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दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि में यहां के प्रभारी कुलसचिव उपाध्याय अयोग्य ! रजिस्ट्रार प्रधान की वापसी पर हाईकोर्ट की मुहर

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि की भर्ती और चयन प्रक्रिया को आइना दिखाती दो घटनाएं सामने आईं हैं। जो यहां करीब एक दशक से चल रही गड़बड़ियों की तरफ बड़ा खुलकर इशारा कर रही हैं। मामला ये है कि हाल ही मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी ने विवि के रजिस्ट्रार रहे डॉ. रंजन प्रधान की नियुक्ति को सही ठहराते हुए विवि प्रशासन को उन्हें दोबारा ज्वाइन कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं इससे चंद दिन पहले दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि ने विवि के प्रभारी रजिस्ट्रार बने बैठे सत्यप्रकाश उपाध्याय को इस पद के काबिल नहीं मानते हुए उनका आवेदन खारिज कर दिया। जानकारी के अनुसार उनके पास इस पद के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं था। इस भर्ती प्रक्रिया में इससे भी गजब एक तथ्य यह भी सामने आया है कि डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि द्वारा अयोग्य बताकर हटाए गए डॉ. रंजन प्रधान को योग्य मानते हुए ८ जून को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया है।

एकतरफा हटाना प्राकृतिक न्याय, विवि बकाया वेतन भत्तों का भुगतान करे

मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय द्विेदी की एकल पीठ ने डॉॅ. रंजन प्रधान की याचिका पर बीते 8 अप्रैल को फाइनल सुनवाई की थी। जिसमें उनके वकील मनोज शर्मा ने बताया था कि मेरे मुवक्किल डॉ. प्रधान को विवि प्रशासन ने एकतरफा ढंग से हटा दिया। उनके कार्यालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। डॉ. प्रधान ने अपनी नियुक्ति संबंधी आवेदन में वह सब जानकारी दी जो अलग-अलग कॉलम में मांगी गई थी। लेकिन विवि प्रशासन ने इन जानकारियों की अपने हिसाब से व्याख्या कर डॉ. प्रधान को जानकारी छिपाने का दोषी बता दिया। जो सरासर गलत था। जस्टिस द्विवेदी ने डॉ. प्रधान के वकील के तर्कों से सहमति जताते हुए निर्णय दिया कि विवि प्रशासन, उन्हें पुन: ज्वाइन कराए। बकाया वेतन-भत्तों का भुगतान करे।

आज विवि पहुंचे डॉ. प्रधान, ठेकेदारों में खलबली

इधर जानकारी मिली है कि डॉ. प्रधान सागर पहुंच चुके हैं। वे सोमवार को विवि प्रशासन के समक्ष हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पेश करेंगे। चर्चाओं के अनुसार हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विवि के एक तबका विशेष में खलबली बची हुई है। ये वे लोग हैं, जिन्होंने कुलपति कार्यालय में अपनी पैठ बनाते हुए मनमाने ढंग से ठेका प्रक्रिया, खरीदी, नियुक्तियां आदि की थीं। इनमें विवि के प्रशासनिक अधिकारी से लेकर कतिपय नई-पुरानी भर्ती के टीचर्स शामिल हैं।

02/06/2024

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