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सदर और वन-वे रोड पर इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी, फॉर्च्युनर गाड़ी और जासूस ड्राइवर के चर्चे!

तीसरे ठिकाने पर टीम ने सोमवार सुबह करीब 11 बजे कार्रवाई खत्म , राठौर बंगले के बाहर भीड़ जमा, कैंट थाने से पुलिस और वज्र वाहन पहुंचा

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सागर। शहर में तीन जगहों पर चल रही इनकम टैक्स के छापे की कार्रवाई दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रही। हालांकि इनमें से एक   बीमा एजेंट और रीयल स्टेट कारोबारी हेमंत छाबड़ा के घर पर कार्रवाई सुबह करीब 11 बजे ही खत्म हो गई। लेकिन बाकी दो स्थान, वन-वे रोड स्थित पूर्व पार्षद और सदर स्थित आबकारी ठेकेदार व बीड़ी व्यवसायी परिवार के निवास पर देररात तक आईटी की टीमें डटीं थीं। इधर शाम को सदर स्थित राठौर बंगला के बाहर आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। हालात नहीं बिगड़ें इसलिए कैंट पुलिस और वज्र वाहन भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच व्यवसायी कुलदीपसिंह राठौर बंगले से बाहर आए और उन्होंने भीड़ से अपील की कि यह सरकारी कार्रवाई है। आप लोग चिंता नहीं करें और कानून-व्यवस्था का पालन करते हुए लौट जाएं। जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। अपुष्टï जानकारी के अनुसार छापे की यह कार्रवाई मंगलवार को खत्म हो सकती है।

चंद हजार रु. कैश और फॉर्च्युनर गाड़ी की लिंक मिली

वन-वे रोड पर बीड़ी व्यवसायी श्याम बाबू केशरवानी के निवास और आबकारी ठेकेदार कुलदीपसिंह राठौर के बंगले पर चल रही कार्रवाई को लेकर कोई खास खबर नहीं निकली है। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही स्थानों पर टीम के सदस्य काफी जगह पर सर्च कर चुके हैं। उन्हें वहां नकदी या कुछ और मिला है या नहीं। इसकी किसी भी स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है। वन-वे रोड पर तीसरी जगह कार्रवाई खत्म होने के बाद बीमा एजेंट छाबड़ा शहर घर से बाहर निकले। उन्होंने बताया कि मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूं कि मेरे घर पर आईटी की यह रेड क्यों हुई। जब्ती के बारे में छाबड़ा ने बताया कि घर में कुल जमा कुछ हजार रु. थे। जबकि ज्वेलरी का वजन इतना अधिक नहीं था कि वह आईटी के दायरे में आए। हालांकि आईटी के पास यह जानकारी थी कि मैं एक फॉच्युर्नर गाड़ी का मालिक हूं। लेकिन मैंने उन्हें बताया कि यह गाड़ी मेरी नहीं है। केशरवानी परिवार ने मेरे नाम खरीदी है। छाबड़ा के अनुसार कार्रवाई करने वाली टीम शनिवार तड़के चार बजे तक सर्च करती रही। इस दौरान उन्होंने मेरे मोबाइल नंबरों के डाटा को दो एक्सपर्ट के जरिए सुरक्षित कॉपी कर लिया। सुबह करीब ११ बजे ये लोग कुछ दस्तावेजों की जब्ती बनाकर रवाना हो गए।

कहानी या सच:आईटी का जासूस ड्राइवर तीन-चार महीने तक जानकारी जुटाता रहा

इन छापों में आईटी को क्या मिला क्या नहीं। यह किसी को नहीं पता। लेकिन छापे की पृष्ठभूमि को लेकर चर्चाएं, कयासबाजी और कहानियां शहर में तैरने लगीं हैं। ऐसी ही एक कहानी एक ड्राइवर को लेकर सामने आई है। चर्चा है कि आईटी राठौर व केशरवानी परिवार की धन-संपदा को लेकर करीब एक साल से स्क्रूटिनी-स्टडी कर रही थी। इसके बाद उन्होंने एक ड्राइवर को इनमें से एक परिवार के यहां प्लांट कराया। जो उस परिवार के आय के स्रोत, पैसों के लेन-देन, चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाता रहा। कुछ महीने पहले यह ड्राइवर नौकरी छोड़कर चला गया। चर्चा है कि उसके ही इनपुट पर छापामार टीम नकदी व कीमती धातुओं की तलाश कर ही है।

06/01/2025

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