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विवि में लगा पोस्टर: अंग्रेजों वाले गोरे रंग के प्रभारी कुलसचिव उपाध्याय लापता! लॉ के छात्र पर संदेह

कानून के छात्रों के आंदोलन के बाद टूटी विवि की तंद्रा, आनन-फानन में जमा हुई मान्यता फीस

सागर। कद छोटा, पेट मोटा… रंग अंगे्रजों वाला गोरा! यह ब्योरा प्रभारी रजिस्ट्रार सत्यप्रकाश उपाध्याय को लापता बताने वाले उस पोस्टर का है। जिसे मंगलवार को डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि परिक्षेत्र में जगह-जगह चस्पा किया गया है।

विवि में धरना देते लॉ डिपार्टमेंट के छात्र (फाइल फोटो)

माना जा रहा है कि यह पोस्टरबाजी विवि के लॉ विभाग के उन छात्रों ने की है। जो सोमवार से आंदोलन कर रहे हैं। इधर एक खबर ये भी है कि पोस्टर लगाने वाले एक छात्र की विवि प्रशासन ने पहचान कर ली है। जिसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने उसे नोटिस देकर तलब किया है। इस तथ्य की पुष्टि विवि के पीआरओ डॉ. विवेक जायसवाल ने की है। बता दें विवि प्रशासन द्वारा लॉ डिपार्टमेंट को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं दिलाने से नाराज ला के छात्र बीते 24 घंटे से आंदोलन कर रहे हैं।

धरना-प्रदर्शन के बाद टूटी तंद्रा, 13 लाख रु. फीस जमा

इधर एक जानकारी ये भी मिली है कि विद्यार्थियों के धरना प्रदर्शन के बाद विवि प्रशासन की तंद्रा टूटी है। मंगलवार को प्रभारी रजिस्ट्रार के कार्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से लॉ डिपार्टमेंट को मान्यता दिलाने के लिए 13 लाख रु. बतौर फीस जमा कर दिए हैं। यहां बता दें कि बीते कई साल से विवि कालॉ डिपार्टमेंट, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता के बगैर संचालित है। जिसके चलते यहां से पास होने वाले विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से लेकर बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन में समस्या आती है। विद्यार्थियों के अनुसार वह सिविल जज, एडीपीओ समेत अन्य सरकारी विभाग, उपक्रम में नौकरी के लिए पात्र नहीं हैं। मंगलवार को अचानक फीस जमा करने के मामले में विवि प्रशासन अभी भी अपनी गलती मानने तैयार नहीं है। वह उलटा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सिर पर इस चूक का ठीकरा फोड़ रहा है। विवि का कहना है कि बार काउंसिल ने कभी भी बकाया फीस संबंधी ब्योरा विवि को नहीं दिया। इसके चलते राशि जमा नहीं हो पाई। 

11/02/2025

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