अपराध और अपराधीचर्चित

फर्जी डिग्री का संदेही डॉ. एन. जॉन केम यूपी-बिहार के सीएम योगी आदित्यनाथ और नीतिशकुमार से भी मिला था

छत्तीसगढ़ के अलावा हैदराबाद में भी कर चुका है डॉक्टरी, प्रारंभिक पूछतांछ में कानपुर निवासी बताया, डिग्री गुमने पर नकली बनवाने की बात स्वीकारी

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सागर। दमोह के मिशन अस्पताल में सात हृदय रोगियों की सर्जरी के बाद मौत के मामले में घिरे डॉ. एन जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को लेकर कुछ नए खुलासे हुए हैं। जानकारी मिली है कि वह स्वयं को विदेश से क्वालिफाइड कॉर्डियोलॉजिस्ट बताते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीशकुमार से भी मिल चुका है। हालांकि फोरेन्सिक के जानकार इन फोटो को फेक बता रहे हैं। उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर ये फोटो डले हुए हैं। राजनीतिक के इन दिग्गजों से इस कथित सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कब और किस के जरिए मुलाकात हुई। इस बारे में फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है। इधर सूत्रों का कहना है कि वह मप्र में भी कई रसूखदार राजनीतिक लोगों से मिला है लेकिन इसके फोटो या अन्य कोई प्रमाण फिलहाल सामने नहीं आए हैं। दूसरी ओर दमोह पुलिस ने डॉ. एन जॉन केम को जिला न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने उसका पांच दिन का रिमांड मांगा। न्यायलय ने मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस अब उससे मिशन अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में सर्जरी के बाद या उसके दौरान हुई मौतों के बारे में पूछताछ करेगी। डॉ. केम को सोमवार को दमोह की पुलिस ने साइबर लोकेशन के आधार पर वाराणसी शहर की एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग से पकड़ा था।

तीन राज्यों में काम किया, संदेह करो तो गायब हो जाता

सूत्रों का कहना है कि डॉ. जॉन केम उर्फ विक्रमादित्य यादव ने करीब 20 साल पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी काम किया था। वहां उसने अपोलो अस्पताल में अपनी नकली पहचान डॉक्टर एन. जॉन कैम का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का इलाज किया था। जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। आरोप है कि उसके द्वारा ऑपरेट किए गए 8 लोगों की मौत हुई। लोगों का उस पर संदेह बढ़ा तो यह शख्स वहां से खिसक गया। इसके बाद उसने हैदराबाद में डेरा डाला। वहां उसने एक अस्पताल संचालित किया। लेकिन स्टाफ की पेमेंट से लेकर उपचार संबंधी शिकायतों के चलते वह अचानक अस्पताल बंद कर मप्र की तरफ भाग आया। इसके बाद वह लंबे समय तक नरसिंहपुर में प्रेक्टिस करता रहा।

पत्नी हॉस्पिटल मैनेजमेंट की डिग्रीधारी, देहरादून का निवासी है

गौर वर्णी व ब्रिटिशर्स सरीखा दिखाने के लिए यह कथित डॉक्टर जॉन केम उर्फ विक्रमादित्य यादव कई प्रपंच रचता था। पश्चिमी शैली लिबास में वह अक्सर विदेशियों के जैसा अंग्रेजी का उच्चारण करता था। उसने अपने बाल भी सुनहरे करा लिए लिए थे। जानकारी मिली है कि विक्रमादित्य देहरादून,  उत्तराखंड का रहने वाला है। उसकी पत्नी का नाम अनीता रावत है। जो अस्पताल मैनेजमेंट की डिग्रीधारी है। विक्रमादित्य की इस फर्जी पहचान को कायम करने में उसकी भी भूमिका मानी जा रही है। दमोह पुलिस के अनुसार पूछताछ में वह अपने बयान लगातार बदल रहा है। कभी वह ये मान लेता है कि उसकी डिग्री वास्तव में फर्जी है तो कभी वह बोलता है कि मैंने वास्तव में दार्जिलिंग और कोलकाता से एमबीबीएस व एमडी की पढ़ाई की है। लेकिन एक दफा ये सारी डिग्रियां गुम गईं तो इस नए नाम के साथ नकली डिग्रियां बनवा लीं। इस तरह से वह खुद को मेडिकली क्वालीफाइड बताने का दावा करने लगता है।

08/04/2025

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