डॉ. रमेश पांडे बने बीएमसी के प्रभारी डीन, प्रो. जैन को मिला अस्पताल अधीक्षक का प्रभार
स्थाई डीन की चयन प्रक्रिया के बीच प्रो. पांडे की नियुक्ति, निवर्तमान डीन प्रो. वर्मा की होगी विभाग में वापसी

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सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन का प्रभार बदल गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को दो आदेश जारी हुए। जिसमें पहले में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं वर्तमान में अस्पताल अधीक्षक डॉ. रमेश पांडे को प्रभारी डीन नियुक्त किया गया है। दूसरे आदेश में आर्थोपेडिक विभाग के प्रो. राजेश जैन को अस्पताल अधीक्षक का अस्थाई प्रभार दिया गया है। वर्ष २००८ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त रमेश पांडे को अचानक डीन बनाए जाने से बीएमसी में चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। हालांकि प्रो. पांडे के डीन के लिए पात्रता पूरी करने के कारण अधिकांश इसे सामान्य प्रक्रिया भी मान रहे हैं।
विज्ञापन के दौरान नियुक्ति पर सवाल, प्रो. वर्मा की सर्जरी में वापसी!
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रो. पांडे को प्रभारी डीन बनाया है। माना जा रहा है कि यह नियुक्ति भले अस्थाई है लेकिन इसका कार्यकाल लंबा हो सकता है। इसकी प्रमुख वजह ये है कि हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डीन के पद पर सीधी नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय विज्ञापन जारी किया है। जिसके खिलाफ बीएमसी के ही एक प्रो. सर्वेश जैन के अलावा प्रदेश में अन्य सीनियर डॉक्टरों द्वारा भी चुनौती देने की चर्चा है। मुमकिन है कि हाईकोर्ट में ये मामला लंबा खिंचे। दूसरी ओर विभाग के आला-अफसर भी प्रो. वर्मा के कामकाज से खुश नहीं बताए जा रहे थे। इसलिए शासन ने प्रो. पांडे को यह प्रभार सौंप दिया। उनकी बतौर डीननियुक्ति के बाद प्रो. वर्मा की उनके मूल विभाग सर्जरी मेें वापसी होना लगभग तय है।
डीन की रेस में थे, अस्पताल अधीक्षक पद से संतोष करना पड़ा
शासन ने डीन के अलावा बीएमसी की अस्पताल के अधीक्षक का प्रभार भी बदला है। यह जिम्मेदाराी प्रो. राजेश जैन, आर्थोपेडिक विभाग को दी गई है। इधर चर्चाएं हैं कि प्रो. राजेश स्वयं को डीन मेटेरियल मानकर काफी समय से इस पद के लिए कोशिशें कर रहे थे। पिछली सरकार में वह स्थानीय मंत्रियों के बंगले-ऑफिसों से लेकर भोपाल तक चक्कर लगाते रहते थे। लेकिन उनका काम नहीं बना। हालांकि मूलत: रीवा क्षेत्र के निवासी प्रो. पांडे के अस्थाई डीन बनने की संभावनाएं तभी प्रबल हो गईं थीं। जब चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय, उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को सौंपा गया था। नतीजतन, प्रो. जैन को अस्पताल अधीक्षक के पद पर ही संतोष करना पड़ा।
29/02/2024



