विवि प्रोफेसर के बेटे की मेंहदी रस्म में हंगामा, लड़की पक्ष हुआ वापस
अगले दिन प्रोफेसर साहब ने कैंपस में घूम-घूमकर शादी में नहीं आने की अपील की

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि के कैम्पस में एक विवाह पूर्व मेंहदी रस्म में हुआ हंगामा का विषय बना हुआ है। घटनाक्रम यूं है कि विवि के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर कालीनाथ झा के पुत्र का ब्याह लखनऊ निवासी एक परिवार से तय हुआ था।
11 फरवरी को लड़की पक्ष के करीब 20 लोग मय वधु के कैंपस में आ गए। प्रो. झा ने उन्हें अपने निवास बी-20 के बाजू में स्थित एक खाली पड़े आवास में ठहरा दिया। बताया जाता है कि मंगलवार की देरशाम प्रो. झा के निवास के सामने शामियाने में मेंहदी की रस्म चल रही थी। तभी किसी बात पर से वर पक्ष का वधु पक्ष से विवाद हो गया। देखते-देखते वर पक्ष हावी हो गया और वधु पक्ष के साथ गाली-गलौज के साथ धक्का-मुक्की कर दी। जैसे ही ये जानकारी विवि के सुरक्षाधिकारी डॉ. राजेंद्र यादव को मिली।
वे मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाइश दी। इस दौरान सुरक्षा सुपरवाइजर शंकर पटेल भी पहुंच गए। इसके बावजूद वर पक्ष के लोग शांत नहीं हुए। इसके बाद डॉ. यादव ने सुरक्षाकर्मियों को मौके पर बुला लिया और उन्हें कैम्पस में खाली पड़े आवास में ठहरा दिया। इस दौरान वधु पक्ष ने कहा कि, वर पक्ष के लोग काफी उत्तेजित हैं, हो सकता है कि वे हम लोगों पर हमला कर दें।
हालात को देखते हुए डॉ. यादव ने लखनऊ से आए इस परिवार की देखरेख के लिए पूरी रात वहां आधा दर्जन सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया। चर्चाओं के अनुसार रात करीब 12 बजे तक दोनों पक्षों ने दो-एक बार फिर भिड़ने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मियों को देख वापस हो गए।
अगले दिन प्रोफेसर साहब ने कैंपस में घूम-घूमकर शादी में नहीं आने की अपील की
प्रो. झा के यहां चल रहे विवाद समारोह में हुए हंगामा की खबर बुधवार सुबह से ही पूरे कैंपस में फैल गई थी। जबकि उसी दिन इस शादी के उपलक्ष्य में बहेरिया क्षेत्र के एक बैंक्वेट हॉल में मेहमानों के लिए डिनर रखा गया था। चर्चाओं के अनुसार बुधवार की सुबह-दोपहर तक प्रो. झा व उनके परिजन कैंपस में घूम-घूमकर लोगों को इस शादी के कैंसिल होने और बहेरिया क्षेत्र में आयोजित भोज समारोह में नहीं जाने की अपील करते देखे गए। बता दें कि प्रो. झा की नियुक्ति कुलपति एनएस गजभिए के कार्यकाल में हुई थी। वे बिहार के एक विवि से नौकरी छोड़कर आए थे। उनके अकादमिक अनुभव को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
इधर इस मामले में विवि के सुरक्षाधिकारी डॉ. यादव का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों समेत अन्य लोगों के पहुंचने से मामला जैसे-तैसे शांत हो गया। लेकिन इस मामले में एक खामी ये देखी गई कि कैंपस में सुरक्षाधिकारी कार्यालय की बगैर जानकारी के बाहरी लोगों को आवास उपलब्ध करा दिया गया। अगर इस मामले में बाहर से आए इन लोगों द्वारा या उनके साथ किसी तरह की गंभीर घटना हो जाती तो फिर किसी जिम्मेदारी होती। डॉ. यादव का कहना है कि वह इस संबंध में विवि प्रशासन को अवगत कराएंगे।
13/02/2025



