मीट मार्केट के बाहर कार्रवाई करने पहुंचा अमला, कारोबारी बोले शहर में कई अवैध दुकानें
महापौर ने कहा, तीन दिन में मार्केट में शिफ्ट हों वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें, सीएम को पत्र भी लिखा

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सागर। तिलकगंज स्थित मीट मार्केट के बाहर खुले में मांस बेचने वालों के खिलाफ शुक्रवार को नगर निगम का अतिक्रमणरोधी अमला पहुंच गया। अमले ने मांस विक्रेताओं को तत्काल अपनी-अपनी सामग्री मार्केट के भीतर शिफ्ट करने के लिए कहा। जवाब में दुकानदारों ने कहा कि हम लोग दुकानें बनवा रहे हैं। शिफ्टिंग के लिए कुछ मोहलत दी जाए। इसके बाद अमला लौट आया। कुछ समय बाद यही सब दुकानदार नगर निगम पहुंचे और महापौर संगीता डॉ. सुशील तिवारी को एक ज्ञापन सौंपा। दुकानदारों का कहना था कि शहर में कई जगह जैसे होमगार्ड कार्यालय के पास, कलेक्ट्रेड रोड़, मोमिनपुरा में मस्जिद के बाजू में बस्ती के अंदर, बीड़ी कालोनी सागर, तिली गांव, तहसीली सागर, मछरयाई एवं अन्य क्षेत्रों अवैध रूप से मांस का विक्रय किया जा रहा है।
जिससे हम लोगों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसलिए हम लोग मार्केट के बाहर दुकानें चलाने को मजबूर हैं। जवाब में महापौर ने कहा कि, यह कोई तर्क नहीं है कि शहर में अन्य जगहों पर खुले में मांस-मछली बिक रहे हैं तो आप लोग भी वैसा ही करेंगे। आप लोगों को मार्केट के भीतर से ही कारोबार करना होगा। इसके लिए आप सभी को तीन दिन का समय दिया जा रहा है। इसके बाद नगर निगम नियमानुसार कार्रवाई करेगा। इस दौरान एमआईसी मेम्बर विनोद तिवारी, पार्षद अशोक साहू चकिया, पार्षद प्रतिनिधि नरेश यादव एवं तिलकगंज मीट मार्केट समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे।
महापौर का मुख्यमंत्री को पत्र लिखना बना चर्चा का विषय
इस मामले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महापौर तिवारी द्वारा एक पत्र लिखा गया है। जिसमें उन्होंने सीएम से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुले में मांस-मछली बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आग्रह किया है। इधर उनके इस पत्र को लेकर चर्चाएं गरमा गई हैं। नगर निगम के कामकाज की समझ रखने वालों का कहना है कि महापौर को शहर की व्यवसायगत स्वच्छता व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्णय व कार्रवाई के संपूर्ण अधिकार हैं। फिर वह सीएम को पत्र क्यों लिख रहीं हैं। चर्चाओं के अनुसार महापौर ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि कार्रवाई में प्रशासनिक सपोर्ट अपेक्षानुरूप नहीं मिले।
रिस-रिसकर आती खबरों के अनुसार नगर निगम इस समय दो खेमों में बंटा हुआ है। एक में महापौर और उनके परिषद के सदस्य हैं तो दूसरे में नगर निगम कमिश्नर, ननि अध्यक्ष और विधायक शामिल हैं। जिसको जो राजनैतिक या गैर-राजनैतिकअवसर मिल रहा है। वह उसे अपने हिसाब से उपयोग कर रहा है। उदाहरण के लिए बीते दिनों ननि में हुई चतुर्थ श्रेणी के २० पदों पर हुई अनुकंपा नियुक्ति का मामला ले लें। जिन लोगों को नियुक्ति किया गया। वे सभी कमिश्नर राजकुमार खत्री, ननि अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार की मौजूदगी में वरिष्ठ विधायक शैलेंद्र जैन के समक्ष धन्यवाद ज्ञापित करने पहुंचे थे। हालांकि बाद में नियुक्ति पाने वाले कुछ लोग महापौर तिवारी के समक्ष भी पहुंचे और उनके प्रति आभार जताया।
03/01/2024



