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मुनि श्री सुधासागर जी के खिलाफ चिट्ठी शेयर करने वाला मुझ से कुछ मत पूछो …. मुझे कसम दी गई है!

महाराष्ट्र से पत्रकारों को शेयर की गई थी मुनिश्री के खिलाफ लिखी चिट्ठी!

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सागर। श्री भाग्योदय तीर्थ अस्पताल क्षेत्र में चार्तुमास कर रहे निर्यापक मुनि श्री108 सुधासागर जी महाराज की जीवनचर्या को लेकर एक चिट्ठी बुधवार को शहर के चुनिंदा पत्रकारों को वाट्स एप पर शेयर की गई थी। चार पेज की इस चिट्ठी में मुनिश्री के बारे में कई आपत्तिजनक बातें लिखी गई थीं। मुनिश्री सुधासागर जी के अनुयायियों व श्रावकों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चिट्ठी लिखने व भेजने वालों के बारे में पड़ताल की। सबसे पहले इस चिट्ठी के लेखक के रूप में दर्ज नाम हेमंत काला, इंदौर से संपर्क किया गया। काला ने जवाब दिया कि मैंने ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी है। मेरे नाम का दुरुपयोग किया गया है। मैं, सोशल मीडिया पर जब कभी कोई सामाजिक मैसेज करता हूं तो नीचे तारीख वगैरह अंकित करता हूं। इसलिए इस मामले से मेरा कोई सरोकार नहीं है। बता दें कि जैन समुदाय में हेमंत काला, जैन दर्शन के जानकार माने जाते हैं। उनकी प्रदेश के जैन समाज में विशेष साहित्यिक प्रतिष्ठा है।

कसम दी है कि मत बताना कि किसके कहने पर चिट्ठी शेयर की 

हेमंत काला के बाद अनुयायियों ने उस नंबर पर कॉल किया। जिसके माध्यम से यह पत्र, मीडियाकर्मियों तक पहुंचाया गया। काफी समय तक यह नंबर बंद बताता रहा। जैसे ही ऑन हुआ तो किसी व्यक्ति ने कॉल रिसीव किया। इस व्यक्ति से जब पूछा गया कि क्या आपने यह पत्र लिखा है तो उसने जवाब दिया कि नहीं,  मैंने यह पत्र नहीं लिखा। मुझे किसी ने इसे वाट्स एप के माध्यम से कुछ मोबाइल नंबरों पर भेजने के लिए दिया था। जब उस व्यक्ति से पत्र शेयर कराने वाले का नाम पूछा तो उसने जवाब दिया कि मुझे कसम दी गई है। मैं, इस बारे में कुछ नहीं बोलूंगा। यह व्यक्ति वर्तमान में अपनी मौजूदगी पूना(महाराष्ट्र) में बता रहा है।

मुकेश जैन ढाना एपिसोड की आड़ में ट्रस्टियों की बौखलाहट!

यह विवादास्पद चिट्ठी मीडियाकर्मियों के अलावा कुछ जैन सोशल ग्रुप में भी पहुंची है। जिसके बाद चिट्ठी के स्रोत और उद्देश्य को लेकर बहस, तर्क-वितर्क शुरु हो गए। कुछ लोगों का कहना था कि इस चिट्ठीबाजी के पीछे भाग्योदय तीर्थ क्षेत्र के वे कतिपय ट्रस्टी या लोग  हो सकते है। जिन्होंने मुनिश्री के सागर चार्तुमास का विरोध किया था। शायद उन्हीं में से किसी ने बौखलाहट में चिट्ठी लिखी और वायरल कराई है। यह ऐसा व्यक्ति होगा जिसका शहर के उन गिने-चुने मीडियाकर्मियों से भली-भांति परिचय है। जो चार्तुमास के पूर्व से वर्तमान तक मुनिश्री व चार्तुमास का लगातार कवरेज कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये व्यक्ति भाग्योदय तीर्थ या अन्य किसी जैन

पत्रकारों को भेजी गई मुनिश्री को लेकर लंबी चिट्ठी

धर्मार्थ ट्रस्ट से जुडऩे के पूर्व ऐसे व्यस्ततम जीवन में रहा है जिसमें उसका सामना सज्जन और दुष्ट दोनों तरह के लोगों से होता रहा है।इसकी झलक चिट्ठी में लिखे फिल्मी गीतों के मुखड़ों व यदा-कदा उपयोग की गई उर्दू भाषा से मिल रही है। एक चर्चा ये भी है कि इस पत्र को किसी और समय पर भी वायरल किया जा सकता था। लेकिन इसके लिए ऐसा समय चुना जिसमें संदेह किसी व्यक्ति विशेष पर जाए। इसके लिए प्लानिंग के तहत मुकेश जैन ढाना को टारगेट किया गया। बता दें कि चार दिन पहले ही मुनि श्री ने एक सवाल के जवाब में ढाना को काफी फटकार लगाई थी।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने भाग्योदय ट्रस्टी मुकेश ढाना को फटकारा, बोले आग लगाना बंद करो

10/10/2024

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