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जिसकी नौकरी ही अधर में, उसे ही एचओडी बनाने पर क्या अड़े हैं इंचार्ज वीसी

डीन के आदेश को साइड कर अब रजिस्ट्रार से निकलवाया फरमान

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि के प्रभारी कुलपति डॉ. यशवंत ठाकुर ने 10 सितंबर को विभाग की एक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनीत वालिया को एमबीए का प्रभारी एचओडी बनाया था। लेकिन  24 घंटे बाद ही डीन प्रो. श्री भागवत ने इसे निरस्त कर दिया था। उनका कहना था कि MBA या दूसरे विभाग के किसी वरिष्ठ शिक्षक को यह जिम्मेदारी दी जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए मैं विवि आर्डिनेंस में डीन को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश निरस्त करता हूं। बहरहाल अब इस मामले में प्रभारी कुलपति प्रो. ठाकुर ने अपने आदेश को जायज ठहाराने के लिए इस दफा  रजिस्ट्रार सत्यप्रकाश उपाध्याय का सहारा लिया है। उन्होंने 19 सितंबर को रजिस्ट्रार से डॉ. वालिया को प्रभारी Hod बनाने का नया फरमान निकलवाया है। जिसको लेकर प्रो.भागवत एक बार फिर आंदोलित हैं। उनका कहना है कि  2013 की जिस भर्ती प्रक्रिया को माननीय हाईकोर्ट तक अवैध ठहरा चुका है, उसमें नियुक्त शिक्षक ( डॉ. वालिया) को प्रभारी कुलपति प्रो. ठाकुर क्यों एचओडी बनाने पर उतारू हैं। उन्होंने इस मसले पर दर्जन भर से अधिक सवाल उठाए हैं। जो विवि के गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए है।

1. क्या यह आदेश विधिक , तर्क संगत है 

2. क्या यह आदेश विशेषाधिकार का आदान प्रदान नहीं दर्शा रहा है 

3. और क्या इस विशेषाधिकार का आदान प्रदान प्रभारी कुलपति प्रोफेसर वाई एस ठाकुर और कुलसचिव सत्य प्रकाश उपाध्याय द्वारा किया जा सकता है 

4. क्या एक प्रोफेसर , विभागाध्यक्ष ,डीन आदि के मूल दायित्वों को एक कॉर्डिनेटर को हस्तांतरित किया जा सकता है 

5. यह वि वि के किन एक्ट , ऑर्डिनेंस, नियम, प्रावधान या पॉलिसी के तहत किया गया है 

6. प्रोफेसर वाई एस ठाकुर को स्थाई रूप से शिक्षक नियुक्त किया गया है तथा एक्ट ऑर्डिनेंस के हिसाब से विभागाध्यक्ष बनाया गया है जिसमें उनको शैक्षणिक कार्यों में दो पीरीयड की रियायत दी गई है। परंतु कुलसचिव का यह आदेश तो प्रोफेसर वाई एस ठाकुर को उनके मूल दायित्वों से ही मुक्ति देना बयां कर रहा है। ऐसे में जब तक ये कुलपति के प्रभार में रहेंगे तब तक इनको वेतन किस दायित्व का देय होगा 

7. यह आदेश तीन सवर्ण वर्ग के लोगों द्वारा एक सवर्ण वर्ग के लिए चार आरक्षित शिक्षकों के विरुद्ध बार-बार क्यों निकला जा रहा है। यहां वरिष्ठता आदि के लिए आंख बंद करके प्रशासन कार्य क्यों कर रहा है 

8. डॉ सुनीत वालिया का नाम ही प्रोफेसर वाईएस ठाकुर बार बार क्यों दे रहे हैं। दूसरों नामों से परहेज क्यों किया जा रहा है जबकि विभाग में वरीयता श्रेणी में वालिया का क्रम चौथा है। 

9. अन्य विभाग जहां पर प्रोफेसर नहीं है और अन्य विभागों के प्रोफेसर विभागाध्यक्ष है वहां पर भी 2013 में नियुक्त हुए लोगो को क्यों नही चार्ज दिया जाता है 

10. ऐसे प्रोफेसर जो विवि में बड़ी बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे है उन्हें, प्रो. ठाकुर की तरह का विशेषाधिकार कुलसचिव सत्य प्रकाश उपाध्याय क्यों नहीं दिया? उनको अपने शैक्षणिक कार्य से मुक्त क्यों नहीं किया 

11. क्या सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक्ट ऑर्डिनेंस में प्रभारी कुलपति को अपने मूल दायित्वों से मुक्त करने का प्रावधान है?

12. क्या यह आदेश विभाग के अन्य शिक्षकों खास तौर पर निम्न श्रेणी के शिक्षको के साथ साथ प्रशासन भेद भाव नहीं कर रहा है? 

13. क्या अपने अतिरिक्त चार्ज के लिए अपना मूल दायित्वों से मुंह मोड़ा जा सकता है और वो वेतन का पात्र होगा ?

19/09/2025

 

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