परसोरिया के मदरसे को लेकर मुफ्ती की सफाई ! हमें मान्यता की जरूरत नहीं।
मदरसे में पढ़ाई की टाइमिंग और यतीम बच्चों के बारे बोले, मालूमात कर जवाब दूंगा।


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सागर। परसोरिया में चल रहे मदरसे और मौलाना आजाद मिडिल स्कूल को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द की जिला इकाई के जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती अबरार उल हक ने सफाई दी। उन्होंने वीडियो बयान जारी कर दावा किया है कि मौलाना आजाद एजुकेशन कैम्पस में किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी नियम की बात अवहेलना नहीं की जा रही है।
शुक्रवार को मप्र बाल संरक्षण आयोग की जो टीम आई थी उसके बताए अनुसार कुछेक कमियां थी। जो पूरी कर ली गईं हैं। इधर सागरवाणी डॉट कॉम से चर्चा में मुफ्ती अबरार का कहना है कि मदरसा कतई अवैध नहीं है। रही मदरसा बोर्ड से मान्यता की बात तो सरकार ने इसे लेना अनिवार्य नहीं किया है। देश में वर्तमान में 1.10 लाख मदरसे संचालित हैं। उनमें से केवल 25 हजार ने ही मान्यता ली है। हम यह मदरसा व स्कूल NGO जामिया इस्लामिया उलेमा अक्कलकुआ ( महाराष्ट्र)
वायरल वीडियो से आया सच सामने कि, चचा लोग…. 8 वीं तक की स्कूल में पढ़ा रहे थे 10 वीं के बच्चे
के जरिए संचालित कर रहे हैं। इस NGO की देश में 116 शैक्षणिक संस्थाएं कार्यरत हैं। बच्चों को पहले मदरसा फिर स्कूल की पढ़ाई के सवाल पर मुफ्ती ने कहा कि, यह
सब गलतफहमी है। बच्चों को उनके मां – बाप की सहमति से ही सुबह 4:30 – 5 बजे जगाया जाता है। नमाज के बाद 1-2 घंटे के लिए मदरसे में उनकी धार्मिक शिक्षा होती है। फिर 10. 30 सुबह ये लोग स्कूल के लिए रवाना हो जाते हैं। स्कूल से लौटने के बाद कोई क्लासेस नहीं होती।
9 -10 वीं और यतीम बच्चों के बारे में नहीं दे पाए जवाब
मुफ्ती अबरार से जब ये पूछा गया कि वह मान्यता के 9 – 10 th के बच्चों को कैसे पढ़ा रहे थे। उन्होंने जवाब दिया कि हम लोगों ने शासन से
मान्यता के लिए कोशिश की थी। जो नहीं मिली। चूंकि ये बच्चे पहले से ही मदरसा में पढ़ रहे थे तो उनके पेरेन्ट्स ने कहा कि इन बच्चों को ओपन स्कूल से परीक्षा दिला देंगे। इसलिए वे लोग मदरसे में मौजूद थे। हमारी मिडिल स्कूल में इन बच्चों का कोई भी रिकॉर्ड या दाखिला नहीं है। यतीम (अनाथ) बच्चों के मामले में मुफ्ती ने कहा कि, मुझे भी इस बारे ज्यादा कुछ नहीं पता स्कूल प्रबंधन से जानकारी मांगी गई है। उसके आधार पर ही कोई जवाब दिया जा सकेगा।
12/08/2024



