ब्लैक आउट: चमगादड़ की आड़ में मेन्टेनेंस की कमी पर परदा!
बुधवार को दिन से लेकर देरशाम तक बिजली आती-जाती रही, कंपनी का अमला बोला, चमगादड़ और तकनीकी कारणों से बने हालात

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सागर। शहर में बुधवार को दोपहर, शाम और रात के समय ब्लैक आउट की स्थिति रही। दोपहर में जहां पुरानी डफरिन अस्पताल के पास एक खंबे से निकलती लाइन पर चमगादड़ के लटकने से बिजली चली गई। वहीं शाम को भैंसा क्षेत्र में 33 केवी लाइन का जम्फर निकल गया। इसके चलते करीब 1 घंटे तक सदर, भैंसा, भगवानगंज, करीला समेत आसपास के इलाके में ब्लैक आउट के हालात रहे। हालात यही नहीं संभले। देररात करीब 9.30 बजे एक बार फिर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अंधेरा छा गया। इस दफा रेलवे पोस्ट ऑफिस के पास के एक पेड़ 11 केवी की सप्लाई लाइन पर गिर गया। जिससे सप्लाई बाधित रही। यह स्थिति करीब घंटे भर रही।
चमगादड़ की आड़ में मेन्टेनेंस की कमी कब तक छिपाएंगे
एक तरफ गरमी का पारा ऊपर जा रहा है। दूसरी तरफ कंपनी बिजली सप्लाई नहीं कर पा रही है। असमय बिजली गुल होने से लोगों में खासा आक्रोश है। एड. जगदेवसिंह ठाकुर का कहना है कि बारिश में सांप और गरमियों में चमगादड़। बिजली कंपनी के ये बहाने समझ से परे हैं। सीधी बात ये है कि ये लोग सप्लाई का मेन्टेनेंस करने में असफल हैं।
अधिकांश अमला मेन्टेनेंस वर्क की सही ढंग से मॉनीटरिंग करने के बजाए ऑफिसों में बैठ राजस्व वसूली के लिए फोन घुमा रहा है। जो उपभोक्ता सस्ती या फिर चोरी की बिजली उपयोग कर रहे हैं। उन्हें इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जो नागरिक महंगी बिजली और समय पर भुगतान करते हैं। उन्हें इससे ज्यादा तकलीफ होती है। एड. ठाकुर ने कहा कि अगर बिजली सप्लाई में समस्या है तो कंपनी को 1912 पर कॉल करो तो विशेष रिस्पॉन्स नहीं मिलता। कई बार तो 2-3 घंटे बाद भी बिजली की सप्लाई बहाल नहीं होती।
04/04/2024



