खबरों की खबरचर्चित
Trending

सागर जैन समाज के सेठ, साध्वी, नेता, डॉक्टर समेत 19 की गिरफ्तारी पर रोक

कोर्ट के आदेश पर ललितपुर में दर्ज हुई थी हत्या के प्रयास की एफआईआर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थानीय पुलिस के तथ्यों पर भरोसा करते हुए दी राहत

sagarvani.com9425172417

सागर। अपहरण, जानलेवा हमला समेत अन्य गंभीर आरोपों में घिरे शहर के सेठ, साध्वी, नेता, डॉक्टर, व्यवसायी, समाजसेवी आदि 19 लोगों को यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि हमारी अनुमति के बगैर यूपी पुलिस इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं करेगी। बता दें ललितपुर कोतवाली थाने में इन सभी के खिलाफ बीते 6 मार्च को एक एफआईआर की गई थी। जिसके रिपोर्टकर्ता ललितपुर के वकील मुन्नालाल सठियाना थे। उन्होंने बीतेे साल जिला न्यायालय ललितपुर में इस्तगासा पेश किया था। जिसके परिपेक्ष्य में कोर्ट ने ललितपुर के कोतवाली थाने को निर्देश दिया था कि वह वकील सठियाना के आवेदन पर ब्रहमचारिणी रेखा जैन एवं डॉ. नीलम जैन दोनों निवासी श्री विद्यासागर कॉलोनी भाग्योदय तीर्थ के पास खुरई रोड , संजय जैन निवासी पठा मुहल्ला थाना बंडा, सुरेंद्र जैन मालथौन निवासी अंकुर कॉलोनी मकरोनिया, अनिल नैनधरा जैन मंदिर के सामने गोपालगंज, मुकेश कुमार जैन ढाना निवासी तीन बत्ती सागर, महेश बिलहरा निवासी गांधी चौक, बड़ा बाजार, ब्रहमचारी विनय बण्डा निवासी शान्तिनगर बण्डा सहित ललितपुर-जबलपुर के अन्य 11 नामजद व 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 363, 364, 367,307, 511, 120बी, 504, 506 ता0हि0 थाना कोतवाली ललितपुर। प्रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) जाफौ परिवर्तित धारा 173(4) BNSS 2023 के तहत केस दर्ज करें।

पुलिस को घटनाक्रम के साक्ष्य नहीं मिले, इसलिए मिली राहत

इस मामले में आरोपी बनाई गई पूर्व पुलिस अधिकारी एवं ब्रह्मïचारिणी डॉ. रेखा जैन ने कहा कि ये सत्य की जीत की शुरुआत है। गुरुवर की दुग्ध जैसी छवि को मलिन करने की कोशिश करने वालों का पर्दाफाश होना शुरु हो गया है। अच्छी बात ये है कि हमें इसके लिए विशेष प्रयास नहीं करना पड़े। हम लोगों के खिलाफ एफआईआर करने वाली पुलिस ने खुद रिपोर्टकर्ता का झूठ पकड़ा है।

बंसल अस्पताल में किडनी के 12 ट्रांस्प्लांट, अब कैंसर और केडावरिक ट्रांस्प्लांट पर टारगेट

डॉ. जैन के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट में ललितपुर पुलिस ने इस मामले में की गई जांच व संबंधितों के बयान पेश किए। जिसमें मुख्य रूप से यह तथ्य सामने आया कि रिपोर्टकर्ता के घर के बाहर कोई घटनाक्रम ही नहीं हुआ। जिसकी पुष्टि रिपोर्टकर्ता सठियाना के भतीजे-भतीजी तक ने की है। इससे पहले डॉ. जैन ने 29 दिसंबर 2022 के उस घटनाक्रम के बारे में बताया कि हम लोग वकील सठियाना के घर से करीब 350 मीटर दूर औपचारिक चर्चा कर रहे थे। इसके बाद सागर आ गए। बाद में मालूम चला कि वकील मुन्नालाल सठियाना ने हम लोगों पर जानलेवा हमला, अपहरण आदि का आरोप लगाया है। यही नहीं, उन्होंने मनगढंत घटनाक्रम में खुद को घायल बताया। जबकि उनके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे। पुलिस जांच के अनुसार वह स्थानीय कोर्ट में नियमित प्रेक्टिस के लिए जाते रहे। इससे बड़ी बात ये थी कि वकील मुन्नालाल ने इस घटनाक्रम की शिकायत हम लोगों की ललितपुर में मौजूदगी के 7 दिन बाद की। वरिष्ठ वकील होने के नाते उन्हें घटना के तुरंत बाद या अगले दिन शिकायत करने सीधे पुलिस के पास जाना चाहिए था लेकिन वह इस घटनाक्रम के बारे में सीजेआई, पीएमओ,चीफ जस्टिस,डीजीपी एमपी एवं यूपी हाईकोर्ट आदि को चिट्ठी लिखते रहे। साफ है कि वह किसी के इशारे पर हम लोगों को इस झूठे मामले में फंसाना चाहते थे। डॉ. जैन का कहना है कि वकील सठियाना जिस घर पर हमला करने की बात कर रहे हैँ। उसकी बनावट ऐसी है कि बाहर सड़क पर खड़ा व्यक्ति उन पर जानलेवा हमला कर ही नहीं सकता। उनके घर के बाहरी हिस्से में एक छज्जा है। जिससे तीन फीट दूर खिड़की है। स्वयं द्वारा लिखाई रिपोर्ट में सठियाना बोल रहे हैं कि बाहर से गोलियां चलाई जा रही थीं। जबकि मकान को देखेंगे तो खिड़की ओट में छिपे व्यक्ति पर किसी भी एंगिल से गोली चलाना असंभव है। ब्रह्मचारिणी डॉ. जैन ने बताया कि बहुत जल्द समाज के वरिष्ठ जन इस विषय समेत अन्य मसलों पर अपनी बात रखेंगे और सच्चाई सामने लाएंगे कि वे कौन लोग हैं जो पूज्य गुरुवर की छवि से खिलवाड़ करने की कोशिश करते रहे।

05/04/2025

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!