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जैसीनगर के पंडित रामू भारद्वाज भी श्री बागेश्वर धाम की तरह व्यक्ति से मिले बगैर उसका कच्चा-चिट्ठा बना लेते हैं

                                                                सागर। 9425172417
शहर में श्री बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री श्रीमद् भागवत कथा सुना रहे हैं। उनका दिव्य दरबार लग रहा है। जिसमें वे बड़े ही चमत्कारिक ढंग से लोगों से बगैर मिले,उसका अगला-पिछला बता रहे हैं।  कुछ ही इसी तरह का चमत्कार जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर जैसीनगर ब्लॉक के बिजौरा गांव के पंडित रामू भारद्वाज भी कई वर्ष से कर रहे हैं। सागर वाणी डेस्क ने स्वयं उनके दरबार में पहुंचकर इसकी पुष्टि की। पं. भारद्वाज ने सागर वाणी के संवाददाता के पहुंचने के बाद जाने कब पर्चा लिख लिया था। मुलाकात के आखिरी चरण में उन्होंने संवाददाता से उसकी समस्या व चिंताओं के बारे में पूछा और तत्काल ही करीब घंटे भर पहले लिखा पर्चा रख दिया। जिसमें वही सब लिखा था जो संवाददाता द्वारा, पर्चा देखने से पहले सार्वजनिक रूप से बयान किया गया था। प्रचार-प्रसार से फिलहाल बहुत दूर दिख रहे पं. रामू महाराज, लगभग पं. धीरेंद्र शास्त्री की ही उम्र के हैं। वे अपनी बात व तर्क को रखने में पं. शास्त्री की तरह पारंगत नहीं है। वे तो 10 – 25 लोगों के बीच घर में ही दरबार लगाते हैं और पर्चा बनाने के बाद उसका सार्वजनिक वाचन नहीं करते हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि किसी एक की समस्या, बाकी सब को बताने से क्या फायदा। उसी व्यक्ति को उसकी समस्या बताकर निदान बता देते हैं। यही अच्छा और बेहतर होता है।
बोले यह सब शास्त्रों में लिखा है, बस अध्ययन होना चाहिए 
पंडित भारद्वाज से जब ये पूछा गया कि आप ये सब कैसे करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर मेरे दादाजी की विशेष कृपा है। जो श्री राम भगवान के परम भक्त थे। जब उनसे कहा गया कि और स्पष्ट करें। उन्होंने जवाब दिया कि सनातन धर्म शास्त्रों में मानव के भूतकाल से लेकर भविष्यकाल बताने का पर्याप्त लेखा-जोखा है। बस इसे समझने की आवश्यकता है। वह उदाहरण देकर बोलते हैं जिस तरह से दूध में दही, मक्खन, छाछ, घी और मावा छिपा होता है। जिसे जो चाहिए होता है वह उससे ले लेता है। बस उसी तरह से हमारे शास्त्र हैं। उनमें वह सब कुछ है जो मानव जानना या प्राप्त करना चाहता है। यक्षिणी विद्या सिद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा। उन्होंने यक्षिणी की सिद्धि की बात सीधे तौर पर स्वीकार न करते हुए कहा कि मैं तो शास्त्रों के आधार पर यह सब बताता हूं। राजनीतिक भविष्यवाणियों से भी पं. भारद्वाज परहेज करते हैं। उनसे आगामी विस चुनाव-2023में सागर जिले की स्थिति के बारे में पूछने पर उन्होंने साफ मना कर दिया। उन्होंने यह भी साफ किया कि वह बड़े-बड़े मंचों पर जाकर इस तरह पर्चा बनाने और बताने के भी इच्छुक नहीं हैं।
दरअसल हरेक चौथे-छठवें गांव में यह विद्या है
व्यक्ति से चर्चा करे बगैर उसके मन की बात बता देने की यह विद्या नई नहीं है। इस विषय की तह में जाएंगे तो हमें पता चलेगा कि हरेक कस्बे, टोले, विकासखंड, तहसील के चौथे-छठवें गांव में लोगों की समस्या का निदान करने वाले पंडित, थार वाले, बाबा, कजरी लगाने वाले होते हैं। कमोवेश उनकी अपनी-अपनी विद्या है। दो दशक पहले तक जब संचार के साधन लगभग नहीं के बराबर थे। तब मवेशी के गुमने, बच्चों के घर से भाग जाने से लेकर परिवार के जमीनी विवाद, असाध्य बीमारियों के बारे में यही लोग ग्रामीणों को बताते रहते थे। ये क्रम अब भी जारी है। सोशल मीडिया की रुचि के चलते यह कला, विद्या या चमत्कार अब देश-दुनिया की नजर में आ गया है। अब पं. रामू भारद्वाज की चर्चा पर लौट आएं। पंडितजी, वैसे तो रोज ही लोगों की समस्याएं बताकर उनका निदान बताते हैं। लेकिन मंगलवार और शनिवार को उनका खास दरबार लगता है। इस दिन अधिकांशत: नए लोग पहुंचते हैं। जिनका पंडितजी पर्चा बनाते हैं। चूंकि सागर वाणी की टीम रविवार को उनके दरबार में पहुंची थी। सो उस दिन अधिकांश लोग वही मिले। जो पहले कभी अपना पर्चा लिखवाने के बाद उनके बताए उपायों की रपट देने आए थे। इसी के चलते सागर वाणी डेस्क के पास फिलहाल ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसमें वह किसी व्यक्ति का पर्चा लिख रहे हों। जो वीडियो हैं उनमें आप लोगों को उनकी समस्याएं और पंडितजी द्वारा निदान बताते देख सकते हैं। इससे भी बेहतर होगा कि आप किसी दिन सुबह करीब 11 बजे उनके दरबार में पहुंच जाएं और दूध का दूध और पानी का पानी कर आएं।

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