खबरों की खबरविविधासियासत

मकरोनिया चौराहा: शॉपिंग कॉम्पलेक्सों की पार्किंग मुक्त कराने के बजाए जाम रोकने तैनात की युवतियां

चौराहे पर तैनात इन 10 युवतियों को वेतन के रूप में नपा हर महीने देगा करीब एक लाख रु.

sagarvani.com9425172417

सागर। विकट जाम के लिए कुख्यात मकरोनिया चौराहा पर मकरोनिया नगर पालिका प्रशासन ने सभी चार प्रमुख मार्गों पर 10 युवतियों को तैनात किया है। उनका काम है कि वे इस चौराहे पर अवैध रूप से खड़े होने वाले बस, भारी वाहन समेत अन्य यात्री वाहनों को रुकने नहीं दें। इसके अलावा उन्हें यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे चौराहा पर टू-व्हीलर या फोर व्हीलर को पार्क नहीं होने दें। नपा प्रशासन की इस व्यवस्था से चौराहा की ट्रैफिक व्यवस्था में आंशिक सुधार तो हुआ है लेकिन बड़ा सवाल ये कि मकरोनिया प्रशासन इस जाम की जड़ पर प्रहार करने से क्यों बच रहा है। बता दें कि चौराहे के अधिकांश नामचीन आउटलेट्स, शॉपिंग कॉम्पलेक्स धड़ल्ले से अपनी-अपनी बेसमेंट पार्किंग में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। जिसके चलते वहां आने वाले ग्राहक से लेकर दुकानदार-कर्मचारी अपने वाहन सड़क पर ही पार्क कर रहे हैं। सीटी बजाकर और डंडा दिखाकर ट्रैफिक मैनेज कर रही हैं जानकारी के अनुसार चौराहे से जुड़ने वाली मुख्य सड़कों पर 2-2 युवतियों को तैनात किया गया है। जो हाथ में डंडा लिए सीटी बजा-बजाकर लोगों को वाहन खड़े करने से रोकती हैं। जो लोग इनकी बात समझ जाते हैं वे आगे बढ़ जाते हैं लेकिन कुछ लोग इनसे बहसबाजी करने पर भी उतारू हो जाते हैं। जानकारी के अनुसार इन युवतियों को नपा प्रशासन ने आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से इस काम के लिए नियुक्त किया है। जिसके लिए नपा, एजेंसी को करीब 1 लाख रु. महीने का भुगतान करेगी। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि ट्रैफिक को दुरुस्त या मैनेज करने की जवाबदेही पुलिस महकमे की है। ऐसा लगता है कि नपा प्रशासन को पुलिस का सहयोग नहीं मिला। जिसके चलते नपा प्रशासन ने यह रास्ता अपनाया।

ट्रैफिक मैनेजमेंट भी जोखिम का काम, दुर्घटना हुई तो जवाबदेह कौन ?

युवतियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वाहनों को आगे बढ़ाते रहें। जबकि इस काम में बड़ा जोखिम है। दरअसल यह चौराहा जिले का सबसे व्यवस्ततम चौराहा है। जहां से दिन भर जबलपुर, नरसिंहपुर, छतरपुर की तरफ जाने वाली और शहर के भीतर आने वाले सैकड़ों यात्री बस समेत चार पहिया वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। चूंकि इन युवतियों को चलते हुए ट्रैफिक के बीच में आवाजाही और ड्राइवरों को निर्देशित करने का कोई विधिवत प्रशिक्षण नहीं मिला है। इसलिए उनका काम कम जोखिम भरा नहीं है। अगर ऐसे में उनके साथ कोई छोटी-बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो फिर जवाबदेह कौन होगा।

आखिर किस दबाव में पार्किंग खाली नहीं कराई जा रहीं

मकरोनिया की ध्वस्त हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था के लिए यहां बेतरतीब ढंग से बने शॉपिंग कॉम्लेक्स व सरकारी नियमों की अवहेलना मुख्य कारण है। बीच-बीच में नपा प्रशासन इन शॉपिंग कॉम्पलेक्स व आउटलेट्स पर कार्रवाई का शगल कर कभी भी ठोस निर्णय नहीं लिए जाते। उदाहरण के लिए पिछले महीने कुछ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के छज्जे, बाहर रखे डिस्पले, सीढ़ियां आदि तोड़ी गईं थी लेकिन चौराहे पर एक नामचीन आउटलेट की पार्किंग में चल रही कॉफी शॉप के आउटलेट, सड़क के दूसरे तरफ कपड़ों के एक स्टोर के नीचे पार्किंग में खुली दुकानों आदि पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि यह स्पष्ट है कि यह सभी नक्शे के विरुद्ध व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। जिनके द्वारा फायर फाइटर संबंधी आवश्यक नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा। चर्चा है कि नपा के मैदानी कर्मचारियों व अधिकारी कभी इन व्यवसायियों के तो कभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव में इन चुनिंदा भवन स्वामियों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। 

25/02/2025

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!