1.40 करोड़ रुपए विधानसभा टिकट के लिए ग्वालियर वाले नेताजी को भेजे जा रहे थे

ग्वालियर वाले “सफेदपोश ” न फंसे इसलिए शहीद के फर्जी वारिस को “शहीद” करा दिया !
सागर। ध्यान रखें ग्वालियर मेें अकेले वही एक बड़े और राष्ट्रीय नेता नहीं हैं। और भी हैं, इसलिए इस खबर को पढ़ने के बाद चितंन करें। पिछली खबरें पढ़ें तो समझने में आसानी होगी कि ये सफेदपोश कौन हो सकते हैं। अब मुद्दे की बात। स्रोतविहीन1.40 करोड़ रु. के मामले में इनकम टैक्स के अफसर, ललितपुर के ध्रुवप्रताप सिंह बुंदेला को सर्वे-सर्वा बनाकर जबलपुर निकल लिए। जबकि सच्चाई इससे हटकर हवाओं में तैर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह रकम भोपाल तरफ के किसी राजनैतिक व्यक्ति ने विधानसभा चुनाव-2023 के टिकट के लिए ग्वालियर वाले “सफेदपोश” जी को भेजी थी। लेकिन युवाओं के “प्रेरणास्रोतों” को शराब की तलब लगी और वे खेल परिसर के बाजू वाली दुकान पर रुक गए। नतीजतन पुलिस ने धर लिया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि भोपाल से आते वक्त ढाबों-होटलों पर शराब मिल सकती थी तो फिर ये लोग इस कलारी तक क्यों आए। उसका कारण ये है कि इस कलारी में कांग्रेस के लोकल नेता के पुत्तर हिड्डेन पार्टनर बताए जाते हैं। ये वही हैं जिनका नाम इस नोटकांड में आया है। हालांकि उनकी विशेष भूमिका नहीं निकली तो आईटी ने भी उन्हें “छांट की बीड़ी” मान केस से परे कर दिया। चर्चाओं के अनुसार, यह रकम ग्वालियर बेस्ड शराब के चक्रवर्ती ठेकेदार के जरिए ली जा रही थी। चक्रवर्ती ठेकेदार, इसलिए क्योंकि इनका काम प्रदेश के अलावा दूर-दूर के राज्यों तक फैला है। दारू बनाने, भरने से लेकर बेचने तक का कारोबार है। इसी ठेकेदार फर्म के साइलेंट पार्टनर ग्वालियर के सफेदपोश जी बताए जाते हैं। खैर ….. बताते हैं कि, जैसे ही यह रकम पकड़ी गई तो ग्वालियर वाले ठेकेदार ने सागर व आसपास के लिए शराब ठेकेदारों से संपर्क किया। कहा कि, आप लोग अपनी शराब की बिक्री में यह रकम दिखा दें। समस्या भी नहीं आएगी क्योंकि बीते दिन शनिवार की छुट्टी भी थी। लेकिन शराब ठेकेदार नहीं माने। कहा, आपका तो काम बन जाएगा लेकिन बाद में हम कहां ये रकम दिखाएंगे। आयकर कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले में अगर आईटी के अफसर बारीक होकर जांच करते तो रकम के सारे सिरे-सिलसिले सामने आ जाते। लेकिन इसके बाद जो राजनीतिक बवाल मचता, उसे लोक सभा चुनाव-2024 तक भी शांत नहीं कर पाते। इसलिए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद मधुकर शाह बुंदेला के फर्जी वारिस को इस मामले में “शहीद” कर दिया।



