुबीना मुझे और मेरी मां यानी अपनी सास को बहुत ही गंदी-गंदी गालियां देती है। अभी सप्ताह भर पहले मेरी पत्नी से अपने मायके से गुंडे बुलवाकर मेरी बुरी तरह से पिटाई कराई।
3.सास-ससुर, बेटी को आत्महत्या करने उकसाते हैं
नरयावली थाना क्षेत्र के एक गांव के निवासी विष्णु प्रसाद साहू (परिवर्तित नाम) का कहना है कि मेरा विवाह रिंकी (परिवर्तित नाम) से कुछ वर्ष पूर्व हुआ था। मैं निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हूं। जबकि मेरा ससुराल पक्ष संपन्न श्रेणी का है। मेरी पत्नी मुझ से बिना बात के झगड़ा करती है। मैं छत्तीसगढ़ में मेकेनिकल वर्क करता हूं। मैं, पत्नी को अपने साथ वहां ले जाना चाहता हूं। लेकिन वह नहीं जाती। उलटा फोन पर सुसाइड की धमकी देकर अक्सर वहां से मुझे बुला लेती है। मैं यहां रहना चाहता हूं तो मेरे साथ झगड़ा करती है। सुसाइड की कोशिश करती है। मैंने उसके इस व्यवहार की शिकायत अपने सास-ससुर से की तो उन्होंने मेरे सामने ही अपनी बेटी यानी मेरी पत्नी से कहा कि तू सुसाइड कर ले। फिर मैं तेर इस पति को पुलिस केस में फंसवा दूंगा। जेल की चक्की पिसवाऊंगा।
05/04/2024



