समाधिष्ट आचार्य श्री पर आरोप लगाने वालों के खिलाफ भाग्योदय तीर्थ में जमा जैन समुदाय आपस में भिड़ा
एक दिन पहले बंदूकों के साये में हुई थी समाज श्रेष्ठियों की मीटिंग, तब भी हुई बहसबाजी

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सागर। अहिंसा परमो धर्म: की पताका लेकर चलने वाले जैन समाज के एक धड़े में मन-मुटाव और तीखी बहसबाजी चल रही है। स्थिति ये है कि समाज के श्रेष्ठि- श्रावकों को अपनी बैठक बंदूकों के साये में करना पड़ी है। जिसके वीडियो वायरल है। इस बैठक को लेकर ऊपरी तौर पर तो ये बताया गया कि ललितपुर निवासी किसी हिम्मू जैन का पर्दाफाश करने रखी गई थी।हिम्मू पर आरोप है कि उसने एक साल पहले समाधिष्ट संत श्रेष्ठ पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पर अनर्गल आरोप वाले पत्र वायरल किए थे। पकड़े जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ा था। इस दौरान उसने दावा किया था कि मैं तो केवल पत्र वाहक हूं। ये चिट्ठियां, ललितपुर के ही किसी वकील द्वारा मुझे दी जाती हैं। बहरहाल अंदर की खबर ये है कि ये बैठक राजस्थान में श्रद्धेय और निर्यापक श्रेणी के एक मुनिश्री के सागर में चौमासे की संभावना को टलवाने जनमत तैयार करने रखी गई थी। बता दें कि ये वही मुनिश्री हैं जिनको जैन समाज के एक नामचीन ट्रस्ट के चंद पदाधिकारी उपरोक्त चिट्ठी वायरल कांड में संदिग्ध मानते हैं। हालांकि यह बहाना मात्र है। असल डर ट्रस्ट के कामकाज की पड़ताल होने का है। निर्यापक मुनिश्री की ख्याति मंदिर- ट्रस्टों में आर्थिक अनियमितताएं मिलने पर संबंधितो पर कठोर निर्णय लेने की रही है।
भाग्योदय में बैठक, एक धड़ा थाने पहुंचा शुक्रवार को श्री भाग्योदय तीर्थ अस्पताल परिसर में ट्रस्ट कमेटी के संचालक महेश बिलहरा की अगुवाई में सकल दिगंबर जैन समाज की बैठक बुलाई गई थी। सूत्रों का कहना है कि बैठक में कतिपय लोग जहां हिम्मू से जुड़े घटनाक्रम पर बहस कराना चाह रहे थे तो दूसरा धड़ा मूर्ति घोटाले और 2 हजार करोड़ रु. के मनी लाड्रिंग के आरोपों में घिरे राजेन्द्र शाह उर्फ राजा भैया सूरत (गुजरात) पर चर्चा चाहता था।
राजा भैया के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने सागर समेत बुंदेलखंड के मंदिरों में ताईवान से मूर्तियां लाकर देने के लिए अच्छा-खासा एडवांस लिया है। खैर….. इन दो मुद्दों पर चर्चा- बहस करने दो पक्ष आमने-सामने आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विनीत मोदी ने अपने समर्थकों को साथ लेकर सीए सुदीप जैन से हाथापाई की। चर्चा है कि इसके बाद एक पक्ष मोतीनगर पुलिस थाने तक पहुंच गया। वहीं इस झगड़े- विवाद को देखते हुए समाज के कतिपय ट्रस्टी मौके से निकल गए। जैन समुदाय के इस दो दिनी घटनाक्रम को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है। समाज के एक वर्ग के लोग भाग्योदय तीर्थ धर्मार्थ ट्रस्ट के आय-व्यय के बारे में सफाई चाहते हैं। एक वर्ग वह भी है जो इस ट्रस्ट से यह पूछना चाहता है कि शहर से चंद किमी दूर विहार कर रहे मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज को क्यों नेगलेक्ट किया जा रहा है। बड़े बुजुर्ग जानना चाहते हैं कि आचार्य श्री के समाधिष्ट होने के बाद उनके बारे में की गई टीका-टिप्पणियों का साल-डेढ़ साल पुराना मामला अब क्यों उखाड़ा जा रहा है।
समाज के विभिन्न मुद्दों पर तीखी प्रतिक्रिया देने के लिए पहचाने जाने वाले आरटीआई कार्यकर्ता और समाजसेवी पंकज सिंघई ने कहा कि, आज और कल जो भी हुआ। वह जैन समाज के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं। मेरा मानना है कि समाज की एक कोर कमेटी बने और उपरोक्त विवाद- विषयों पर निर्णय ले। ट्रस्ट समेत अन्य प्रकल्पों के कामकाज, आय-व्यय को सार्वजनिक कराए। अगर ऐसा होता है तो समाज की बैठकों के भीतर के विवाद सड़कों पर नहीं आएंगे।
समाज में आचार्य श्री का आदेश सर्वोपरि: बिलहरा ये दो दिनी बैठक समाज के विभिन्न विषयों के संबंध में थी। जिन्हें मैं, मीडिया से साझा करना ठीक नहीं समझता। ये बात सकल दिगंबर जैन पंचायत सागर के पूर्व अध्यक्ष महेश बिलहरा ने कही। उन्होंने कहा कि भाग्योदय ट्रस्ट से संबंधित जानकारी एमडी सुगम कोठारी से ली जा सकती है। रही बात चौमासे की तो वर्तमान में हमारे गुरुवर आचार्य श्री समयसागर जी महाराज का इस संबंध में जो भी निर्देश होगा। हम उसका पालन करेंगे।
28/06/2024



