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निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने भाग्योदय ट्रस्टी मुकेश ढाना को फटकारा, बोले आग लगाना बंद करो

बोले, मुनि संघ के खिलाफ राजनीति बंद करो, वाट्स एप पर मेरे खिलाफ क्या लिखा जाता है सब जानता हूं

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सागर। श्री भाग्योदय तीर्थ अस्पताल क्षेत्र में चार्तुमास कर रहे निर्यापक मुनि श्री 108 सुधासागर जी महाराज रविवार को आयोजित जिज्ञासा-समाधान सत्र में एक अनुयायी पर इस कदर बरसे कि पूरे पंडाल में सनाका खिच गया। हुआ ये कि भाग्योदय तीर्थ के ट्रस्टी और पूर्व भाजपा नेता मुकेश जैन ढाना ने सत्र के दौरान मुनि श्री सुधासागरजी से कहा कि मैंने आप से समाधिष्ट पूज्य विद्यासागरजी महाराज के शरद पूर्णिमा पर जन्म जयंती आयोजन के बारे मेें व्यक्तिगत चर्चा की थी। आपने एक उदाहरण देते हुए मुझे चुप कर दिया। मैं चाहता हूं कि आप जनता के सामने वही बात दोहराएं। इसके जवाब में मुनिश्री ने कहा कि मुकेश, क्यों आग लगानेे का काम कर रहे हो। जिस आग को दो-ढाई महीने से खत्म करने की कोशिश कर रहा हूं। उसे तुम क्यों माचिस की काड़ी( तीली) दिखा रहे हो। मैं सब समझता हूं। आज तुम समयसागर जी महाराज का जयकारा लगा रहे हो। कल जब उनसे बिगड़ जाएगी तो मेरी तरह उनके बारे में बुरा-भला कहोगे। सोचो….तुम जो आग लगा रहे हो अगर यह भारत में फैल गई तब…? तुम मुनि- महाराजों के बीच में आग लगा रहे हो। तुम्हारे मन में मेरे प्रति कसाय (कसैलापन) भाव है…! है तो रखे रहो। यह तुम्हें ही जलाकर भस्म कर देगा। तुम मुनि संघ के बारे में राजनीति मत करो। तुम वाट्स एप पर जो मैसेज चलाते हो। उनमें घुमा फिराकर मेरे बारे में लिखा जाता है। क्या मैं और समाज इतनी बुद्धू है। जो इसका मतलब नहीं समझती। मुनिश्री यहीं नहीं रुके। वे करीब 12-13 मिनट तक ढाना को फटकार लगाते रहे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि चार लोगों ने तुम्हें पंचायत का अध्यक्ष बनाया था। पूरे समाज ने नहीं। मेरे खिलाफ चार-छ: लोगों को बुलाकर पूरे भारत की समाज का विरोध बताते हो। मैं बताऊंगा भारत से कितने लोग आते हैं। आने वाली 12 तारीख को वे लोग आ भी सकते हैं। तब तुम्हें पता चलेगा कि समाज क्या है। इधर मुनिश्री के तेवर देख मुकेश जैन ढाना कुछ नहीं बोल पाए। नीचे यू-ट्यूब वीडियो में मुनि श्री और ढाना के बीच हुए संवाद की संपूर्ण क्लिप है। 

सौजन्य: सुधामंत्र एवं पुण्योदय चैनल।

पत्रकार दर्पण होते हैं, कुछ बेईमान भी होते हैं
एक श्रद्धालू उन पत्रकारों के बारे में पूछा जो पत्रकारिता की आड़ में अन्य काम करते हैं। जवाब में मुनिश्री ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं। लेकिन कुछ लोग बेईमानी कर रहे हैं। वे पक्षकारिता कर रहे हैं। कुछ पत्रकार ऐसे होते हैं। जिनसे उनकी बुराई होती है। उनके बारे में कुछ नहीं छापते हैं। जिनसे उनके संबंध होते हैं। उनके बारे में वह छापते हैं। पत्रकारों के इस व्यवहार से देश समाज की छवि तय होती है। फिर दोहराता हूं कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं। उन्हें पूरी स्वच्छता व निष्पक्षता के साथ अपना काम करना चाहिए।

06/10/2024

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