देवरी विधायक बोले, गुस्से में दिया था इस्तीफा, डॉक्टर बीना अस्पताल और टीआई लाइन अटैच
डॉक्टर ने वीडियो जारी कर सफाई दी, बोले मेरे खिलाफ लगे आरोप झूठे

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सागर। पद से इस्तीफा देने की घोषणा करने वाले देवरी विधायक ब्रजबिहारी पटैरिया पीछे हट गए हैं। सर्पदंश के मामले में पीएम रिपोर्ट को लेकर की गई धरनेबाजी के चंद घंटे बाद ही उन्होंने कहा, मुझे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार और भाजपा संगठन पर पूरा भरोसा है। चर्चा है कि पटैरिया के इस इस्तीफा स्टंट को पार्टी के प्रदेश आलाकमान ने बड़ी गंभीरता से लिया था। उन्हें जमकर फटकार भी पड़ी। जिसके बाद उनके सुर बदल गए। इधर इस मामले के मुख्य किरदार डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ कथित रूप से सर्पदंश के कारण मृत वयोवृद्ध धनसिंह यादव के पोते रोहित यादव की रिपोर्ट पर काम के बदले राशि मांगने का केस दर्ज हो किया गया है। वहीं कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देश पर डॉ. दुबे को सीएमएचओ डॉ. ममता तिमोरी ने बीना सिविल अस्पताल में अटेच कर दिया है। जबकि एसपी विकास साहवाल ने केसली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजयकुमार बैगा को लाइन बुला लिया है।
कमेटी गठित सात दिन में रिपोर्ट देगी, तहसीलदार भी जांच करेंंगे
इस मामले में सीएमएचओ डॉ. तिमोरी ने एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। जो इस घटनाक्रम की सभी पहलुओं की जांच करेगी। अगर किसी भी स्तर पर डॉ. दुबे द्वारा अनियमितता करना पाया जाता है तो उनके खिलाफ मप्र सिविल सेवा एक्ट 1956 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कलेक्टर संदीप के निर्देश पर देवरी के एक नायब तहसीलदार द्वारा घटनाक्रम की पृथक से जांच कराई जाएगी। ताकि शिकायतकर्ता के दावे की पुष्टि की जा सके।
डॉक्टर ने वीडियो जारी कर सफाई दी, बोले मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे
इस घटनाक्रम को लेकर डॉ. दुबे ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी है। उनका कहना है कि तथाकथित पीड़ित मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगा रहे हैं। वे सभी झूठे हैं। ये लोग मुझ पर पीएम रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत होने संबंधी अभिमत देने की मांग कर रहे थे। जबकि मृत वयोवृद्घ धनसिंह यादव को एक महीने पहले जब अस्पताल लाया गया था। तब परीक्षण में उसकी मौत का कारण सर्पदंश प्रतीत नहीं हो रहा था।
पोस्टमार्टम के दौरान भी उनके शरीर पर कहीं पर भी सांप द्वारा डसे जाने के निशान नहीं मिले। परिजनों का कहना था कि सरकारी अस्पताल लाने से पहले उन्होंने धनसिंह का कहीं और भी उपचार कराया था। शरीर पर उसके भी निशान जैसे बॉटल चढ़ाने, इंजेक्शन लगाने आदि नहीं दिखे। मामला पूरी तरह से संदिग्ध होने पर मैंने, नियमानुसार परिजनों द्वारा धनसिंह यादव के शरीर पर बताए गए कथित सर्पदंश वाले हिस्से की त्वचा का नमूना और बिसरा प्रिजर्व कराकर एफएसएल जांच के लिए भेज दिया था। मेरा कहना था कि जब तक एफएसएल रिपोर्ट नहीं आ जाती। तब तक मैं पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण सर्पदंश नहीं लिख सकता। डॉ. दुबे द्वारा बनाई गई पीएम रिपोर्ट में धनसिंह की मौत का तात्कालिक कारण कॉर्डियो रेस्पेटरी फेल्योर बताया गया है। जो करंट, भयप्रद वस्तु दिखने, सर्पदंश समेत अन्य कारणों से भी संभव है।
बंडा में शासकीय काम में बाधा डालने के केस के कनेक्शन की चर्चा
इस मामले में एक चर्चा ये भी है कि शुक्रवार की रात हुए बवाल का डॉ. दुबे की बंडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पोस्टिंग से कनेक्शन है। जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ रहने के दौरान डॉ. दुबे ने दो लोगों के खिलाफ शासकीय काम में बाधा का केस दर्ज कराया था। इसके बाद से ये लोग उन पर राजीनामा करने के लिए दबाव बना रहे थे। डॉ. दुबे पर बंडा से लेकर सागर और देवरी के कतिपय लोगों ने इस मामले में पीछे हटने के लिए कहा। लेकिन वह इसके लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद इस मामले में देवरी के जनप्रतिनिधि की इंट्री हुई। जो बंडा में आरोपी बने युवकों के रिश्तेदार बताए जाते हैं। शुक्रवार की घटना में अब इन्हीं रिश्तेदार की भूमिका बताई जा रही है। ताकि बंडा वाले केस में राहत ली जा सके। जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले बंडा में एक महिला के बीमार होने पर उनके परिजन ने डॉ. दुबे पर घर चलकर उपचार के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने घर पर पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं होने के कारण मरीज को अस्पताल लाने के लिए कहकर परिजन को लौटा दिया था। कुछ देर बाद परिजन महिला
को लेकर आए तो उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित होकर इन लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। डॉ. दुबे ने इसी मामले में इन लोगों के खिलाफ बंडा पुलिस थाने में शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शासकीय काम में बाधा डालने का केस दर्ज कराया था।
11/10/2024



