वायरल वीडियो से आया सच सामने कि…..8 वीं तक की स्कूल में पढ़ा रहे थे 10 वीं के बच्चे
मप्र बाल संरक्षण आयोग और शिक्षा विभाग, पुलिस की ज्वाइंट ने की परसोरिया के स्कूल-कम- अवैध मदरसे की जांच

परसोरिया में चल रहा था अवैध मदरसा,8वीं तक की मान्यता वाले स्कूल में पढ़ रहे थे 9-10 वीं के बच्चे,मप्र बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकारसिंह और शिक्षा विभाग ने किया औचक निरीक्षण, छात्रावास के बच्चों को नींद से तड़के उठाने वायरल वीडियो के बाद हरकत में आया आयोग
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सागर। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने शुक्रवार जिले के मदरसों व स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने परसोरिया में स्थित मौलाना आजाद मिडिल स्कूल में अनियमितताएं और बिल्डिंग परिसर में ही अवैध मदरसा संचालित मिला है। उक्त स्कूल की मान्यता केवल कक्षा 8 वीं तक की थी लेकिन यहां कक्षा 9 व 10 वीं में भी एडमिशन दिया गया था। स्कूल का ड्रेस कोड भी कुर्ता-पाजामा और जालीदार टोपी रखा गया था। स्कूल के छात्रावास में बुजु और इबादत खाना मिला है।
स्कूल और मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे स्थानीय नहीं है। जिसकी पड़ताल की जा रही है। जानकारी के अनुसार बाल आयोग ने इस स्कूल व अवैध मदरसे का निरीक्षण एक वायरल वीडियो को देखने के बाद किया था। जिसमें कुछ बच्चे उन्हें नींद से तड़के जगाकर नमाज अता करने के लिए मजबूर करने की बात बोल रहे हैं।
कुछ समय पहले तक शुक्रवार को छुट्टी कर रविवार को पढ़ाई कराते थे
आयोग के सदस्यों ने बताया कि हम लोगों को जानकारी मिली कि बच्चों को अल सुबह जगाने के बाद नमाज आदि के बाद मदरसे में पढ़ाया जाता था। इसके बाद स्कूल में पढ़ाई होती थी। स्कूल के स्टाफ के लिए छात्रावास के पास ही रहवासी कमरे दिए गए हैं। वर्तमान में इस स्कूल में 365 बच्चों के एडमिशन मिले हैं। बच्चों ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले तक शुक्रवार को स्कूल की छुट्टी रखी जाती थी और रविवार को पढ़ाई
होती थी। लेकिन बाद में यह व्यवस्था बदल दी गई। अब रविवार को ही छुट्टी होती है। जबकि मदरसे की छुट्टी शुक्रवार को होती है। सिंह के अनुसार यहां पढ़ रहे बच्चों की संख्या भी एडमिशन के अनुसार नहीं मिली।
कई बच्चे अनाथ हैं या उनके माता-पिता में से किसी एक का निधन हो चुका है। इन बच्चों को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना या स्पॉन्सरशिप का लाभ मिलना चाहिए। सिंह ने कहा कि यह
मदरसा मप्र का सबसे बड़ा मदरसा है। जहां कई अनियमितताएं हैं। जिसकी जांच शिक्षा विभाग को गहनता से करनी होगी। इसके बाद बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सिंह ने परसोरिया स्थित अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास का भी निरीक्षण किया एवं परसोरिया स्थित शासकीय उच्चतर हाईस्कूल का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विधि सह परिवीक्षा अधिकारी आशीष उपाध्याय, सहायक संचालक शिक्षा विभाग डॉ रेणु परस्ते, बीईओ सागर मनोज तिवारी,परियोजना अधिकारी ग्रामीण स्वाति जैन, डीपीसी गिरीश मिश्रा,बीआरसी अनुरुद्ध डिम्हा,बीएसी राघवेन्द्र सिंह राजपूत, संकुल प्राचार्य जीपी सक्सेना, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश शुक्ला सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे ।
09/04/2024



