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विवि में 200 किमी दूर सीहोर से आकर काट रहे थे चंदन

सुरक्षाधिकारी प्रो.यादव और उनकी टीम ने जंगल से दो चंदन चोर पकड़े, दो भागे

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विवि में चंदन समेत इमारती लकड़ी के चोर सक्रिय हैं। खास ये है कि ये चोर जिले से बाहर से आकर घुसपैठ कर रहे हैं। सोमवर तड़के इन्हीं में दो लोगों को विवि के प्रो. डॉ. राजेंद्र यादव (विवि, सुरक्षाधिकारी) और उनकी टीम ने दबोच लिया। पकड़े गए युवकों के नाम मोहम्मद इरफान और जावेद खान हैं। दोनों सीहोर जिले के ग्यारसपुरा गांव के रहने वाले हैं। इनके दो और साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। विवि के सुरक्षाधिकारी प्रो. राजेंद्र यादव ने बताया कि बीती रात कैम्पस के क्वार्टर नंबर 25 के पीछे तरफ नैनो बिल्डिंग के पास वाले जंगल में सिक्योरिटी गार्ड प्रशांत यादव को पेड़ों के झुरमुट में एक टार्च की चमक दिखी। उसने तुरंत पहाड़ी के ऊपरी तरफ ड्यूटी कर रहे सुपरवाइजर रीतेश साहू को खबर दी। घटनाक्रम जानकारी में आने के बाद मैंने कैम्पस समेत अन्य इलाकों में तैनात अतिरिक्त गार्ड्स को मौके पर एकत्र किया और जंगल के इस हिस्से की घेराबंदी कर ली। मौके पर दो युवक मय बाइकों के पकड़े गए। जबकि दो अन्य लोग अंधेरे का फायदा उठाकर रहली रोड तरफ भाग गए। पकड़े गए दोनों आरोपियों को पुलिस व वन महकमे के आने तक सुरक्षाधिकारी कार्यालय में रखा गया। बाद में सिविल लाइंस पुलिस के हवाले कर दिया गया।
1700 रु. किलो के भाव में अगरबत्ती फैक्टरी को बेच देते हैं ”सार “
विवि के सुरक्षा विभाग के प्रभारी शंकर पटेल ने बताया कि यहां से चंदन चोरी की पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं। चोरों के हौंसले इतने बुलंद है कि वह 200 किमी दूर से आकर वारदातें कर हैं। इसके पहले भी एक युवक को चंदन काटते पकड़ा था। वह भी सीहोर जिले का निवासी था। पूछताछ में इन युवकों ने बताया कि हम लोगों ने चंदन के चार पेड़ काटे थे और जंगल में ही उन्हें काट-छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट लिया था। युवकों के मुताबिक घर ले जाकर वह लकड़ी के इन टुकडों के भीतर पाए जाने वाले ”सार” को निकालते। जो एक अगरबत्ती फैक्टरी में 1700 रु. प्रति किलोग्राम के भाव से बिक जाता है। युवकों के पास जब्त चंदन की लकड़ी में करीब 10 किग्रा सार निकलने की उम्मीद है।
वन अमले का सुस्त रवैया, बार- बार बुलाने के बाद आए
वन संपदा को नुकसान पहुंचाने वाले इस घटनाक्रम में वन अमले की भूमिका खासी सुस्त रही। आचरण ने जब दक्षिण वन मंडल के रेंजर रविसिंह से सुबह करीब 10 बजे इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कार्रवाई के बारे में पूछा। जवाब में सिंह ने कहा कि मुझे जब तक आधिकारिक रूप से सूचना नहीं मिल जाती, मैं कार्रवाई करने में सक्षम नहीं हूं। विवि पहले विधिवत सूचना भेजे। इसके बाद कार्रवाई करेंगे। जानकारी के अनुसार विवि के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को भी यही जवाब दिया गया। करीब 12 बजे, वन विभाग से सक्षम अधिकारी पहुंचे और उन्होंने कहा कि यह मामला राजस्व संबंधी है। इसलिए आप सिविल लाइंस पुलिस को सूचना दे दें। आवश्यकता पड़ने पर हम वन संपदा के नुकसान का आकलन बनाकर पुलिस को दे सकते हैं।

25/03/2025

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