भाग्योदय मेडिकल स्टोर्स अग्निकांड: रोजाना का फुटकर काउंटर 40 लाख रु. का और गोडाउन में महज 5-10 लाख रु. की दवाएं !
अग्निकांड को लेकर ट्रस्टियों की चुप्पी और बाजार में चर्चाओं का बाजार गरम

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सागर। भाग्योदय तीर्थ अस्पताल के फार्मा स्टोर के अग्निकांड की लपटें सोमवार देर शाम ही शांत हो गईं थीं। अगले दिन अस्पताल प्रभारी नीरज जैन ने मोतीनगर थाने में इस घटनाक्रम को लेकर सूचना दी है। जिसमें उन्होंने आग लगने का कारण अज्ञात बताया है और जली हुई दवाओं की कीमत करीब 5- 10 लाख रु. बताई है। इस मामले में मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंतसिंह गहनता से जांच कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से ड्रग स्टोर के

आसपास के सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं ताकि अग्निकांड के वास्तविक कारणों तक पहुंचा जा सके। इधर अग्निकांड के कारण कई मरीज व उनके परिजन दहशत में आ गए थे। उन्होंने देररात ही अस्पताल छोड़ दिया था लेकिन ये लोग मंगलवार सुबह वापस आ गए। अस्पताल ट्रस्ट प्रबंधन ने इस कांड में किसी भी स्तर पर जनहानि नहीं होने की बात कही है।
रोजाना रिटेल में लाखों की दवाएं बिकती हैं, गोडाउन में मात्र 5-10 लाख की दवा!
अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बताया है कि अग्निकांड में 5- 10 लाख रु. की दवाएं जली हैं। वहीं फार्मा लाइन के जानकारों का कहना है कि जिस अस्पताल के रिटेल काउंटर से ही रोजाना 30-40 लाख रु. की दवाएं बिक जाती हों। उसके गोडाउन में मात्र 5 -10 लाख रु. की दवाएं होना समझ से परे है। एक चर्चा ये भी है कि जो दवाएं जली हैं। वे एक्सपायर हो चुकी थीं। जिसके निपटारे को लेकर जिला औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अस्पताल
प्रबंधन से जवाब-तलब किया जा रहा था! इस मामले की जांच में जिले के ड्रग इंस्पेक्टर की अहम भूमिका हो सकती है। हालांकि सागरवाणी डॉट कॉम से चर्चा डीआई प्रीत कमल ने भाग्योदय फार्मेसी को लेकर किसी भी तरह की जांच या एक्सपायरी दवा मामले के पेंडिंग होने से इनकार किया है।
इधर अग्निकांड को लेकर इस धर्मार्थ अस्पताल के ट्रस्टी ज्यादा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। एक ट्रस्टी सुरेंद्र मालथौन का कहना है कि आगजनी का कारण अज्ञात है। रही बात जलने वाली दवाओं की तो वह अस्पताल के मेडिकल स्टोर से बिकने के लिए रखी थीं। उनमें कोई भी एक्सपायरी दवा नहीं थी।
24/09/2024



