ड्रिंक एंड ड्राइव का संदेही रईसजादा जेल गया, केस में धारा 304 बढ़ी, लोगों ने दिया ज्ञापन
वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद बढ़ाई गंभीर धारा, क्लेम पर कोई असर नहीं होगा


सागर। नरयावली में चंद सेकंड के भीतर एक के बाद एक चार लोगों को रौंद देने वाले रईसजादे को पुलिस ने जेल भेज दिया है। ेऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस ने घटनाक्रम के करीब दो सप्ताह बाद इस एक्सीडेंट केस में धारा 304 का इजाफा कर दिया है। कानूनी रूप से यह धारा गैर-जमानती है। बड़ा बाजार निवासी एक युवक अमन बिड़ला पर बीती 19 जून को कथित तौर पर शराब के नशे में तेज रफ्तार एसयूवी गाड़ी से दो अलग-अलग बाइकों को टक्कर मारने का आरोप है। इस घटनाक्रम में चार लोगों की जान चली गई थी जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। इधर इस घटनाक्रम में मृतकों के परिजन, परिचित व समाजजनों ने एसपी को ज्ञापन देकर आरोपी युवक के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
भीषण एक्सीडेंट करने वाले रईसजादे की एक बीयर बॉटल कम क्यों बता रही है नरयावली पुलिस?
दोष सिद्ध हुआ तो 10 साल जेल, क्लेम पर कोई संकट नहीं
कानूनी जानकारों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति पर धारा 304 का मामला दोष सिद्ध पाया जाता है तो न्यायालय उसे अधिकतम 10 साल की सजा से दंडित कर सकता है। बीमा क्लेम मामलों के जानकार वकील ब्रह्मदत्त पांडे के अनुसार यह धारा उन मामलों में दर्ज की जाती है जिसमें व्यक्ति ऐसा आपराधिक मानव वध करेगा, जो हत्या की श्रेणी में नहीं आता है। उसके द्वारा किए गए कार्य से किसी को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचना या मृत्यु की आशंका है। तब वह इस धारा के अंतर्गत 10 साल तक की सजा और जुर्माना या किसी एक सजा का भागी होगा। एड. पांडे ने बताया कि पुलिस आम तौर पर लोगों को एक्सीडेंटल मामलों में क्लेम को लेकर बरगलाती है ताकि आरोपी के खिलाफ कम सजाओं वाली धारा में चालान तैयार किया जा सके। जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। अगर आरोपी के खिलाफ ड्रिंक एंड ड्राइव का केस बनता भी है। तब भी संबंधित बीमा कंपनी, पीड़ित को क्लेम देने के लिए बाध्य होती है। बाद में बीमा कंपनी, उक्त क्लेम राशि आरोपी से वसूल सकती है। इसलिए यह बात सिरे से नकार देना चाहिए कि अगर ड्राइवर का शराब के नशे में होना साबित हो जाता है तो बीमा कंपनी प्रभावित को क्लेम नहीं देती है।
डायरी का अध्ययन व नए सुबूत मिलने के बाद बढ़ी धारा
नरयावली थाना प्रभारी कपिल लक्षकार का कहना है कि प्रकरण में जो भी सुबूत सामने आए। उनके आधार पर केस डायरी तैयार की गई। विवेचना के दौरान कुछ और साक्ष्य मिले। जिसके संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया गया। इसके बाद उपरोक्त मामले में धारा 304 बढ़ाई गई।पुलिस ने पूर्व में इस केस में भादवि की धारा 304 ए, 279, 337 का केस दर्ज किया था।
मुख्यमंत्री के नाम सभी समाज के लोगों ने ज्ञापन सौंपा इस घटनाक्रम को लेकर सभी समाज के लोग सिविल लाइंस में जमा हुए। इसके बाद वे एसपी ऑफिस पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन पीढ़ियों को जिसमें ग्राम गोरा कर्रापुर के एक ही परिवार के रामनरेश 40 पिता सहेंद्र सिंह, शारदा बाई उर्फ सीता रानी 60 पत्नी सहेंद्र सिंह एवं महिमा 12 पिता रामनरेश सिंह व झूलन विश्वकर्मा निवासी गांव मोकलपुर को शहर के शराबी,रईसज़ादे युवक अमन बिड़ला ने अपनी गाड़ी से टक्कर मारी। जिससे इन चारों की मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। पुलिस की लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई के लिए हम सभी नाराजगी व्यक्त करते हैं। आरोपी को थाने में कूलर की सुविधा दी गई। 13- 14 दिन गुजरने के बावजूद उसकी ब्लड रिपोर्ट नहीं आई है। जबकि इस मामले में पुलिस की संदेहास्पद कार्यवाही को देखकर नरयावली विधायक इंजी. प्रदीप लारिया ने एवं सागर सांसद श्रीमती लता वानखेडे ने कठोर शब्दों में सागर एसपी से उचित और त्वरित कार्यवाही कर धारा 304 क़ायम करने के लिए कहा था। इसके बाद सभी लोगों ने दो सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिसमेें उन्होंने पहली मांग यह रखी कि इस जघन्य और अक्षम्य अपराध के लिए उस शराबी,अय्याश, हत्यारे दरिंदे पर धारा 302 एवं 304 के तहत केस दर्ज हो एवं उसका घर शासन द्वारा बुल्डोजर चलाकर जमींदोज किया जाए। दूसरी ये कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द शासकीय स्तर पर अधिकतम अर्थिक सहायता मिले। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में 8 जुलाई को मकरोनिया में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। ज्ञापन देने वालों में क्षत्रिय समाज सागर के जिला अध्यक्ष एड. हरिराम सिंह कैथोरा, सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष भरत तिवारी,श्री राम दरबार मंदिर के महंत केशव गोस्वामी,एड. गोविंद सिंह कर्रापुर,कलेक्टर सिंह केरवना,नीरज सिंह नयाखेड़ा, राघवेंद्र सिंह भापेल,राहुल सिंह चौरा,हेमराज सिंह पठारी,सोमेन्द्र सिंह गौर,अभिषेक गौर उमेश चौबे समनापुर,अवधेश सिंह सिमरिया, एड भूपेन्द्र राठौर, छोटेलाल विश्वकर्मा मोकलपुर, बलवंत सिंह,गजेंद्र सिंह,एड कल्याण सिंह,लोकेश तिवारी गडर समेत बड़ी संख्या में अन्य नागरिक समाजों के नागरिक शामिल थे।



