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सेण्ट फ्रांसिस सेवाधाम हो सकता है हमेशा के लिए बंद !

जिला प्रशासन ने कार्यप्रणाली की दस खामियां गिनाकर शासन को भेजी, विधायकों- राष्ट्रीय एवं राज्य बाल आयोग की असहमति का भी हवाला दिया।

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सागर। विवादित कार्यप्रणाली के लिए चर्चित सेण्ट फ्रांसिस सोसायटी सागर द्वारा श्यामपुरा गांव में संचालित बालगृह एवं अनाथालय पर परमानेन्ट ताला लग सकता है। हाल ही में कलेक्टर दीपक आर्य की अनुशंसा पर महिला एवं बाल विकास विभाग सागर ने इस संस्थान पर लगे आरोप और वि विवादित कार्य प्रणाली की करीब 70 पेज की रिपोर्ट विभागीय मंत्रालय को भेजी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बीते दिसंबर में कलेक्टर से तीन बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जिनमें पूछा गया था कि संस्था कितने वर्षों से चल रही है। क्या संस्था में पूर्व में कभी कोई गंभीर त्रुटियां और शिकायतें सामने आईं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, ग्रामवासियों का संस्था के प्रति क्या रुख है, क्या स्थानीय लोगों को संस्था से कोई लाभ मिल रहा है।

बच्चे गायब हैं, गो मांस खिलाने का भी आरोप

विभाग द्वारा इन सवालों का शासन को जवाब भेजा गया है। जिसके अनुसार इस अनाथाश्रम के खिलाफ स्थानीय विधायक प्रदीप लारिया की मांग पर विधानसभा की समिति की जांच समिति गठित की गई। उन्होंने इस संस्था को मान्यता नहीं दिए जाने की भी अनुशंसा की है। सागर के विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया जा चुका है। जवाब में आगे बताया गया है कि छतरपुर से भेजे गए बच्चे यहां से गुम हो गए। जिनकी एफआईआर जुवेनाइल जस्टिस कमेटी, हाईकोर्ट जबलपुर की नाराजगी के बाद बहुत विलंब से दर्ज कराई गई। संस्थान में एक बच्ची दूसरे जिले की CWC द्वारा शिफ्ट कराई गई थी। जांच के दौरान मालूम हुआ कि यह किशोरी गर्भवती है। जिसके बारे में सेन्ट फ्रांसिस सेवा धाम ने CWC सागर को कोई सूचना नहीं दी। पूर्व में एक नाबालिग ने गो मांस खिलाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उसके पिता ने आश्रम प्रबंधन के खिलाफ FIR कराई थी। पिछले वर्ष राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग(NCPCR) की सदस्य से बदसलूकी पर FIR कराई गई।

 बगैर अनुमति संचालित, 400 एकड़ जमीन पर कब्जे का आरोप

वर्तमान में यह आश्रम बगैर अनुमति संचालित हो रहा है। वर्ष 2020 में इस संस्था के पंजीयन की अवधि खत्म हो चुकी है। वर्तमान में यह संस्थान पंजीयन की प्रत्याशा में संचालित हो रहा है। हालांकि शासन ने संस्था को सभी तरह के अनुदान देना बंद कर दिए हैं। पूर्व के वर्षों में विधायक लारिया ने इस आश्रम पर 400 एकड़ सरकारी जमीन हथियाने का भी आरोप लगाया था।

25/02/2024

 

 

 

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