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जानी……ये वो गांधी हैं जो जुआ खेलते हैं, हिंसा करते हैं 

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सागरनाम- संतोष लोधी। ठिकाना- गौरझामर, देवरी जिला सागर(मप्र)। पेशा- गांधीजी का स्वांग बनाकर घूमना। आरोप- कथित रूप से जुआ खेलना और जब- तब हिंसा करना। यह शार्ट टाइप का कर्रिकुलम बायोडाटा फोटो में दिख रहे इन “गांधी जी” का है।पिछले रोज ये पुराने कलेक्टोरेट पर थे। कलेक्टर-एसपी से गौरझामर पुलिस थाने की शिकायत करने आए थे। बोले, पुलिस मुझे चिरकुट साबित करने पर आमादा है। परेशान होकर मैंने पीएमओ तक शिकायत कर दी। तब से पुलिस, ईस्ट इंडिया कम्पनी बन गई है। और मुझ गांधी पर तरह – तरह के आरोप लगा रही है। पिछले दिनों मैं मौके पर भी नहीं था तब भी मेरे नाम की एक झूठी शिकायत को रोजनामचे में दर्ज कर लिया।

संतोष लोधी उर्फ “गांधी जी “

पुलिस के  मुखबिर हुआ करते थे ” गांधी जी” !

संतोष लोधी उर्फ गांधी जी पर जुआ खेलने के आरोप लगाए जाते हैं। जिसके बारे में वह सफाई देते हैं कि यह बात कुछ हद तक सच है। लेकिन मैं असल में जुआ नहीं खेलता था। मैं तो पुलिस की मुखबिरी करने जुआ फड़ों पर खेलने का ड्रामा करता था। ऐसे ही किसी फड़ पर पुलिस ने मेरा जुआ खेलते वीडियो बना लिया। अब पुलिस से मेरा विवाद हुआ है तो उसी वीडियो के दम पर मुझे जुआरी, झगड़ालू, “हिला हुआ” साबित करने की कोशिशें हो रहीं हैं। ताजा मामले में संतोष लोधी उर्फ गांधी जी का कहना है कि मैं थाली बजा – बजाकर सरकार से इंसाफ मांगूंगा। नहीं सुनवाई हुई तो दिल्ली तक जाऊंगा।

 

पेड़ों को फोकट में दंडित कराया था

दो-एक साल पहले भी ये “सो कॉल्ड” गांधी जी चर्चा में आए थे। पुलिस से हुए किसी विवाद में उचित कार्रवाई न होने का आरोप लगा रहे थे। दबाव बनाने के लिए ये न्यु कलेक्टोरेट बिल्डिंग के एक पेड़ पर “मंकी” की तरह टंग गए थे। पुलिस आई थी और पेड़ से उतार कर थाने ले गई थी। बड़ा ड्रामेटिक सीन था…… खैर संतोष लोधी उर्फ गांधी जी के इस स्टन्ट की सजा परिसर के करीब 25 पेड़ों को मिली थी। तत्कालीन कलेक्टर ने उसी दिन सभी पेड़ों के तनों को ऊपर तक कंटीले तार लपेटवा दिए थे।

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