नगर निगम का मौजूदा कार्यालय परिसर तीस साल के लिए लीज पर देने की तैयारी!

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सागर। शासकीय एक्सीलेंस हासे स्कूल के सामने स्थित नगर पालिका निगम का मौजूदा कार्यालय परिसर प्राइवेट सेक्टर लीज पर दिया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ननि की नई बिल्डिंग खेल परिसर के सामने लगभग तैयार हो चुकी है और खाली होने वाले वर्तमान परिसर से ननि आय प्राप्त करना चाहता है। नगर निगम के लिए कटरा बाजार में दीनदयाल कॉम्पलेक्स के प्रमोटर इंजी. अनुराग सोनी ने इस मामले में सागरवाणी को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगर निगम परिसर को डीबीएफओटी फार्मूला के तहत प्राइवेट सेक्टर को दिया जाएगा। इसके लिए कुछ महीने पहले ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
डीबीएफओटी के तहत 30 साल के लिए दिया जाएगा कब्जा
इंजी.सोनी ने बताया कि डीबीएफओटी यानी डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर के तहत कार्यालय परिसर 30 साल के लिए निजी क्षेत्र को दिया जाएगा। सरल शब्दों में इस फार्मूले को ऐसा समझा जा सकता है कि इस बिल्डिंग समेत पूरे परिसर की लगभग 21 हजार वर्गफीट जमीन की कलेक्टर की गाइडलाइन के अनुसार 11 करोड़ रु. एवं बिल्डिंग कास्ट करीब 4 करोड़ रुपए है। डीबीएफओटी के तहत इस पूरे परिसर की ऑफसेट प्राइज 15 करोड़ रु. तय की गई है। जो भी फर्म या कारोबारी इस ऑफसेट या उससे अधिक कीमत की ऑनलाइन बोली लगाएगा।
उसे यह परिसर अगले 30 साल के लिए दे दिया जाएगा। पजेशन मिलने के बाद संबंधित कारोबारी या फर्म को स्वयं के आर्थिक स्रोत से इस परिसर में 1.5 एफएआर के तहत यहां 30 हजार वर्ग फीट निर्माण कराने की अनुमति होगी। निर्माण को फर्म या कारोबारी किसी किसी दूसरे कारोबारी या फर्म को 30 साल के लिए किराए पर या लीज पर दे सकेंगे। इससे होने वाली आय से वह अपनी लागत व मुनाफा निकालेंगे।
15 साल का एक्सटेंशन फिर समस्त निर्माण ननि का हो जाएगा
जो भी फर्म या कारोबारी यहां इस स्थान पर निर्माण करेंगे। उन्हें पहले फेज में 30 साल तक कब्जा दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें तत्कालीन दर पर 15 वर्ष के लिए जमीन-बिल्डिंग का उपयोग करने का एक्सटेंशन दिया जाएगा। इस तरह से फर्म या कारोबारी अधिकतम 45 साल तक इस जगह का उपयोग कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित बिल्डिंग या निर्माण नगर निगम के हैंडओवर करना ही होगा। कसंल्टेंट इंजी. सोनी के अनुसार ननि के इस
प्रपोजल में दो फर्म ने रुचि दिखाते हुए टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया है। उक्त प्रक्रिया को महापौर की अध्यक्षता वाली एमआईसी पास कर चुकी है। अब इसे नगर निगम परिषद में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद अधिकतम बोली लगाने वाली फर्म को ननि बिल्डिंग व कम्पाउंड उपयोग के लिए दिया जा सकता है।
22/11/2024



