नकली नोट छापना यू-ट्यूब पर सीखा, बाजार में चलाए, 10 साल की जेल
सजा की बारी आई तो बीमार मां और परिवार याद आया....न्यायाधीश बोले, शारीरिक ,आघात से बड़ा अपराध है नकली नोट बनाना

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सागर। नकली नोट छापने और बाजार में चलाने के दो साल पुराने एक मामले में जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है। न्यायालय पंचम अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर सुधांशु सक्सेना ने तीन आरोपियों को 10-10 साल की जेल की सजा और 46-46 हजार रु. से अधिक का जुर्माना सुनाया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक रमन जारोलिया ने की।उनके मुताबिक मामला शहर के मोतीनगर थाने का है। जहां ठीक दो साल पहले 10जून 2023 को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर तीन युवक सुभान उम्र 29 साल पिता बाबू राईन,निवासी सिंडीकेट बैंक के पास, कटरा बाजार, अहद उम्र उम्र 31 साल पिता शान इस्लाम राईन निवासी तुलसीनगर वार्ड और राशिद उम्र 40 वर्ष पिता यूनिस खान, निवासी- कृष्णगंज वार्ड, सभी निवासी जिला-सागर को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों पर नकली नोट छापने और चलाने का आरोप था। पुलिस की पूछताछ में आरोपी अहद और सुभान ने कुबूला कि हम लोगों ने यू-ट्यूब चैनल पर नकली नोट छापने का तरीका सीखा। इसके बाद कटरा बाजार स्थित एक एडवांस कम्प्यूटर शॉप से कलर प्रिंटर व नोट के कागज जैसे दिखने वाले जीएसएम पेपर 500,100 और 50 के नोट छापे। जिन्हें बाजार में चलाया। इन युवकों में से अहद ने शुक्रवारी वार्ड में एक मकान किराए पर लिया था। जहां ये लोग नोट तैयार करते थे। पुलिस ने इस स्थान पर भी छापा मारा और हजारों रुपए की नकली मुद्रा जब्त की।
सजा की बारी आई तो बीमार मां और परिवार याद आया
प्रत्यक्ष रूप से दंड के प्रश्न पर सुना गया। अभियुक्तों के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियुक्त गरीब परिवेश के हैं। उनका यह पहला अपराध है। वे नौजवानहैं, अत: उन्हें परिवीक्षा का लाभ दिया जाये। अभियुक्त सुभान एवं अहद की ओर से यह भी निवेदन किया गया है कि अभियुक्त सुभान की मां बीमार है और उसकी समस्त देखभाल अभियुक्त सुभान ही करता है। शेष दो भाई अन्य स्थान पर निवास करते हैं, ऐसी स्थिति में अभियुक्त सुभान को 03 वर्ष से कम के कारावास से दंडित किया जाए, जिससे उसे जमानत का लाभप्राप्त हो सके। इसी प्रकार अभियुक्त अहद राइन की ओर से यह निवेदन किया गया है कि अभियुक्त अहद ने ई-रिक्शा खरीदा है, जिसे चलाकर वह अपना जीवन-यापन करता है। अत: अभियुक्त अहद को भी 03 वर्ष से कम के कारावास से दंडित किया जाए, जिससे उसे जमानत का लाभ प्राप्त हो सके। अभियुक्त राशिद की ओर से यह निवेदन किया गया है कि अभियुक्त राशिद, सब्जी मंडी में आढ़तिया का काम करता है और परिवार का एकमात्र आय अर्जित करने वाला सदस्य है। अत: अभियुक्त राशिद को भी 03 वर्ष से कम के कारावास से दंडित किया जाए, जिससे उसे जमानत का लाभ प्राप्त हो सके।
न्यायाधीश बोले, शारीरिक आघात से बड़ा अपराध है नकली नोट बनाना
बचाव पक्ष के वकील की प्रार्थना सुनने के बाद न्यायाधीश सक्सेना ने कहा कि आतंकवाद एवं नक्सलवाद तथा अन्य विदेशी दुश्मनों के लिए नकली करेंसी/कूटकृत करेंसी एक महत्वपूर्ण, मौद्रिक घातक हथियार है, जिससे वे भारतीय अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से क्षति कारित करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय मुद्रा की साख का अवमूल्यन करते हैं, जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था निम्न सोपान पर पहुंचने हेतु अग्रसर होती है। अन्य कोई भी अपराध जो किसी व्यक्ति के शरीर अथवा सम्पत्ति के विरुद्ध किया गया है, उसकी तुलना में भारतीय राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक साख एवं भारत की अखंडता एवं आंतरिक सुरक्षा को क्षीण करने हेतु किया गया आपराधिक कृत्य अतिगंभीर प्रकृति का अपराध है। इस हेतु दंड के प्रश्न पर सहानुभूति रखा जाना, राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा एवं अखंडता के सापेक्ष न्यायसंगत नहीं है। इस मामले में आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत उक्त कूटकृत करेंसी तैयार कर अपराध में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नष्ट कर साक्ष्य विलोपित किए जाने का कार्य भी किया गया है। फलत: अपराध की प्रकृति एवं प्रकरण की परिस्थितियों के दृष्टिगत यह न्यायालय, अभियुक्तगण को परिवीक्षा का लाभ दिया जाना उचित नहीं पाता है।
14/06/2025



