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हेलीकॉप्टर ने बिगाड़ा गुड्डू राजा के खर्च का गणित ! आखिरी 24 घंटे बगैर शोरगुल निकालने की मजबूरी

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सागर।7  मई को होने वाले तीसरे चरण के मतदान पूर्व प्रचार-प्रसार को अब से ठीक 24 घंटे बाकी रह गए हैं। चुनाव के दौरान किसी भी प्रत्याशी या पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण समय माना जाता है। जिसमें वह अपनी विशेष सभा, रोड शो, रैली आदि कर मतदाता पर पुख्ता छाप छोड़ने की कोशिश करता है। कमोवेश इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रभूषणसिंह गुड्डू राजा बुंदेला चूकते दिख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि गुड्डू राजा रविवार शाम 6 बजे तक का टाइम अब बिना किसी शोरगुल के काटेंगे। सूत्रों के अनुसार प्रत्याशी गुड्डू राजा की इस मजबूरी का एक ही प्रमुख कारण है। वो है चुनाव खर्च का गणित गड़बड़ाना। सूत्रों के अनुसार गुड्डू राजा चुनाव प्रचार के खर्च सीमा 95 लाख रु. के बिल्कुल करीब पहुंच गए हैं। उनके चुनावी खर्च वाले खाते में इतना बैलेंस भी नहीं बचा है कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मतदाताओं से आखिरी दफा अपील कर सकें। सूत्रों का कहना है कि यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि गुड्डू राजा ने हेलीकॉप्टर के किराए पर अधिक राशि खर्च कर दी। हालांकि उन्होंने ये खर्च कम करने के लिए राज्यस्तरीय स्टार प्रचार सुरेंद्र चौधरी को अपने उड़न खटोले में हमेशा साथ रखा। बता दें कि स्थानीय या राज्य स्तरीय स्टार प्रचारक के संग हेलीकॉप्टर उड़ाया जाए तो आयोग उसका किराया आधा काउंट करता है। अगर राष्टï्रीय स्तर के प्रचार हेलीकॉप्टर में आएं तो यह खर्च प्रत्याशी के बजाए पार्टी के खर्च में जोड़ा जाता है।

असर: पवन खेड़ा के साथ नहीं दिखेंगे, राहतगढ़ की सभा कैंसिल!
गुड्डू राजा के चुनाव खर्च का गणित किस कदर फेल हुआ है। उसका एक बड़ा उदाहरण रविवार को कां्रग्र्रेस की पत्रकार वार्ता है। जिसे संबोधित करने एआईसीसी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा आ रहे हैं। चर्चा है कि इस वार्ता में चुनाव के हीरो यानी प्रत्याशी गुड्डू राजा मौजूद नहीं रहेंगे। जिसके चलते इस सभा का खर्च पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा। भीतरी कमरों के सूत्रों के अनुसार गुड्डू राजा के चुनाव में स्टार प्रचारकों के नहीं आ पाने की नौबत आजकल में नहीं आई है। यह स्थिति तो चार-पांच दिन पहले ही सामने आ गई थी। जब राहतगढ़ में जीतू पटवारी की सभा को निरस्त करना पड़ा। चर्चाओं के अनुसार यह सभा भी खर्च के संकट के चलते टालना पड़ी। हालांकि एक गुट ने इसके पीछे की वजह सुरखी के नए-नवेले कांग्रेसियों द्वारा इस सभा आवश्यकता नहीं होने की बात कहना भी बताया है। खर्च से इतर कांगेे्रस के प्रचार की रणनीति को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गुड्डू राजा को हमेशा घेरे रहने वाले और हेलीकॉप्टर में बैठने की गुंजाइश ढूंढने वाले कतिपय नेताओं ने भी यहां बड़े नेताओं की सभाएं नहीं होने दी। वे प्रत्याशी को यह कहते रहे कि नेताओं के आने से अपनी तैयारियां प्रभावित होंगी। समय खराब होगा। नतीजतन गुड्डू राजा ने सिवाए मप्र के नेताओं के किसी अन्य की सभा नहीं कराई। जबकि ईमानदारी से चुनाव लड़ रहे कई स्थानीय कांग्रेसी आखिरी वक्त तक गांधी फेमिली, सपा हेड अखिलेश यादव समेत इंडिया गठबंधन के किसी बड़े चेहरे की यहां सभा कराने की मांग दोहराते रहे। लेकिन उनकी सुनी ही नहीं गई।

04/05/2024

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