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सागर। 16 महीने से जेल में बंद कांग्रेस नेता राजकुमार धनौरा के जेल से बाहर आएंगे। मप्र हाइकोर्ट जबलपुर की सिंगल बैंच ने उनकी जमानत का आवेदन मंजूर कर लिया है। जमानत का मुख्य आधार उनके खिलाफ दर्ज मामले के विचारण में समय लगने को बनाया गया है।
धनौरा के खिलाफ वर्ष 2023 में राहतगढ़ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। उन पर आरोप था कि राहतगढ़ जनपद पंचायत के मैनवारा ग्राम पंचायत के सरपंच रहते हुए मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना में धांधली कर पद का दुरुपयोग किया था।
वे अगस्त 2023 से केंद्रीय जेल सागर में बंद थे। उन्होंने बीते साल जेल में र्दुव्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया था। जिसके बाद जिला न्यायालय सागर ने उन्हें केंद्रीय जेल भोपाल ट्रांसफर कर दिया था। जानकारी के अनुसार उन्हें गबन के एक अन्य मामले में पूर्व में ही जमानत मिल चुकी थी।
बेटे और भाई पर अभी भी संकट, स्वामित्व योजना वाले केस में सह-आरोपी बने
राजकुमार धनौरा के मामले में उनके परिवार को भले ही राहत मिल गई है। लेकिन कानूनी संकट अभी भी नहीं टला है। जानकारी के अनुसार बीते साल के आखिर में पुलिस ने तफ्तीश के बाद चालान में धनौरा के दोनों बेटे केशवसिंह, सौरभसिंह, भाई प्रभातसिंह और परिजन मीतेशसिंह के नाम जोड़ दिए हैं।
आरोप है कि राजकुमार ने पद का दुरुपयोग करते हुए इन चारों को भूमि स्वामित्व देकर लाभ दिलाया। चर्चाओं के अनुसार यह चारों फिलहाल अपने-अपने घरों से गायब हैं। इधर राजकुमार के शुक्रवार देरशाम तक जेल से बाहर आने की उम्मीद जताई जा रही है। दूसरी ओर उनके जेल से बाहर आने पर सुरखी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में उबाल आने की भी चर्चाएं गरमा गईं हैं। यहां बता दें कि राजनीतिक खींचतान के चलते धनौरा को भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष के पद से हटाया गया था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी और उन्होंने केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत का मुखर विरोध कर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया था।09/01/2025



