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विविः पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. प्रधान को सिक्योरिटी गार्ड ने ऑफिस में नहीं घुसने दिया

जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश की डिजिटल कॉपी रिसीव कराने पहुंचे थे विवि जस्टिस संजय द्विवेदी ने डॉ. प्रधान को ज्वाइन कराने का फैसला किया है

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. रंजन प्रधान सोमवार को मुख्य प्रशासनिक कार्यालय पहुंचे। लेकिन उन्हें। वहां मौजूद विवि के सिक्योरिटी गाईंस ने ऑफिस के भीतर नहीं – घुसने दिया। चर्चाओं के अनुसार गार्ड्स ने कहा कि कुलपति कार्यालय के आदेशानुसार आप – कार्यालय के भीतर नहीं जा सकते। इस स्थिति में रजिस्ट्रार से शंकर नाम के एक कर्मचारी ने – दस्तावेज लेकर रिसीविंग दी। इधर पूर्व रजिस्ट्रार के साथ किसी उत्पाती छात्र की भांति विवि प्रशासन नका यह व्यवहार पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि विवि ने अपनी इस चूक पर पर्दा डालते हुए उन्हें मुख्य प्रशासनिक भवन के बाजू में बने प्रॉक्टर ऑफिस में बैठने कहा। जहां विवि के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य व सुरक्षाधिकारी पहुंचे। विवि के प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार डॉ. प्रधान के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए पिछले साल जारी किए गए उस आदेश की आड़ ली गई। जब उन्हें विवि ईसी ने सेवा से बाहर कर दिया था और विवि के सुरक्षा विभाग ने उनके मेन ऑफिस में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। ताजा घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए उस आदेश को अब तक प्रभावी बताया गया।

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जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉ. प्रधान के पक्ष में फैसला सुनाया है

करीब 6 महीने पहले विवि की ईसी के एक निर्णय के बाद सेवा से बाहर किए गए तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. प्रधान ने जबलपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में विवि और डॉ. प्रधान के पक्ष को सुना। इसके बाद तीन दिन पहले निर्णय सुनाया कि विवि प्रशासन, डॉ. प्रधान को पुनः रजिस्ट्रार के पद पर ज्वाइन कराए। सेवा समाप्ति के नाम पर रोके गए उनके वेतन-भत्ते आदि का भी भुगतान करे। जानकारी के अनुसार डॉ. प्रधान इसी संबंध में एक प्रतिवेदन लेकर मेन ऑफिस पहुंचे थे। लेकिन विवि के गाईंस ने उन्हें गेट से ही वापस कर दिया। हालांकि उनसे पहले ये दस्तावेज भी बमुश्किल लिए गए। इसके पूर्व कभी सभी दस्तावेजों की एक-एक फोटोकॉपी के नाम पर तो कभी शपथ-पत्र देने के नाम पर लेने से आनाकानी की गई। इस पूरी खींचतान के दौरान पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. प्रधान, कभी कैम्पस स्थिति आवास तो कभी जिला न्यायालय परिसर तक दौड़-भाग करते रहे।

विवि प्रशासन बोला, प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं

डॉ. प्रधान द्वारा ई-मेल से पत्र भेजा गया था। इसके बारे में उन्हें जवाब दे दिया है। उन्होंने खुद उपस्थित होकर भी आवेदन दिया था। जिसे संबंधित कार्यालय ने रिसीव कर लिया है। अब विवि प्रशासन विधि अनुसार कार्रवाई करेगा। विवि में डॉ. प्रधान के प्रवेश को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है।

डॉ. विवेक जायसवाल,  मीडिया अधिकारी, डॉ. हरीसिंह गौर गौर केंद्रीय केंद्री विवि, सागर मप्र

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