सरकारी गवाह ने कहा, अभी पीएम मोदी का एक फेक वीडियो तो ऐसा प्रसारित हुआ, जिसमें वे गा रहे हैं….. पूर्व मंत्री पटैरिया बरी
दो साल पहले पूर्व मंत्री पटैरिया पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या करने संबंधी बयान देने का आरोप लगा था

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सागर। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित है। जिसमें वह गा रहे हैं। व्हाट्स एप ग्रुपों पर आए दिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से मिथ्या व भ्रामक वीडियो तैयार कर प्रसारित किए जाते हैं। जो फेक न्यूज की श्रेणी में आते हैं। यह बयान सरकारी गवाह ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटैरिया के खिलाफ दर्ज मामले में धीरेंद्रसिंह परिहार, एमपीएमएल विशेष कोर्ट ग्वालियर में दिया। जिसके बाद न्यायलय ने पूर्व मंत्री पटेरिया को बरी कर दिया। दो साल पहले दिसंबर 2022 में पूर्व मंत्री पटेरिया के खिलाफ पवई निवासी संजय खरे ने स्थानीय पुलिस थाने में एक केस दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजा पटैरिया ने सरकारी गेस्ट हाउस में जबरिया प्रवेश किया और कांग्रेस जनों के समक्ष वक्तव्य दिया कि, ये मोदी इलेक्शन खत्म करा देगा। मोदी धर्म, जाति, भाषा के आधार पर बांट देगा। दलितों, वनवासी, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है। संविधान यदि बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। हत्या इन द सेंस हराने का तात्पर्य….। इस बयान के बाद पटैरिया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
ढाई महीने जेल में गुजारना पड़े थे, न्यायालय ने साक्ष्यों को प्रमाणित नहीं माना
पूर्व मंत्री पटेरिया को तत्कालीन आईपीसी की धारा 451, 504, 505(1), (ख)और 506(ग) के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर उन्हें हाईकोर्ट जबलपुर का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। इस दौरान वे ढाई महीने से ज्यादा जेल में रहे। इधर न्यायालय में विचारण के दौरान अधिकांश गवाहों ने अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं किया। इसके अलावा स्थानीय नगर परिषद पवई के एक वाट्स ग्रुप में जो वायरल वीडियो को बतौर साक्ष्य कोर्ट में पेश किया था। उसके ट्रांसस्क्रिप्ट का धारा 65 के तहत विधिवत प्रमाणीकरण नहीं कराया गया।
अभियोजन ने जिस डीवीडी व पेन ड्राइव पर उक्त वीडियो कॉपी किया था। उसकी साइबर सेल या इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञ से उसकी शुद्धता, विश्वसनीयता, टेम्पिरिंग या डबिंग आदि की जांच नहीं कराई। जिससे यह साबित नहीं हो पाया कि उक्त वीडियो से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसके अलावा अभियोजन ये भी साबित नहीं कर पाया कि उक्त वीडियो किसके कैमरे और किस व्यक्ति ने रिकॉर्ड किया था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर पूर्व मंत्री पटैरिया को न्यायलय ने बरी कर दिया। उनकी तरफ से कोर्ट में पैरवी एडव्होकेट संजय शर्मा ने की। 07/10/2024



