ADPO के चयनित 202 अभ्यर्थियों में 25% ग्वालियर व आसपास से हैं
वर्ष 2021 में हुई MPPSC की परीक्षा का यह परिणाम कई सवाल खड़े करता है

सागर। मप्र लोक सेवा चयन आयोग ने हाल ही में गृह विभाग के लिए ADPO( सहायक जिला अभियोजन अधिकारी) की वर्ष 2021 में लिए गए एग्जाम के बाद फाइनल सिलेक्शन लिस्ट निकाली है। 202 चयनितों की इस लिस्ट में ग्वालियर व आसपास के जिलों के अभ्यर्थियों की भरमार है। जो कुल चयनितों की संख्या का 25 फीसदी यानी 55 है। यह संख्या ग्वालियर व आसपास के विवि, कॉलेज व कोचिंग संस्थानों में लॉ की प्रतियोगी परीक्षाओं के स्तर को दर्शाती है। साथ ही सवाल भी खड़ा करती है कि इन गिने-चुने 7 जिलों से इतनी ज्यादा संख्या में चयन कहीं किसी गड़बड़ी का नतीजा तो नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि सूची के मुताबिक ग्वालियर से 23, शिवपुरी से 17 युवा इस पद के लिए चुने गए हैं। शेष 15 लोग भिंड, श्योपुर, दतिया, मुरैना और अशोक नगर से हैं। इस रीजन में गुना जिला भी है। जहां से अपवाद स्वरूप एक भी सिलेक्शन नहीं हुआ है। सूची में सागर समेत संभाग के युवाओं के भी नाम हैं। जिनमें सागर से 8, छतरपुर से 5, दमोह और पन्ना से 4-4 और टीकमगढ़ से 2 नाम हैं। सूची को लेकर जानकारों का कहना है कि ग्वालियर- शिवपुरी में लॉ की कोचिंग्स बहुत अच्छी हैं। यहां तैयारी का स्तर बाकी जिलों के संस्थानों से बेहतर है। बावजूद यहां के कॉलेज- विवि में कानून या विधि की पढ़ाई लगभग वैसी ही है। जैसी बाकी प्रदेश के शिक्षण संस्थानों की है। इससे इतर बात करें तो ग्वालियर रीजन में प्रतियोगी परीक्षाओं का इतिहास काला- स्लेटी रहा है।
व्यापमं का PMT इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जिसमें 10-20 नहीं 100 से अधिक अभ्यर्थी मेडिकल प्रोफेशनल कोर्स में फर्जीवाड़ा कर घुसपैठ करते धरे गए। वापस इस रिजल्ट की बात करें तो यह 3 साल बाद डिक्लेयर हुआ है। इसके पीछे कारण क्या रहे ये MPPSC जाने। इसी बीच एक खबर ये है कि पड़ोसी
राज्य छत्तीसगढ़ PSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को CBI ने गिरफ्तार किया है। टामन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2019- 2022 के बीच अपने कई करीबी रिश्तेदारों के अलावा कांग्रेसी नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई।
18/11/2024



