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कोविड से अनाथ, दिव्यांगों की संतानों को आवासीय स्कूलों में प्रवेश का अवसर

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सागर। राज्य सरकार के जनजातीय कार्य विभाग के अधीनस्थ विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो गई है। इन स्कूलों में मुख्य रूप से आदिवासी वर्ग, विमुक्त जनजातियों, घुमक्क्ड़ एवं अर्धघुमक्कड़ समुदाय के बच्चों को एडमिशन दिया जाना है। राज्य सरकार इन स्कूलों को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श आवासीय विद्यालय के नाम से संचालित कर रही है। जानकारी के अनुसार उपरोक्त श्रेणियों के अलावा इन स्कूलों में कोविड से अनाथ, अन्य कारणों से अनाथ, विधवा की संतान, दिव्यांग माता-पिता की संतान, ऐसे लोग जिन्होंने स्कूल के लिए भूमि दान की हो, उनके बच्चों को भी प्रवेश दिया जाएगा। एक विशिष्ट केटेगरी उन बच्चों की भी है, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद, अन्य उग्रवाद के कारण माता-पिता को खो दिया। एडमिशन प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से हासिल की जा सकती है।

प्रदेश भर में दिया जाएगा 8293 बच्चों को प्रवेश

कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य मप्र के अनुसार तीन केटेगरी के स्कूलों में पूरे प्रदेश में 8293 लड़के-लड़कियों को प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से लड़कियों की सीट संख्या 6241 और लड़कों की 2052 है। बता दें कि कन्या शिक्षा परिसर केवल लड़कियों व आदर्श आवासीय विद्यालय में केवल लड़कों को प्रवेश दिया जाता है। जबकि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में लड़के-लड़कियों को प्रवेश दिया जाता है। इन स्कूलों में प्रवेश के लिए विभाग द्वारा 18 फरवरी से ऑनलाइन आवेदन जमा कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। जिसकी आखिरी तारीख 10 मार्च 2025 है। 12 मार्च से प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जा सकेंगे। जबकि 30 मार्च 2025 को सुबह 10 से 12 बजे के बीच प्रवेश परीक्षा होगी। इस परीक्षा में मेरिट के आधार बच्चों को चयनित कर उनके माता-पिता द्वारा दिए गए वैकल्पिक स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।

18/02/2025

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